नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की रूस यात्रा को लेकर रूस के राजदूत ने कहा कि उनकी इस यात्रा से भारत-रूस के संबंधों पर कोई असर नही पड़ेगा। वो पहले की तरह बने रहेंगे।
बता दें कि सोमवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग तीन दिन की यात्रा पर मॉस्को पहुंचें थे।। जब वह रूस पहुंचे तो उनका स्वागत राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने किया था। हालांक उनकी इस यात्रा पर भारत की भी नजर है जिसपर रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया कि मॉस्को और बीजिंग के बीच संबंध रूस और भारत के साथ संबंधों को नुकसान पहुंचाएंगे।
शी जिनपिंग का एक लेख रूस के अखबार रशियन गजेट में छपा है। इसी लेख में शी जिनपिंग ने कई अहम बात लिखी हैं। जिनपिंग ने लिखा कि 10 साल पहले जब वह चीन के राष्ट्रपति बने थे तो जिस देश का उन्होंने सबसे पहले दौरा किया था, वो रूस ही था। बीते दस सालों में शी जिनपिंग 10 सालों में आठ बार मॉस्को की यात्रा कर चुके हैं। साथ ही पुतिन और जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय और बहुपक्षीय वार्ताओं के जरिए कुल 40 बार मुलाकात हुई है। लेख में जिनपिंग ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी मजबूत करने पर जोर दिया ताकि किसी देश के एकाधिकार, दबदबे को खत्म किया जा सके। शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन के बीच मंगलवार को मुलाकात होगी।
पुतिन के खिलाफ जारी हुआ था वारंट
जिनपिंग की रूस यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने युद्ध अपराध के आरोप में व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। माना जा रहा है कि यह गिरफ्तारी वारंट पुतिन की छवि को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जारी किया गया है क्योंकि क्रिमिनल कोर्ट में 123 देश सदस्य हैं। यूक्रेन मामले पर संतुलित रुख अपनाने के लिए व्लादिमीर पुतिन ने शी जिनपिंग को धन्यवाद भी कहा।
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