‘नहीं रोक सकते प्राण प्रतिष्ठा का सीधा प्रसारण’, तमिलनाडु सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031  
December 23, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

‘नहीं रोक सकते प्राण प्रतिष्ठा का सीधा प्रसारण’, तमिलनाडु सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका

मानसी शर्मा / – देशभर में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा की धूम है। इस वक्त पूरा देश राममय हुआ है। वहीं तमिलनाडु सरकार ने अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लाइव प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दी थी। ये आरोप बीजेपी ने डीएमके सरकार पर लगाया था। अब इस मामले पर तमिलनाडु सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अनुमति को केवल इसलिए अस्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि पड़ोस में अन्य समुदाय रहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि, ‘यह एक समरूप समाज है, इसे केवल इस आधार पर न रोकें कि अन्य समुदाय भी हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि वे कानून के मुताबिक काम करें और किसी भी मौखिक आदेश पर कार्रवाई न करें। कोर्ट ने कहा है कि हमें भरोसा है कि अधिकारी कानून के मुताबिक काम करेंगे। कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों को प्रासंगिक मापदंडों को ध्यान में रखना होगा। गौरतलब है कि 21 जनवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु सरकार पर पाबंदी का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा था, ‘प्रदेश में श्रीराम के 200 से ज्यादा मंदिर हैं।

फैलाया जा रहा गलत मैसेज

 ‘हिंदू धार्मिक दान विभाग द्वारा नियंत्रित मंदिरों में भगवान राम के नाम पर किसी भी पूजा/भजन/प्रसादम/अन्नदानम की अनुमति नहीं है।’हालांकि, तमिलनाडु के हिंदू रिलीजियस चैरिटी मिनिस्टर सेकर बाबू ने इस दावे को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि जानबूझकर गलत मैसेज फैलाया जा रहा है।

कानून-व्यवस्था बिगड़ने का दावा

उन्होंने अपने पोस्ट में यह भी कहा कि पुलिस निजी तौर पर संचालित मंदिरों में भी कार्यक्रम आयोजित होने से रोक रही है। उनके द्वारा आयोजकों को धमकी दी जा रही है कि अगर ऐसा कुछ हुआ तो वे पंडाल को तोड़ देंगे। यह हिंदू विरोधी और घृणित कार्रवाई है, जिसकी मैं कड़ी निंदा करता हूं।’ सीतारमण ने कहा कि तमिलनाडु सरकार अनौपचारिक लाइव प्रसारण प्रतिबंध को सही ठहराने के लिए कानून-व्यवस्था बिगड़ने का दावा कर रही है। यह एक झूठी और फर्जी कहानी है।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox