लंदन/शिव कुमार यादव/- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने ब्रिटेन में लोकतंत्र को बचाने के लिए कट्टरपंथ के खिलाफ सख्त रूख अख्तियार करते हुए कहा कि आज कट्टरपंथी ताकतें देश को तोड़ने और बहु-धार्मिक पहचान को कमजोर करने में जुटी हुई है। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही किया जायेगा। आज देश को ऐसी ताकतों से लड़ने की जरूरत है। साथ ही उन्होने कट्टरपंथियों को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि अगर किसी ने ब्रिटेन में कट्टरपंथ फैलाया तो उसके खिलाफ न केवल सख्त कार्यवाही की जायेगी बल्कि उसका वीजा भी कैंसिल कर दिया जायेगा।
उन्होंने अपनी बात रोडशेल उपचुनाव के नतीजे आने के बाद 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर भाषण दौरान कही। उन्होंने साफ तौर पर चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसी इस्लामी कट्टरपंथी या धुर दक्षिणपंथी ने ब्रिटेन में नफरत फैलाने का प्रयास किया तो वो उसका वीजा कैंसिल करने से पहले हिचकेंगे नहीं।
उन्होंने हमास-इजरायल के बीच चल रहे युद्ध की वजह से जो देश में प्रदर्शन हो रहे हैं उसपर बात की। उन्होंने कहा, “हमारी सड़कों पर विरोध प्रदर्शन के रूप में जो शुरू हुआ, वह डराने-धमकाने, धमकियों और हिंसा के नियोजित कृत्यों में बदल गया है। यहूदी बच्चे स्कूल की वर्दी पहनने से डरते हैं कि कहीं इससे उनकी पहचान उजागर न हो जाए। मुस्लिम महिलाओं को आतंकी संगठन के कारण ताने सुनने पड़ते हैं जबकि उनका हमले से कोई लेना-देना नहीं है। ये हमारे लोकतंत्र पर खतरा है।”
उन्होंने कहा, “इस्लामी कट्टरपंथ और धुर दक्षिणपंथ लोग जहर फैलाने का काम कर रहे हैं। इनका मकसद एक इंसान के तौर पर हमारे आत्मविश्वास और भविष्य को खत्म कर देना है। ये चाहते हैं कि हम लोग एक दूसरे पर शक करें। खुद पर शक करें। हमारी उपलब्धियों पर शक करें।”
उन्होंने डर जताया कि वो लोग जो ब्रिटेन में दुनिया का सबसे सफल बहु-जातीय, बहु-आस्था वाले लोकतंत्र के निर्माण का प्रयास कर रहे हैं, उसे कट्टरपंथी ताकतें कमजोर करने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा, “कुछ ऐसी ताकतें हैं जो हमें तोड़ने की कोशिश कर रही हैं लेकिन अब वक्त आ गया है कि हम सब इन बाँटने वाली ताकतों के खिलाफ एक साथ खड़े हों और इस जहर को मात दें।”
पीएम सुनक ने अपनी स्पीच में कहा कि जो लोग वीजा पर हैं अगर वो ब्रिटेन में नफरत फैलाने का प्रयास करते हैं तो उनका वीजा रद्द किया जाएगा। उन्होंने अपील की कि ब्रिटेन में होने वाले शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर कट्टरपंथियों द्वारा न कब्जा किया जाए।
उन्होंने कहा, “जो आप्रवासी यहाँ आए हैं उन्होंने संपूर्ण रूप से अपना योगदान दिया है। उन्होंने हमारे देश की कहानी में एक नया अध्याय लिखने में मदद की है। उन्होंने ऐसा अपनी पहचान छोड़े बिना किया है।” वह आगे बोले, “मुझे ब्रिटेन पर बहुत गर्व है। मैं यहाँ का पहला अश्वेत प्रधानमंत्री हूँ३ जो सबको साथ लेकर चलने वाली सरकार का नेतृत्व कर रहा है। इससे पता चलता है कि आपकी सफलता इससे तय नहीं होगी कि आपकी जाति, आपका रंग, आपका धर्म क्या है? या आप कहाँ पर पैदा हुए हैं।”
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