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    June 4, 2025

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    मां जैसा दुनिया में कोई कहां, मातृ दिवस पर विशेष 

    -115 साल पहले इस लड़की ने की थी मदर्स डे मनाने की शुरूआत

    नई दिल्ली/अनिशा चौहान/- आज भारत समेत कई देशों में मदर्स डे सेलिब्रेट किया जा रहा है। मां एक ऐसा रिश्ता जिसे धरती का भगवान कहते हैं। एक मां अपने बच्चे के लिए किसी भी हद तक गुजरने को तैयार रहती है। जितना बलिदान एक मां अपने बच्चे के लिए करती है उतना कोई नहीं करता। संस्कृति चाहे कोई भी हो मां का रिश्ता सभी संस्कृति में सर्वोपरि होता है। अलग-अलग संस्कृतियों में साल में एक विशेष दिवस तय किया जाता है, जिस दिन माताओं और मदरहुड को सेलिब्रेट करते हैं। हर साल भारत समेत कई देशों में मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाते हैं। ऐसे में आज जानेंगे आखिर इसकी शुरुआत कैसे हुई और सबसे पहले इसे कब मनाया गया था।  

    इन्होंने की थी शुरुआत 

    मातृ दिवस का इतिहास संवैधानिक रूप से अनेक देशों में भिन्न-भिन्न है, लेकिन इसकी मूल धारा स्थापित करने वाली व्यक्ति अन्न जर्विस नामक एक महिला है। उन्होंने 1908 में अमेरिका के वेस्ट वर्जीनिया राज्य में एक सामाजिक समारोह का आयोजन किया था, जिसे “Mother’s Day Work Clubs” कहा जाता था, जिसका मुख्य उद्देश्य था माताओं और बच्चों की स्वास्थ्य देखभाल करना।

    संसद में पेश किया प्रस्ताव

    इसके बाद, उनकी बेटी आना जर्विस ने उनके संदेश को आगे बढ़ाते हुए 1914 में मातृ दिवस का आधिकारिक रूप से मनाने का प्रस्ताव राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन के समर्थन से संसद में पेश किया। इस प्रस्ताव को 1914 में राष्ट्रपति विल्सन ने मंजूरी दी, और तब से हर साल मातृ दिवस को दूसरा रविवार मई के महीने में मनाया जाता है। आज, मातृ दिवस को अनेक देशों में अलग-अलग तारीखों में मनाया जाता है, लेकिन इसकी धारावाहिकता माँ की महत्वपूर्ण भूमिका को समझने और माँ को सम्मानित करने के लिए हमेशा ही मौजूद रहती है।

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