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    भारतीय ज्ञान परम्परा के प्रचार-प्रसार में हिन्दू अध्ययन केन्द्र की विशेष भूमिका : डॉ. ज्वाला प्रसाद

    नई दिल्ली/अनीशा चौहान/-   श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के आधुनिक विद्यापीठ के अंतर्गत मानविकी विभाग एवं हिन्दू अध्ययन विभाग द्वारा स्वर्णजयंती सभागार में परास्नातक विद्यार्थियों के लिए एक अभिविन्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यवक्ता के रूप में डॉ. ज्वाला प्रसाद (निदेशक, गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति) ने विद्यार्थियों को संबोधित किया।

    डॉ. ज्वाला प्रसाद ने अपने वक्तव्य में कहा कि आधुनिक विद्यापीठ के विद्यार्थियों के भविष्य में अपार संभावनाएं हैं। वे केंद्रीय प्रशासनिक सेवा के साथ ही राज्य प्रशासनिक सेवाओं, शिक्षण एवं शिक्षणेत्तर क्षेत्रों में कार्य कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, भारत आज एक टूरिज्म हब बन रहा है, जो इन विद्यार्थियों के लिए एक बड़ा प्लेटफार्म प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि अपनी भाषा कौशल के आधार पर ये विद्यार्थी अभिनय, प्रबंधन एवं पत्रकारिता के क्षेत्र को भी चुन सकते हैं, इसके लिए उन्हें अपने निर्धारित लक्ष्य की दिशा में निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता होगी।

    कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुरली मनोहर पाठक ने की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि कोई भी लक्ष्य छोटा या बड़ा नहीं होता, आवश्यकता उस लक्ष्य को प्राप्त करने के साधन की है। आत्म संयम, आत्म नियंत्रण एवं ईमानदारी से निरंतर प्रयास करने से लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक विषय के विद्यार्थियों का भविष्य उज्जवल है और रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, विद्यार्थियों को सिर्फ जुझारूपन दिखाने की आवश्यकता है। साथ ही, हमारा विश्वगुरु बनने का लक्ष्य तभी साकार हो सकता है जब देश के युवाओं को आधुनिकता के साथ पारंपरिक ज्ञान का भी समावेश हो।

    कार्यक्रम का विषय प्रवर्तन आधुनिक विद्यापीठ की पीठप्रमुख प्रो. मीनू कश्यप ने किया, जबकि कार्यक्रम के समन्वयक छात्र कल्याण पीठ प्रमुख प्रो. शिवशंकर मिश्र रहे, जिन्होंने स्वागत भाषण भी दिया। कार्यक्रम का सत्र संचालन मानविकी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. ब्रजेश कुमार मिश्र ने किया और आभार व्यक्त मानविकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. जगदेव कुमार शर्मा ने किया।

    इस अवसर पर साहित्य संस्कृति पीठ की प्रमुख प्रो. कल्पना जैन, सह-आचार्य डॉ. अभिषेक तिवारी, डॉ. रमेश कुमार, डॉ. नवदीप जोशी, डॉ. आलोक कुमार, डॉ. श्वेता यादव, डॉ. हिमानी शर्मा, डॉ. नीरज भारद्वाज, डॉ. प्रियंका मिश्र, डॉ. जीवन जोशी, डॉ. श्रद्धा सहित विश्वविद्यालय के 200 से अधिक परास्नातक विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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