
नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले का मास्टर माइंड आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाया जा चुका है। एयरपोर्ट पंहुचते ही आरोपी तहव्वुर राणा को एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आधिकारिक बयान में कहा- कई वर्षों की कानूनी लड़ाई और दोनों देशों के बीच लगातार प्रयासों के बाद यह प्रत्यर्पण संभव हो पाया। राणा के प्रत्यर्पण से आतंकी हमले में पाकिस्तान सरकार की भूमिका उजागर होने की उम्मीद है।

तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर एनआईए का बयान
एनआईए की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में लिखा गया है कि, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को बड़ी सफलता हाथ लगी है। 2008 के 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित कर लिया गया है। कई वर्षों की कानूनी लड़ाई और दोनों देशों के बीच लगातार प्रयासों के बाद यह प्रत्यर्पण संभव हो पाया। तहव्वुर राणा को अमेरिका में भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत हिरासत में लिया गया था। उसके खिलाफ भारत की तरफ से जारी किए गए प्रत्यर्पण वारंट के बाद यह प्रक्रिया शुरू हुई। राणा ने अमेरिकी अदालतों में कई अपीलें दायर कीं ताकि वो प्रत्यर्पण से बच सके, लेकिन अंततः उसे सभी कानूनी विकल्पों में असफलता मिली। इसके बाद अमेरिका सरकार ने भारत को राणा को सौंपने की अनुमति दी। 16 वर्षों के बाद भारत के लिए अपने आप में इस सरकार द्वारा एक बड़ी, कूटनीतिक, ऐतिहासिक सफलता है…उसे 16 वर्षों बाद अपने गुनाहों की सजा मिलेगी… तहव्वुर राणा बताएगा कि इसमें कौन-कौन शामिल था, अब बहुत से राज खुलेंगे’।

राणा के प्रत्यर्पण को लेकर कांग्रेस पर बरसे अनुराग ठाकुर
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण पर कहा, राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से मैं इतना ही कहना चाहता हूं कि कांग्रेस की सरकारों के समय चाहे कसाब आया, तहव्वुर राणा आया। ऐसे लोगों ने आकर सिर्फ बम धमाके ही किए, हिंदुस्तान में एक नहीं अनेकों बम धमाके कांग्रेस सरकार में हुए लेकिन कांग्रेस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही… फर्क इतना ही है कि कांग्रेस के समय बम धमाके होते थे और मोदी सरकार में बम धमाके करने वालों को पकड़ा जाता है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है।

तहव्वुर राणा पहले ही भारत ले आना चाहिए था- अवधेश प्रसाद
6/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा, हमें अपनी न्यायपालिका पर गर्व है। ऐसे मामले में कानून अपना काम करेगा और न्यायपालिका ऐसा फैसला देगी कि देश में ऐसी घटना फिर कभी नहीं होगी… वे(भाजपा) पिछले 10 सालों से केंद्र में सत्ता में हैं, उन्हें उसे (तहव्वुर राणा) पहले ही भारत ले आना चाहिए था।
उम्मीद है कि कठोर कार्रवाई की जाएगी- डिंपल यादव
समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव ने 26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर कहा, मुझे उम्मीद है कि कठोर कार्रवाई की जाएगी… यह राष्ट्र से जुड़ा मामला है और इस पर राजनीति न की जाए तो बेहतर होगा।
तहव्वुर ने कनाडा में की थी हेडली की भर्ती-संदीप सेन
26/11 के आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई का नेतृत्व करने वाले पूर्व एनएसजी अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) संदीप सेन ने तहव्वुर हुसैन राणा के अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण पर कहा कि, जहां तक भारत का सवाल है, 26/11 को जो हुआ, वह कसाब और अन्य जैसे निचले स्तर के संचालकों द्वारा की गई कार्रवाई थी… पाकिस्तानी सेना के सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारी मेजर तहव्वुर हुसैन राणा वास्तव में वह व्यक्ति थे जो कनाडा में स्लीपर सेल का संचालन कर रहे थे, जिसके माध्यम से हेडली की भर्ती की गई थी। वह ऑपरेशन का एक अहम हिस्सा हैं और पूरे ऑपरेशन की बारीकियों, इसमें शामिल लोगों और अभी भी पर्दे के पीछे के लोगों के बारे में बहुत कुछ जानते हैं… उनका भारत वापस आना बहुत महत्वपूर्ण है।’
कांग्रेस नेता ने दिखाई आतंकी से हमदर्दी, दिये तर्क
26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, उसने अपना अपराध स्वीकार नहीं किया है, जबकि डेविड कोलमैन हेडली ने इसमें भूमिका निभाने की बात स्वीकार की है। इसलिए अमेरिकी सरकार ने हेडली को मुखबिर बनाने का फैसला किया…उन्होंने उसे अपनी ड्रग प्रवर्तन एजेंसी में शामिल किया है। ताकि ड्रग तस्करी पर लगाम लगाई जा सके। वह अब अमेरिकी पेरोल पर है। 2009 से 2025 तक की लंबी लड़ाई के बाद आज उनमें से एक को वापस लाया जा रहा है…मुकदमा चलेगा। हम मांग करते हैं कि जैसे कसाब के लिए भारतीय कानूनों के तहत उचित मुकदमा चला, उसे अपनी बात कहने और वकील रखने का अधिकार था – उसे वकील दिया गया और उसे उच्च न्यायालय के साथ-साथ सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने का अवसर मिला। इन सबके बाद फैसला सुनाया गया; उसी तरह, जब राणा के लिए मुकदमा चलेगा, तो उसे भी कानूनी अधिकार दिए जाने चाहिए और उसे जो भी सजा दी जाएगी, उसे स्वीकार करना होगा। हमारे देश में कंगारू कोर्ट काम नहीं करेगा’।
तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर इस्राइल की प्रतिक्रिया
भारत में इस्राइल के राजदूत रियुवेन अजार ने कहा, ’26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए भयानक और वीभत्स आतंकवादी हमलों के अपराधियों में से एक के भारत प्रत्यर्पण के बारे में सुनकर हम उत्साहित हैं। इस हमले में इस्राइलियों समेत 170 से अधिक निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। मैं आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए भारत सरकार को उसकी दृढ़ता के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।’
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