
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- पड़ोसी देश पाकिस्तान में एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता की खबरे सामने आ रही हैं। जिनसे साफ झलक रहा है कि इमरान सरकार कभी भी गिर सकती है। अब क्यास ये लगाये जा रहे है कि क्या पाकिस्तान में इमरान सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी या फिर अविश्वास प्रस्ताव में गिर जायेगी? लेकिन पाकिस्तान के गृहमंत्री राशिद शेख का कहना है कि सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और अविश्वास प्रस्ताव में भी इमरान खान को उनकी हार-जीत की परवाह किये बिना अ्रतिम लाभ होगा।
अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख राशिद अहमद ने कहा है कि अगर अविश्वास प्रस्ताव लोकतांत्रिक अस्थिरता की ओर बढ़ता है तो सभी को नतीजे भुगतने होंगे। उन्होंने बताया है कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय खतरों का सामना करना पड़ रहा है और यह सरकार के साथ-साथ विपक्ष की भी जिम्मेदारी है कि वह इस चुनौती के खिलाफ समझदार हो।
मीडिया से बात करते हुए राशिद ने उम्मीद जताई है कि इमरान खान की जीत होगी क्योंकि पिछले तीन सप्ताह में उनकी लोकप्रियता बढ़ गई है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के जवाब में पीएम इमरान खान को बहुत पहले ही जनसभा शुरू कर देनी चाहिए थी।
राशिद ने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान को जमकर लताड़ा है। उन्होंने कहा है कि अगर कोई अपने मकसद को प्राप्त करने के लिए कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की सोच रहा है, तो उससे सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने मौलाना को चेतावनी देते हुए कहा है कि बाकी सब भाग जाएंगे और तुम पकड़े जाओगे। उन्होंने आगे कहा है कि देश में गृहयुद्ध छिड़ने पर विपक्ष को ’भारी कीमत’ चुकानी होगी।
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 342 सदस्य होते हैं। माने सरकार में बने रहने के लिए इमरान खान को 172 सीटें चाहिए होगी। इमरान खान को मौजूदा वक्त में 176 सांसदों का सपोर्ट हासिल है। इसमें इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के 155 सदस्य हैं। इमरान सरकार को मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) के 7, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू) के 5, बलूचिस्तान आवामी पार्टी (बीएपी) के 5, ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस के 3 और आवामी मुस्लिम लीग पाकिस्तान के 1 सांसद का समर्थन प्राप्त है। इसके अलावा जम्हूरी वतन पार्टी के 1 और दो निर्दलीय सांसदों ने भी इमरान खान को बाहर से समर्थन दिया हुआ है।
एमक्यूएम-पी के 7 और पीएमएल-क्यू और बीएपी के 5-5 सदस्यों के समर्थन वापस लेने के केस में इमरान सरकार के पास सिर्फ 159 सांसदों का समर्थन रह जाएगा और उनकी सरकार अल्पमत में आ जाएगी। ऐसे में बाहरी समर्थन को जोड़ने के बाद में इमरान खान बहुमत से 10 सीट दूर रह जाएंगे। एमक्यूएम-पी, पीएमएल-क्यू और बीएपी लगातार बैठक कर रही हैं। ऐसे में जल्द ही इस बात का फैसला हो जाएगा कि ये पार्टियां अब इमरान सरकार का समर्थन करेंगी या नहीं। इससे यह भी साफ हो जाएगा कि इमरान सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी या उससे पहले ही गिर जाएगी।
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