नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- मंजीत महाल गैंग के एक कुख्यात बदमाश को स्पेशल सेल ने कापसहेड़ा से गिरफ्तार किया है। उसके पास से एक पिस्तौल और चार जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। आरोपी लूट और हत्या प्रयास की वारदातों में शामिल रहा है। वह जेल में बंद गैंगस्टर मंजीत महाल के इशारे पर राजस्थान से ऑपरेट कर रहा था। पुलिस फिलहाल उससे पूछताछ कर रही है।
डीसीपी प्रमोद कुशवाहा के अनुसार स्पेशल सेल की टीम को सूचना मिली थी कि लूट की कई वारदातों में फरार चल रहा वांछित शक्ति सिंह कापसहेड़ा ईलाके में घूम रहा हैं। वह मंजीत महाल गैंग का सदस्य है। उसने विकास दलाल के साथ मिलकर लूट की कई वारदातों को अंजाम दिया है। इनमें पेट्रोल पंप पर हुई लूट की तीन वारदातें, हत्या प्रयास और कार लूट शामिल है। पेट्रोल पंप लूट की तीन वारदातों और हत्या प्रयास की वारदात में सीसीटीवी फुटेज सामने आई थी। इसमें उसे विकास दलाल के साथ देखा गया था। 2019 में द्वारका इलाके से लूटी गई गाड़ी का इस्तेमाल विकास दलाल ने द्वारका मोड़ पर बदमाशों के ऊपर हमला करने के लिए किया था। इस घटना में उसकी मौत हो गई थी।
विकास दलाल की मौत के बाद शक्ति हरियाणा और दिल्ली छोड़कर राजस्थान चला गया और वहां पर किराए के मकान में रहने लगा। वह राजस्थान से ही अपना गैंग ऑपरेट कर रहा था। स्पेशल सेल को पता चला कि तिहाड़ जेल में बंद मंजीत महाल के इशारे पर वह राजस्थान से ऑपरेट कर रहा है। इस जानकारी पर इंस्पेक्टर संजय गुप्ता और राजेश कुमार की टीम लगभग 2 महीने से उसके पीछे लगी हुई थी। पुलिस टीम को पता चला कि वह कापससेड़ा इलाके में आएगा। इस जानकारी पर रात के समय पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। तलाशी में उसके पास से एक पिस्तौल और चार जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। इसे लेकर आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया गया है।
गिरफ्तार किया गया आरोपी शक्ति सिंह पानीपत का रहने वाला है. गांव के स्कूल 11वीं कक्षा तक पढ़ा है। इस दौरान वह बुरी संगत में पड़कर आपराधिक वारदातों को अंजाम देने लगा. उसकी बुरी आदतों से परेशान होकर उसके पिता पानीपत से द्वारका आ गए। यहां उसने ग्रेजुएशन की लेकिन अपराधिक गतिविधियों में वह लिप्त रहा। ट्रैफिक पुलिस से झगड़े में उसे पहली बार गिरफ्तार किया गया था. वह 4 दिन जेल में रहा था।
साल 2018 में उसने अपने साथी नीरज और भोजराज के साथ मिलकर एक युवक पर गोली चलाई थी। इस मामले में वह गिरफ्तार हुआ था और 6 महीने तक जेल में रहा था। जेल में उसकी मुलाकात विकास दलाल से हुई। शक्ति जमानत पर बाहर निकला जबकि विकास पुलिस हिरासत से फरार हो गया था। इसके बाद दोनों मिलकर अपराध करने लगे। विकास दलाल के माध्यम से वह मंजीत महाल से जुड़ा। 2019 में उनका साथी गौरव सरेंडर करना चाहता था। यह बात जब विकास दलाल और शक्ति को उसने बताई तो उन्होंने उसे गोली मार दी थी। पुलिस को 5 मामलों में उसकी तलाश थी।
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