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    भारत में अपने संयंत्र लगायेंगी चीनी स्मार्टफोन कंपनियां, मोदी सरकार की नई नीति का असर

    -पीएलआई स्कीम का लाभ उठाने के लिए कंपनियां ले रही निर्णय, भारत को होगा फायदा

    नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- भारत में बढ़ते स्मार्टफोन की मार्किट को देखतें हुए ज्यादातर बड़ी कंपनियां अब भारत में ही अपने स्मार्टफोन का उत्पादन करने का निर्णय ले चुकी हैं। मोदी सरकार की तरफ से स्मार्टफोन कंपनियों पर भारत में उत्पादन करने को लेकर दबाव बनाया जा रहा था। अब इसको लेकर कंपनियां भी फॉलो कर रही है। ऐसे में चीनी स्मार्टफोन कंपनियों ने भी मोदी सरकार की नई नीतियों के तहत भारत में आने संयंत्र लगाने की इच्छा जता दी है। चीनी कंपनियों के इस कदम से भारत को व बड़े स्मार्टफोन मैनुफैक्चरर को काफी फायदा हो सकता है।

    ओप्पो, वीवो और रीयलमी की नजर अब ऐसी ही भारतीय कंपनियों पर है। भारत की प्रोडक्शन-लिंक इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम को देखते हुए ये फैसले लिए गए हैं। ऐसे में कई स्मार्टफोन मैनुफैक्चरिंग कंपनियों को भविष्य में भी फायदा हो सकता है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत सरकार बहुत पहले से चाहती थी कि चीनी स्मार्टफोन भी देश में ही बनें। इससे फोन की कीमत भी कम हो सकती है।

    मोदी सरकार ने दिया था प्रेशर
    भारत सरकार की तरफ से लगातार दबाव भी बनाया जा रहा था। अब इस फैसले को चीन भी मान गया है। ऐसे में कहा जा सकता है कि ये फैसला भारतीयों के लिए भी काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। चीनी स्मार्टफोन कंपनियां भी इस फैसले से काफी खुश हैं। ओप्पो और वीवो ने भारत में बड़ी मैनुफैक्चरिंग यूनिट स्थापित की है। दोनों ही कंपनियां पहले ही ठठज्ञ ळतवनच की मदद से भारत में फोन बना रही हैं।

    पीएलआई का फायदा सैंमसंग को मिल रहा
    अब रियलमी, वनप्लस और आईक्यूओओ जैसे ब्रांड्स भी इसमें आ गए हैं। कॉन्ट्रैक्ट मैनुफैक्चरर के साथ पार्टनरशिप करने के बाद ओप्पो और वीवो भारतीय मार्केट में अपना शेयर बढ़ाना चाहते हैं। इससे सैमसंग को कड़ी टक्कर मिलने वाली है। लेकिन सैमसंग पहले ही पीएलआई स्कीम का फायदा उठा रहा है। अभी बीबीके ग्रुप्स सबसे ज्यादा स्मार्टफोन बना रहा है। ऐसे में ये उनके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।

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