भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित है माता का चमत्कारी मंदिर

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031  
December 23, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित है माता का चमत्कारी मंदिर

- युद्ध से जुड़ी कई अजीबोगरीब यादें

मानसी शर्मा /-  शारदीय नवरात्र महोत्सव कल रविवार से है। इसको लेकर राजस्थान के जैसलमेर में अंतर्राष्ट्रीय भारत पाक सीमा पर स्थित तनोट माता मंदिर में नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि को लेकर BSF की तैयारी जोरों सोरों से चल रही हैं। जैसलमेर से थार रेगिस्तान में 120 किमी दूर सीमा के पास स्थित है तनोट माता का मंदिर, भारत पाक सीमा पर बने तनोट माता के मंदिर से भारत-पाकिस्तान युद्ध की कई अजीबोगरीब यादें जुडी हुई हैं।

देश की पश्चिमी सीमा के निगेहबान जैसलमेर जिले की पाकिस्तान से सटी सीमा बना यह तनोट माता का मंदिर अपने आप में अद्भुत मंदिर हैं। सीमा पर बना यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था के केन्द्र के साथ साथ भारत पाक के 65 व 71 के युद्ध का मूक गवाह भी है। ये माता के चमत्कार ही है जो आज इसे श्रद्धालुओं और सेना के दिलों में विशेष स्थान दिलाये हुए है। बीएसएफ के जवानों द्वारा अब मंदिर की पूरी देखरेख की जाती है।

मंदिर की सफाई से लेकर पूजा अर्चना और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिये सुविधाएं जुटाने तक का सारा काम अब बीएसएफ बखूबी निभा रही है। वर्ष भर यहां आने वाले श्रद्धालुओं की जिनती आस्था इस मंदिर के प्रति है उतनी ही आस्था देश के इन जवानों के प्रति भी है जो यहां देश की सीमाओं के साथ साथ मंदिर की व्यवस्थाओं को भी संभाले हुए है। बीएसएफ ने यहां दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालुओं के लिये विशेष सुविधांए भी जुटा रखी है और मंदिर और श्रद्धालुओं की सेवा का जज्बा यहां जवानों में साफ तौर से देखने को मिलता है।

सेना द्वारा यहां पर कई धर्मशालाएं, स्वास्थ्य कैम्प और दर्शनार्थियों के लिये वर्ष पर्यन्त निशुल्क भोजन की व्यवस्था की जाती है। नवरात्रों के दौरान जब दर्शनार्थियों की भीड बढ जाती है तब सेना अपने संसाधन लगा कर यहां आने वाले लोगों को व्यवस्थाएं प्रदान करती है। देशभर की विभिन्न शक्ति पीठों के बीच अपनी खास पहचान स्थापित करने वाला यह मंदिर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करने के साथ ही सदियों से सीमा का प्रहरी बना हुआ है। यहां पर आने वाला श्रद्धालु मन्नत मांगने के साथ ही एक रूमाल यहां बांधता है। मन्नत पूरी होने के बाद वे ये रूमाल खोलने और मां का धन्यवाद करने आते हैं।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox