नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/मुंबई/शिव कुमार यादव/- महाभारत में शकुनि का किरदार निभाने वाले गूफी पेंटल का सोमवार सुबह निधन हो गया। वे 78 साल के थे। पेंटल पिछले दो हफ्ते से मुंबई के अंधेरी स्थित अस्पताल में भर्ती थे। गूफी को दिल और किडनी संबंधी बीमारी थी। गूफी के भतीजे, हितेन पेंटल और महाभारत में उनके साथी कलाकार सुरेंद्र पाल ने निधन की पुष्टि की है। गूफी के भाई ने दैनिक भास्कर को बताया कि आज शाम 4 से 5 बजे के बीच ओशिवारा श्मशान भूमि पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
एक हफ्ते पहले गूफी की तबीयत बिगड़ी थी। उस वक्त वे फरीदाबाद में थे। पहले उन्हें फरीदाबाद के एक हॉस्पिटल में एडमिट किया गया। फिर कंडीशन खराब होने पर उन्हें मुंबई लाया गया।
महाभारत के अर्जुन बोले- गूफी ने ही ऑडिशन कराया था, हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा
महाभारत में अर्जुन का किरदार निभाने वाले एक्टर फिरोज खान ने कहा, “गूफी को पिछले दो दिनों से होश नहीं था। वे प्ब्न् में थे। महाभारत में उन्हें गूफी की वजह से ही काम मिला था। उन्होंने ही अर्जुन के किरदार के लिए मेरा ऑडिशन कराया था। मैं इसके लिए हमेशा गूफी का शुक्रगुजार रहूंगा।“ बता दें कि फिरोज ने अर्जुन का किरदार निभाने के बाद अपना नाम फिरोज से अर्जुन रख लिया था। आज वे अर्जुन के नाम से ही जाने जाते हैं।
सुरेंद्र पाल ने कहा- रियल लाइफ में शकुनि के किरदार से ठीक विपरीत थे गूफी
महाभारत में द्रोणाचार्य का किरदार निभाने वाले एक्टर सुरेंद्र पाल ने कहा, “गूफी की तबीयत 15 दिन पहले खराब हुई थी। वे अचानक अपने घर में गिर पड़े थे। इसकी वजह से उनके दिमाग में में कुछ प्रॉब्लम आ गई थी। वे कोमा में चले गए थे। हालांकि रविवार की सुबह उन्हें होश भी आया था, लेकिन आज ये दुखद खबर सुनने को मिली।
उनके परिवार में उनकी पत्नी हैं, साथ ही एक बेटा है जिसका नाम हैरी पेंटल है। वे अंधेरी के बेलव्यू हॉस्पिटल में भर्ती थे। पिछले कुछ सालों से वे पुनीत इस्सर और मेरे साथ महाभारत के प्ले किया करते थे। अपने सभी दुख-सुख मेरे साथ ही शेयर किया करते थे। उन्हें फिल्म इंडस्ट्री से कभी कोई शिकायत नहीं रही।
महाभारत में उनका जो कैरेक्टर था, रियल लाइफ में वे ठीक इसके विपरीत थे। वे ड्रिंक वगैरह भी करते थे, लेकिन कभी आवश्यकता से अधिक नहीं लेते थे। हमेशा दो पैग लेते थे। उनके छोटे भाई कंवरजीत सिंह पेंटल जिन्हें पेंटल के नाम से जाना जाता है, उन्होंने महाभारत में शिखंडी का रोल किया था। वे भी काफी पॉपुलर एक्टर हैं।“ सुरेंद्र पाल का कहना है कि गूफी किसी भी इवेंट में बिना उनको लिए नहीं जाते थे। सुरेंद्र ने कहा कि वे गूफी के हर सुख-दुख में शामिल होते थे।
महाभारत से घर-घर पहचान मिली
80 के दशक में गूफी कई फिल्मों और टीवी शोज में नजर आए। हालांकि, गूफी को असल पहचान 1988 में बीआर चोपड़ा के सुपरहिट शो ’महाभारत’ से मिली थी। शो में उन्होंने शकुनि मामा का किरदार निभाया था। गूफी आखिरी बार स्टार भारत के शो ’जय कन्हैया लाल की’ में नजर आए थे।
गूफी ने भास्कर को बताया था आर्मी जवान से शकुनि बनने का सफर
एक्टिंग की दुनिया में कदम रखने से पहले गुफी पेंटल आर्मी में थे। उनका असली नाम सरबजीत सिंह पेंटल था। दैनिक भास्कर से हुई खास बातचीत में गूफी ने आर्मी जवान से शकुनि बनने की कहानी शेयर की थी। उन्होंने कहा था, “1962 में भारत-चीन के बीच जब युद्ध चल रहा था, तब मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। युद्ध के दौरान भी कॉलेज में आर्मी की भर्तियां चल रही थीं। मैं हमेशा से आर्मी में जाना चाहता था। पहली पोस्टिंग चीन बॉर्डर पर आर्मी आर्टिलरी में हुई थी।
बॉर्डर पर मनोरंजन के लिए टीवी और रेडियो नहीं होता था इसलिए हम बॉर्डर पर (सेना के जवान) रामलीला करते थे। रामलीला में मैं सीता का रोल करता था और रावण बना शख्स स्कूटर पर आकर मेरा अपहरण करता था। मुझे एक्टिंग का शौक तो था ही, इससे कुछ ट्रेनिंग भी मिल गई।“
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