पंजाब के तीन जिलों में लव मैरिज पर रोक, पंचायतों ने जारी किया फरमान

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
December 30, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

पंजाब के तीन जिलों में लव मैरिज पर रोक, पंचायतों ने जारी किया फरमान

-प्रेम विवाह करने वालों को किया जाएगा बहिष्कृत, राज्य सरकार से पूरे पंजाब में लागू करने की मांग

पंजाब/अनीशा चौहान/-  पंजाब के तीन जिलों – मोगा, फरीदकोट और मोहाली – के कई गांवों में ग्राम पंचायतों ने लव मैरिज पर प्रतिबंध लगाने का फरमान जारी किया है। पंचायतों का कहना है कि विशेष रूप से अगर लड़का और लड़की एक ही गांव के हों, तो ऐसे प्रेम विवाहों की इजाजत नहीं दी जाएगी। इस नियम का उल्लंघन करने वालों को सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा।

गांवों की पंचायतों ने इस फैसले के पीछे समाज में शांति बनाए रखने का हवाला दिया है। पंचायतों के अनुसार, प्रेम विवाह के कारण गांव में कई बार आपसी झगड़े, मान-प्रतिष्ठा की समस्याएं और सामाजिक तनाव उत्पन्न हो जाता है।

सरपंचों ने राज्य सरकार के सामने रखा प्रस्ताव
इन पंचायतों के सरपंचों ने पंजाब सरकार से यह प्रस्ताव राज्यभर में लागू करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने पंजाब विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा की भी अपील की है। उनका कहना है कि यह कदम समाज में अनुशासन और परंपरा बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

मनोवैज्ञानिकों की राय
सरकारी राजिंदरा कॉलेज, पटियाला की मनोविज्ञान विभाग प्रमुख डॉ. सीमा गुप्ता ने कहा कि एक ही गांव में विवाह करने के कई जैविक और सामाजिक नुकसान हो सकते हैं। उनके अनुसार,
“ऐसे विवाहों में जेनेटिक समस्याएं बढ़ने की संभावना होती है। साथ ही निकटता के कारण एक-दूसरे के पारिवारिक मामलों में दखलअंदाजी भी बढ़ती है, जिससे वैवाहिक जीवन में तनाव उत्पन्न हो सकता है।”

पटियाला के गलवट्टी गांव में हुआ जोड़े का बहिष्कार
पटियाला ज़िले के नाभा स्थित गलवट्टी गांव में ऐसा ही एक मामला सामने आया, जहां 2016 में प्रेम विवाह करने वाले तरनजीत सिंह और दिलप्रीत कौर को गांव वालों के बहिष्कार का सामना करना पड़ा। इस दम्पति के दो बच्चे हैं और तरनजीत सिंह छह महीने पहले ही गांव लौटे थे।

लेकिन गांव की पंचायत ने उनके खिलाफ प्रस्ताव पारित कर दिया। तरनजीत सिंह का कहना है, “हम इस समय गलवट्टी गांव में रह रहे हैं लेकिन पंचायत ने अवैध रूप से हमें गांव से बाहर निकालने का फैसला लिया है। गांव वाले हमें यहां नहीं रहने दे रहे। अगर हमें न्याय नहीं मिला तो हम हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।”

About Post Author

आपने शायद इसे नहीं पढ़ा

Subscribe to get news in your inbox