यूपी-पंजाब समेत 5 राज्यों के छात्र ऑस्ट्रेलिया में बैन, यूनिवर्सिटीज का एडमिशन से इनकार,

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यूपी-पंजाब समेत 5 राज्यों के छात्र ऑस्ट्रेलिया में बैन, यूनिवर्सिटीज का एडमिशन से इनकार,

-बोलीं- स्टूडेंट वीजा पर आते हैं और नौकरी करने लगते हैं

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/कैनबरा/शिव कुमार यादव/- ऑस्ट्रेलिया की कई यूनिवर्सिटीज ने भारत के 4 राज्यों और यूटी जम्मू-कश्मीर के छात्रों के एडमिशन पर बैन लगा दिया है। ऑस्ट्रेलियन न्यूज पेपर सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया की 2 बड़ी यूनिवर्सिटी ने अपने एजुकेशन एजेंट्स को पिछले हफ्ते एक लेटर लिखा था। इसमें पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के छात्रों का दाखिला नहीं करने का निर्देश दिया गया था।
                ऑस्ट्रेलिया का होम अफेयर डिपार्टमेंट कश्मीर समेत इन 4 राज्यों के छात्रों की वीजा एप्लिकेशन लगातार खारिज कर रहा है। पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया की 4 यूनिवर्सिटी ने भारतीय छात्रों पर आरोप लगाए थे कि वो स्टूडेंट वीजा का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। कहा था- लोग स्टूडेंट वीजा लेकर पढ़ने की बजाय नौकरी के लिए ऑस्ट्रेलिया आ रहे हैं।

चार स्टूडेंट वीजा में एक फ्रॉड, दाखिले की पॉलिसी सख्त होगी
वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी ने बताया कि 2022 में कई भारतीय छात्रों ने दाखिले कराए, लेकिन पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। यूनिवर्सिटी ने एजेंट्स को बताया कि ऐसा करने वालों में ज्यादातर स्टूडेंट्स पंजाब, गुजरात और हरियाणा से हैं। इन राज्यों के छात्रों पर लगा बैन जून तक जारी रहेगा।
                 आगे ऐसा होने से रोकने के लिए दाखिले की पॉलिसी को और सख्त बनाया जा रहा है। होम अफेयर्स डिपार्टमेंट की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत से आने वाली हर 4 में से 1 स्टूडेंट वीजा की एप्लिकेशन फ्रॉड है। इसके चलते ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई के लिए लगाई जाने वाली एप्लिकेशन का रिजेक्शन रेट भी बढ़ कर 24.3 फीसदी हो गया है। जो पिछले 13 सालों में सबसे ज्यादा है।

ऑस्ट्रेलियाई एजेंट्स को विदेशी छात्रों के लिए मोटा कमीशन मिलता है
सिडनी हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटीज विदेशों छात्रों के दाखिले के लिए पूरी तरह एजेंट्स पर निर्भर हैं। दाखिले के लिए स्टूडेंट और यूनिवर्सिटी दोनों एजेंट्स को अप्रोच करते हैं। जिसके बदले यूनिवर्सिटीज एजेंट्स को मोटा कमीशन देती हैं।

                रिपोर्ट में बताया गया है कि 2022 में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने विदेशी स्टूडेंट्स के काम करने की पॉलिसी में अहम बदलाव किया था। जिसके बाद से स्टूडेंट वीजा की मांग और तेज हुई । दरअसल, नए बदलाव के तहत ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने जाने वाले विदेशी छात्रों के काम करने पर लगी लिमिट को हटा दिया गया था। यानी अब छात्र कितने घंटे भी काम कर सकते हैं। हालांकि अब इस पॉलिसी को फिर से बदलने की तैयारी हो रही है। अल्बनीज सरकार फिर से छात्रों के काम करने के समय पर पाबंदी लगाने जा रही है।

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पीएम मोदी ने कहा था- छात्र दोनों देशों को करीब ला रहे
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों पर बैन लगाने के मामले ने उस वक्त तूल पकड़ा है, जब एक दिन पहले बुधवार को ही प्रधानमंत्री मोदी ऑस्ट्रेलिया से 2 दिन की यात्रा कर भारत वापस लौटे हैं। सिडनी में 20 हजार लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि स्टूडेंट्स दोनों देशों को और करीब ला रहे हैं। उन्होंने ये भी बताया था कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक-दूसरे की एजुकेशन डिग्रियों को मान्यता देने पर बातचीत आगे बढ़ी है।

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