नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दक्षिणी दिल्ली के एक नामी रेस्तरां में साड़ी पहने होने के कारण महिला को प्रवेश न दिए जाने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। अब इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीबी) ने संज्ञान लिया है। एनसीबी ने दिल्ली पुलिस आयुक्त से इस घटना की जांच करने को कहा है। साथ ही पुलिस से आवश्यक कार्रवाई करने को भी कहा है।
दिल्ली के अंसल प्लाजा स्थित अक्विला रेस्टोरेंट पर आरोप है कि उसने एक महिला को सिर्फ इस बात पर रोक दिया, क्योंकि वह साड़ी पहनकर पहुंची थी। पीड़ित अनीता चौधरी ने जब स्टाफ से पूछा कि क्या साड़ी पहनकर आने की परमिशन नहीं है? इस पर कर्मचारी ने जवाब दिया कि साड़ी को स्मार्ट कैजुअल में नहीं गिना जाता है और यहां सिर्फ स्मार्ट कैजुअल की ही इजाजत है। महिला का कहना है कि भारत में भारतीय परिधान का इस तरह से उपहास उड़ाना एक सही सोच नही हो सकती।
महिला अनीता ने होटल की कर्मचारी से बहस का वीडियो शेयर भी किया है, जिसके बाद इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा है कि अगर महिला के आरोप सही हैं तो रेस्टोरेंट के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही रेस्टोरेंट के मार्केटिंग एंड पीआर डायरेक्टर को 28 सितंबर को आयोग के सामने पेश होने के लिए भी कहा गया है।
रेस्टोरेंट में महिला से हुए भेदभाव का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों का गुस्सा फूट रहा है। घटना का वीडियो शेयर करते हुए लेखिका शेफाली वैद्य ने कहा है- इस महिला को साड़ी पहनने की वजह से रेस्टोरेंट में घुसने नहीं दिया गया, क्योंकि गुलाम परिचारिका (होस्टेस) के मुताबिक साड़ी स्मार्ट कैजुअल नहीं है। यह सबसे विचित्र बात मैंने सुनी है !
एक दूसरे सोशल मीडिया यूजर ने लिखा है कि स्मार्ट परिधान क्या हैं? ईसाई-मुस्लिम देशों में भी साड़ी पर ऐसा बैन नहीं, फिर भारत में ऐसी मानसिकता क्यों? रेस्टोरेंट की रेटिंग को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
महिला से बदसलूकी के आरोपों पर रेस्टोरेंट ने सोशल मीडिया के जरिए सफाई दी है। रेस्तरां के लोगों का कहना है कि महिला के साथ करीब 19 वर्ष की बेटी थी। इस कारण महिला को शराब सेवन प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने से रोका गया था। रेस्टोरेंट की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि हम चर्चा कर रहे थे कि महिला को कहां बैठाया जाए, इसी बीच वे अंदर आईं और हमारे स्टाफ को गाली देते हुए झगड़ने लगीं। उन्होंने हमारे मैनेजर को थप्पड़ मार दिया। हम सीसीटीवी की फुटेज भी अटैच कर रहे हैं। वहीं दक्षिण जिला पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभी तक किसी भी पक्ष से कोई शिकायत नहीं मिली है।
बता दें कि यह मामला डिफेंस कॉलोनी थाना क्षेत्र के अंसल प्लाजा स्थित एक रेस्तरां व बार का है। जिसमें एक महिला को साड़ी पहनने के कारण उन्हें रेस्तरां में प्रवेश करने से इनकार दिया। घटना को लेकर महिला ने सोशल मीडिया पर वीडियो भी शेयर किया है।
दक्षिण जिला पुलिस के मुताबिक, महिला अनिता चौधरी एक न्यूज चैनल में बड़े पद पर कार्यरत हैं। वह अपनी बेटी के साथ रेस्तरां में शराब पीने के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र में जा रही थी। इस पर कर्मचारियों ने महिला को इसके लिए मना किया तो बहस बढ़ गई। आरोप है कि बहस बढ़ने पर महिला ने कर्मचारियों को थप्पड़ भी मार दिया।
वहीं, अनिता चौधरी ने एक फेसबुक पोस्ट में आरोप लगाया कि उन्हें रविवार को अंसल प्लाजा में एक्विला रेस्तरां में प्रवेश नहीं करने दिया गया, क्योंकि उन्होंने साड़ी पहनी हुई थी। उन्होंने लिखा है कि दिल्ली के एक रेस्तरां में साड़ी को एक स्मार्ट पोशाक नहीं माना जाता है। रेस्तरां का नाम एक्विला है। साड़ी को लेकर बहस की और बहुत बहाने बनाए, लेकिन मुझे रेस्तरां में प्रवेश नहीं करने दिया गया, क्योंकि भारतीय पोशाक साड़ी एक स्मार्ट पोशाक नहीं है। घटना गत 19 सितंबर की है।
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दक्षिणी दिल्ली के एक नामी रेस्तरां में साड़ी पहने होने के कारण महिला को प्रवेश न दिए जाने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। अब इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीबी) ने संज्ञान लिया है। एनसीबी ने दिल्ली पुलिस आयुक्त से इस घटना की जांच करने को कहा है। साथ ही पुलिस से आवश्यक कार्रवाई करने को भी कहा है।
दिल्ली के अंसल प्लाजा स्थित अक्विला रेस्टोरेंट पर आरोप है कि उसने एक महिला को सिर्फ इस बात पर रोक दिया, क्योंकि वह साड़ी पहनकर पहुंची थी। पीड़ित अनीता चौधरी ने जब स्टाफ से पूछा कि क्या साड़ी पहनकर आने की परमिशन नहीं है? इस पर कर्मचारी ने जवाब दिया कि साड़ी को स्मार्ट कैजुअल में नहीं गिना जाता है और यहां सिर्फ स्मार्ट कैजुअल की ही इजाजत है। महिला का कहना है कि भारत में भारतीय परिधान का इस तरह से उपहास उड़ाना एक सही सोच नही हो सकती।
महिला अनीता ने होटल की कर्मचारी से बहस का वीडियो शेयर भी किया है, जिसके बाद इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा है कि अगर महिला के आरोप सही हैं तो रेस्टोरेंट के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही रेस्टोरेंट के मार्केटिंग एंड पीआर डायरेक्टर को 28 सितंबर को आयोग के सामने पेश होने के लिए भी कहा गया है।
रेस्टोरेंट में महिला से हुए भेदभाव का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों का गुस्सा फूट रहा है। घटना का वीडियो शेयर करते हुए लेखिका शेफाली वैद्य ने कहा है- इस महिला को साड़ी पहनने की वजह से रेस्टोरेंट में घुसने नहीं दिया गया, क्योंकि गुलाम परिचारिका (होस्टेस) के मुताबिक साड़ी स्मार्ट कैजुअल नहीं है। यह सबसे विचित्र बात मैंने सुनी है !
एक दूसरे सोशल मीडिया यूजर ने लिखा है कि स्मार्ट परिधान क्या हैं? ईसाई-मुस्लिम देशों में भी साड़ी पर ऐसा बैन नहीं, फिर भारत में ऐसी मानसिकता क्यों? रेस्टोरेंट की रेटिंग को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
महिला से बदसलूकी के आरोपों पर रेस्टोरेंट ने सोशल मीडिया के जरिए सफाई दी है। रेस्तरां के लोगों का कहना है कि महिला के साथ करीब 19 वर्ष की बेटी थी। इस कारण महिला को शराब सेवन प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने से रोका गया था। रेस्टोरेंट की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि हम चर्चा कर रहे थे कि महिला को कहां बैठाया जाए, इसी बीच वे अंदर आईं और हमारे स्टाफ को गाली देते हुए झगड़ने लगीं। उन्होंने हमारे मैनेजर को थप्पड़ मार दिया। हम सीसीटीवी की फुटेज भी अटैच कर रहे हैं। वहीं दक्षिण जिला पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभी तक किसी भी पक्ष से कोई शिकायत नहीं मिली है।
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