
द्वारका/दिल्ली/शिव कुमार यादव/- द्वारका जिला की जेल-बेल टीम ने द्वारका उत्तर थाना पुलिस का 8 लाख रूपये की चोरी का मामला सुलझाते हुए 2 शातिर स्नैचरों को गिरफ्तार किया है। टीम ने 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों का विश्लेषण कर दोनो आरोपियों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है। आरोपी पहले भी चोरी, झपटमारी, स्नेचिंग और डकैती के 2 दर्जन से अधिक मामलों में शामिल रहे हैं। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी से 12 आपराधिक मामलें सुलझाने का दावा किया है।
इस संबंध में द्वारका डीसीपी अंकित सिंह ने बताया कि द्वारका जिले में संगठित अपराध में लिप्त हार्ड कोर अपराधियों/गैंगस्टर/स्नैचर्स/ऑटो लिफ्टर्स/बूट लेगर्स/अवैध शराब के आपूर्तिकर्ताओं आदि अपराधियों के संबंध में पीओ और जेल बेल सेल को विशेष कार्य दिया गया है। इसके लिए एसीपी राम अवतार के मार्गदर्शन व इंस्पेक्टर मनीष यादव के नेतृत्व में युवा/तेज और अनुभवी पुलिस अधिकारियों की एक समर्पित टीम जिसमें एएसआई हंस, एचसी प्रदीप, एचसी महेश, एचसी महेश, महिला एचसी पूनम व एचसी रीना तथा सीटी कुलवंत नंबर सीटी रोहित, जयदीप और सीटी अंकुर की एक टीम बनाई गई है।
डीसीपी द्वारका ने बताया कि टीम ने अपराध के प्रत्येक स्थान का दौरा किया तथा सीसीटीवी फुटेज एकत्र की तथा स्नैचरों के आगे-पीछे के मार्ग का पता लगाया तथा सीसीटीवी तथा मैनुअल सूचना के माध्यम से अपराधियों की पहचान की तथा विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर पेशेवर तरीके से उनका सत्यापन किया।
सूचना एवं कार्रवाईः-
21-22 मार्च की मध्य रात्रि को ककरोला में एक दुकान से 8 लाख रुपये की नकदी चोरी की सूचना ई-एफआईआर संख्या 80030233/25, पी.एस. द्वारका उत्तर के माध्यम से दी गई। लगभग 100 सीसीटीवी कैमरों की जांच की गई तथा अपराध में प्रयुक्त एक टैक्सी की पहचान की गई, जिससे चोरों की पहचान हुई तथा उन्हें गिरफ्तार किया गया। 28 मार्च को आरोपी अशोक कुमार पुत्र राम बाबू, निवासी सुविधा एन्क्लेव, बापरोला विहार, नजफगढ़, दिल्ली को इफको चोक गुरुग्राम (एचआर) से गिरफ्तार किया गया तथा उसके कब्जे से अपराध में प्रयुक्त एक कार तथा घर में सेंधमारी करने के उपकरण बरामद किए गए।
इसके बाद 30 मार्च को सह-आरोपी मनोज कुमार पुत्र स्वर्गीय राजबीर सिंह, निवासी निशांत पार्क, द्वारका, दिल्ली, उम्र 34 वर्ष को भी बहादुरगढ़ (एचआर) से गिरफ्तार किया गया तथा उसके कब्जे से 04 मोबाइल बरामद किए गए। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि उनके परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण वे बुरी आदतों तथा अपराधों में लिप्त हो गए थे।
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