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    मृदा दिवस पर केविके की योजनाओ का लाभ उठाये किसान- सुमन डागर

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कृषि विज्ञान केंद्र उजवा में विश्व मृदा दिवस के मौके पर किसानों को संबोधित करते हुए नजफगढ़ निगम जोन की चेयरपर्सन सुमन डागर ने कहा कि किसान भाई केविके की योजनाओं की जानकारी लेकर उनका लाभ उठायें। केविके उजवा में विश्व मृदा दिवस पर किसानों को खेती प्रबंधन व जैव विविधता पर विस्तृत जानकारी देने के लिए एक सेमिनार का आयोजन किया गया था जिसमें नजफगढ़ देहात के करीब 50 किसानों ने भाग लेकर खेती से जुड़ी अपनी समस्याओं का निराकरण किया। इस मौके पर केंद्र के अध्यक्ष डा. पी के गुप्ता ने मुख्य अतिथि व किसानों का स्वागत किया।
    यहां बता दें कि हर वर्ष 5 दिसंबर को दुनिया भर में विश्व मृदा दिवस मनाया जाता है। दिसंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 68वीं सामान्य सभा की बैठक में पारित संकल्प के द्वारा 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाने का संकल्प लिया गया था। इस संबंध मंे जानकारी देते हुए श्री पी के गुप्ता ने कहा कि केविके उजवा में इस दिवस को मनाने का उद्देश्य किसानों के साथ आम लोगों को मिट्टी की महत्ता के बारे में जागरूक करना है। विश्व मृदा दिवस 2020 की थीम पर्यावरण प्रेमियों से संबंधित इस वर्ष का अभियान है मिट्टी को जीवित रखना, मिट्टी की जैव विविधता की रक्षा करना है। विश्व के कई हिस्सों में उपजाऊ मिट्टी बंजर हो रही है जिसका कारण किसानों द्वारा ज्यादा रासायनिक खादों और कीटनाशकों दवाइयों का इस्तेमाल करना है। ऐसा करने से मिट्टी के जैविक गुणों में कमी आने की वजह से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता में गिरावट आ रही है किसानों को आम लोगों को मिट्टी की सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए यह दिन विशेष तौर पर मनाया जाता है।

    इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित हुई सुमन डागर चेयरमैन नजफगढ़ जोन एसडीएमसी की चेयरपर्सन सुमन डागर ने किसानो को संबोधित करते हुए कहा कि यह दिवस किसान भाइयों-बहनों के लिए खास है क्योंकि ऐसे अवसर पर हम अपने खेतों की मिट्टी से संबंधित सभी जानकारी आपस में व कृषि विशेषज्ञों के साथ शेयर कर सकतें हैं। किसानों को इस अवसर का लाभ लेना चाहिए एवं अपने खेत की मिट्टी व पानी की जांच के पश्चात केवीके एवं अन्य कृषि संस्थानों के विशेषज्ञों से राय लेकर उसका प्रबंधन करना चाहिए। उन्होने बताया कि एसडीएमसी नजफगढ़ जोन में भी स्कूलों में अपशिष्ट का निर्माण किया जा रहा है। खाद बनाकर उसका उपयोग हम अपने खेतों व घरों में उगाई जा रही सब्जिायों में कर सकते है। इस अवसर पर केंद्र की गृह विज्ञान विशेषज्ञ डा. रितू सिंह ने उपस्थित किसान भाइयों एवं बहनों का स्वागत किया। साथ ही मृदा दिवस की महत्व को बताया। केंद्र के मृदा विशेषज्ञ बृजेश यादव ने मृदा एवं जल के नमूने लेने के तरीके, उसका परीक्षण, रिपोर्ट के आधार पर खाद एवं प्रबंधन कैसे करें की पूर्ण जानकारी दी। केंद्र के बागवानी विशेषज्ञ राकेश कुमार ने सब्जियों में एकीकृत पोषक प्रबंधन में मृदा की जांच के लाभ, उत्पादन एवं गुणवत्ता में वृद्धि के बारे में विस्तृत से बताया। उन्होंने बताया कि खासकर सब्जियों-फलों में मामूली सूक्ष्म तत्वों के अभाव में भारी नुकसान हो जाता है, इसलिए यह जरूरी है कि मृदा जांच के बाद पोषक तत्वों का प्रबंधन हो। डा. समर पाल सिंह नेकहा कि फसलों का चुनाव खाद एवं प्रबंधन एवं पानी के जांच के अनुसार हो। साथ ही उन्होंने जैविक खेती में मृदा जांच के महत्व पर प्रकाश डाला। केवीके के फसल सुरक्षा विशेषज्ञ डा. डी के राणा ने मृदा व फसल सुरक्षा जांच का महत्व एवं एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन के बारे में बताया। कार्यक्रम के समापन पर केंद्र के अध्यक्ष डा. पी के गुप्ता ने सेमिनार में उपस्थित सभी अतिथियों एवं किसानों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर दिल्ली क्षेत्र के लगभग 50 किसानों ने भाग लिया।

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