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    June 6, 2025

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    रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री से हाथ मिलाने से किया किनारा, चीन का प्रस्ताव ठुकराया

    -कहा-पहले सीमा पर शांति बहाल होनी चाहिए, अब शांगफू ने कही यह बात

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- एलएसी पर तनाव के चलते भारत और चीन के रिश्तों में अभी भी तल्खी बनी हुई है। इसका अंदाजा इस बात लगाया जा सकता है कि गुरुवार शाम को जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दिल्ली में अपने चीनी समकक्ष से मिले तो दोनों ने एक दूसरे का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। दरअसल, भारत के रक्षा मंत्री ने बाकी सभी समकक्षों के साथ गर्मजोशी से हाथ मिलाया, लेकिन चीन के मंत्री ली शांगफू से हाथ मिलाने से किनारा कर लिया।
                       चीन के रक्षा मंत्री ने हाथ न मिलाने की घटना के बाद भी भारत के साथ संबंधों को स्थिर और सामान्य बताते हुए कहा कि चीन और भारत मतभेदों की तुलना में कहीं अधिक सामान्य हितों को साझा करते हैं।

    अन्य देशों के मंत्रियों से मिलाया हाथ
    भारत के रक्षा मंत्री का हाथ न मिलाना कोई आम बात नहीं है। जब भी राजनाथ सिंह किसी विदेशी समकक्ष से मिलते हैं तो हाथ मिलाकर स्वागत करते हैं। उन्होंने ईरान, कजाकिस्तान, ताजकिस्तान के अपने समकक्षों के साथ गुरुवार को भी हाथ मिलाया, जिसकी तस्वीरें भी शेयर कीं।

    चीन का ठुकराया प्रस्ताव
    गौरतलब है, चीन ने द्विपक्षीय बैठक शुरू होने से पहले ही दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग को फिर से शुरू करने का एक नया प्रस्ताव रखा था, लेकिन चीन के इस प्रपोजल को यह कहकर ठुकरा दिया गया कि ऐसा तभी संभव होगा जब बॉर्डर के हालात शांतिपूर्ण होंगे। चीन के रक्षा मंत्री सीमा विवाद को किनारे रख दोनों देशों के बीच नई शुरुआत की बात कह रह थे। जबकि राजनाथ ने साफ कर दिया कि आगे बढ़ने से पहले सीमा पर हालात सामान्य होने चाहिए। रिश्ते बिगड़े हैं, तो इसके लिए चीन ही जिम्मेदार है।

    ली ने कही सीमा पर शांति रखने की बात
    चीनी सेना की एक ऑनलाइन रिपोर्ट के अनुसार, ली शांगफू ने कहा कि चीन और भारत मतभेदों की तुलना में कहीं अधिक हित साझा करते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में चीन-भारत सीमा पर स्थिति स्थिर है। दोनों पक्षों ने सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से संचार बनाए रखा है। ली ने आगे कहा कि दोनों पक्षों को एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण रखना चाहिए। सीमा पर शांति बनाए रखने पर काम होना चाहिए।
                    उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि दोनों पक्ष सेनाओं के बीच आपसी विश्वास को लगातार बढ़ाने और द्विपक्षीय संबंधों के विकास में उचित योगदान देने के लिए मिलकर काम करेंगे।

    गुरुवार को हुई थी दोनों मंत्रियों की मुलाकात
    रक्षा मंत्री ने गुरुवार को अपने चीनी समकक्ष ली शांगफू से करीब 45 मिनट मुलाकात की थी। भारत ने साफ संदेश दिया था कि मौजूदा सीमा समझौतों का चीन ने उल्लंघन किया है और इससे दोनों देशों के संबंधों की बुनियाद को नुकसान पहुंचा है। राजनाथ ने साफ कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सभी मुद्दों का समाधान द्विपक्षीय समझौतों के तहत निकाला जाना चाहिए। रक्षा मंत्री ने ली शांगफू से कहा कि पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले बाकी पॉइंट्स से सैनिकों की वापसी के बाद तनाव कम करने की दिशा में काम होना चाहिए।

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