बाकू/इस्लामाबाद/शिव कुमार यादव/ – अजरबैजान ने आर्मीनिया के साथ चल रहे तनाव के बीच पाकिस्तान से जेएफ-17 फाइटर जेट को खरीदने का समझौता किया है। यह फाइटर जेट डील पाकिस्तान के इतिहास की सबसे बड़ी है। अजरबैजान जिस लड़ाकू विमान को खरीद रहा है, वह चीन की तकनीक पर आधारित है और म्यांमार में फेल हो चुका है। जबकि दूनिया इसे कबाड़ बता रही है।
पाकिस्तान ने अपने इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी डिफेंस डील की है। तुर्की के दोस्त अजरबैजान ने पाकिस्तान के साथ 1.6 अरब डॉलर के जेएफ-17 फाइटर जेट खरीदने का सौदा किया है। अजरबैजान को पाकिस्तान और चीन के मिलकर बनाए गए जेएफ-17 सी के ब्लॉक 3 श्रेणी के फाइटर जेट मिलेंगे। इस डील के तहत फाइटर जेट के अलावा ट्रेनिंग और हथियार भी अजरबैजान को दिए जाएंगे। अजरबैजान यह फाइटर जेट ऐसे समय पर खरीद रहा है जब वह अपने पड़ोसी देश आर्मीनिया को लगातार धमका रहा है। यही नहीं हाल ही में आर्मीनिया ने कहा था कि करीब एक साल की शांति के बाद अजरबैजान ने उसके 4 सैनिकों की हत्या कर दी है। अजरबैजान से निपटने के लिए आर्मीनिया भारत से पिनाका समेत कई घातक हथियार खरीद रहा है।
पाकिस्तान एरोनॉटिकल कॉम्प्लेक्स कंपनी इस लड़ाकू विमान को बनाती है। जेएफ 17 फाइटर जेट की तकनीक चीन ने पाकिस्तान को मुहैया कराई है। यह कंपनी चीन के अलावा तुर्की की मदद से भी तकनीकी मदद लेकर हथियार बनाती है। प
पाकिस्तानी कंपनी म्यांमार, नाइजीरिया, कतर, सऊदी अरब और यूएई को हथियारों की सप्लाई करती है। ये विमान पाकिस्तान के कामरा में विमान बनाती है। पाकिस्तान और चीन का यह विमान म्यांमार में कबाड़ निकल गया है और उड़ान भरने लायक भी नहीं रहा है। इस वजह से म्यांमार की सेना ने पाकिस्तान को जमकर सुनाया था। म्यांमार के आर्मी चीफ ने तो धमकी तक दे दी थी।
पाकिस्तान को नहीं मिल रहे खरीदार, दोस्त को बेचना पड़ा
अब पाकिस्तान अपने दोस्त अजरबैजान को यह फाइटर जेट बेचकर दुनिया के अन्य देशों को दिखाने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान ने इस विमान को अफ्रीका और एशिया के कई देशों को ऑफर दिया है लेकिन उसे खरीददार नहीं मिल रहा है। पाकिसतान और अजरबैजान में पिछले करीब 1 दशक से इस विमान को लेकर बातचीत चल रही थी। अजरबैजान ने जिस विमान को खरीदा है, उसने दिसंबर 2019 में पहली बार उड़ान भरी थी। अजरबैजान ने बड़े पैमाने पर तुर्की और इजरायल से ड्रोन खरीदे हैं और वह लगातार अपनी रक्षा तैयारी को मजबूत कर रहा है।
अजरबैजान के पास अभी मिग 29 और सुखोई 25 फाइटर जेट हैं जो काफी पुराने पड़ते जा रहे हैं। अजरबैजान और पाकिस्तान के बीच पहली बार साल 2011 में पहली बार इस विमान को लेकर एक समझौता हुआ था लेकिन सौदे पर साइन नहीं हुआ था। इस विमान में रूस का इंजन लगा हुआ है जिससे पुतिन सरकार की भी इस सौदे पर नजर होगी। अजरबैजान जहां लगातार किलर हथियार खरीद रहा है, वहीं आर्मीनिया अब भारत की शरण में पहुंच गया है। भारत ने पिनाका रॉकेट सिस्टम की सप्लाई आर्मीनिया को की है। इसके अलावा अत्याधुनिक तोपें भी आर्मीनिया को दी गई हैं। आने वाले समय में कई और सौदों पर बातचीत चल रही है।
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