नई दिल्ली/उमा सक्सेना/- बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा संचालित 10 दिवसीय सनातन पदयात्रा आज अपने अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर रही है। यह आध्यात्मिक यात्रा, जो 7 नवंबर को दिल्ली से शुरू हुई थी, हरियाणा होते हुए अब पवित्र नगरी वृंदावन में भव्य समापन की ओर बढ़ रही है।
आज यात्रा जैत गांव से लगभग 7 किलोमीटर लंबे मार्ग पर आगे बढ़ते हुए वृंदावन पहुंचेगी, जहाँ हजारों श्रद्धालु भजन, कीर्तन और जयकारों के बीच इस दिव्य यात्रा के साक्षी बन रहे हैं।

चार धाम परिसर में अंतिम दिन का विशाल आयोजन
यात्रा के वृंदावन पहुँचने पर चार धाम परिसर में एक बड़ी सभा का आयोजन होगा। देश के अलग–अलग हिस्सों से संत और धार्मिक गुरु इस समारोह में भाग लेने के लिए पहुँच रहे हैं।
समापन कार्यक्रम में जगद्गुरु रामभद्राचार्य, देवकीनंदन महाराज, इन्देश उपाध्याय सहित ब्रज क्षेत्र के कई प्रमुख साधु-संत उपस्थित रहेंगे। सभी अपने–अपने उद्बोधन में सनातन संस्कृति, सामाजिक समरसता और अध्यात्म की शक्ति को रेखांकित करेंगे।
मुख्यमंत्री मोहन यादव और कई बड़े नेता दिखा सकते हैं उपस्थिति
सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी इस अवसर पर वृंदावन पहुंच सकते हैं।
इसके अलावा भाजपा सांसद वीडी शर्मा, और उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली तथा मध्य प्रदेश सरकारों के कई मंत्री भी कार्यक्रम का हिस्सा बन सकते हैं। राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर भी इस आयोजन को लेकर गहरी रुचि देखने को मिल रही है।
फ़िल्मी दुनिया और सांस्कृतिक हस्तियों की भागीदारी
इस पूरी यात्रा में सिनेजगत और कला से जुड़े कई कलाकारों ने भी पं. धीरेंद्र शास्त्री के साथ कदम मिलाए।
पदयात्रा जहां–जहां से गुज़री, वहां स्थानीय लोगों ने उत्साह के साथ स्वागत किया और धार्मिक माहौल से पूरा मार्ग सराबोर हो उठा।
यात्रा का उद्देश्य—एकता, सकारात्मकता और युवा पीढ़ी को धर्म से जोड़ना
पदयात्रा का मकसद केवल धार्मिक आयोजन भर नहीं है। आयोजकों के अनुसार, इसका प्रमुख उद्देश्य सनातन समुदाय में एकजुटता बढ़ाना, समाज में सकारात्मकता का संदेश फैलाना और युवाओं को धर्म एवं संस्कृति से जोड़ना है।
समापन के शुभ अवसर पर पं. धीरेंद्र शास्त्री वृंदावन के प्रसिद्ध श्री बांके बिहारी मंदिर के दर्शन करेंगे। इसी के साथ इस 10-दिवसीय विशाल यात्रा का औपचारिक समापन होगा।
वृंदावन में उमड़ेगी भारी भीड़
अंतिम दिन विशेष अनुष्ठानों और धार्मिक कार्यक्रमों की वजह से वृंदावन में भक्तों का सैलाब उमड़ने की संभावना है। संतों, भक्तों और देशभर से पहुंचे आध्यात्मिक समूहों के कारण यह कार्यक्रम एक ऐतिहासिक क्षण बनने की ओर है।


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