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  • जिंदगी का जवाब देती हूं, इस तरह से हिसाब देती हूं।जो बिछाते हैं रह में काटें, उनको भी मैं गुलाब देती हूं।।

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    जिंदगी का जवाब देती हूं, इस तरह से हिसाब देती हूं।जो बिछाते हैं रह में काटें, उनको भी मैं गुलाब देती हूं।।

    नई दिल्ली/–इन पंक्तियों के साथ डॉ. कीर्ति काले ने ट्रिनिटी इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (टिप्स), द्वारका द्वारा अपने परिसर में आयोजित कवि सम्मेलन में विश्व की मानव जाति के प्रति अपनी भावना व्यक्त की। इस कवि सम्मेलन का उद्देश्य आज के तेज और तकनीकी जीवन में छात्रों को ताजगी देना था। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि एवं सुप्रसिद्ध कवि एवं कवयित्री डॉ. कीर्ति काले, सरदार मनजीत सिंह, श्री मनीष मधुकर और डॉ. रसिक गुप्ता; डॉ. आर.के. टंडन, चेयरमैन ट्रिनिटी ग्रुुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस; डॉ. आशुतोष अग्रवाल, निदेशक टिप्स, द्वारका ने मंच की शोभा बढ़ाई। सभी विभागों के विभागाध्यक्ष व शिक्षक गण एवं विद्यार्थी भी मौजूद रहे।


               कवि सम्मेलन की शुरुआत सरस्वती वंदना और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। अध्यक्ष, डॉ. आर.के. टंडन ने अपने पिता एवं ट्रिनिटी ग्रुप के संस्थापक स्वर्गीय श्री ओपी टंडन को याद किया। उन्होंने मंच पर उपस्थित सभी प्रसिद्ध कवियों और अतिथियों को स्मृति चिन्ह और शॉल से सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि किसी को हंसाना सबसे बडा़ गुण है।
               डॉ. रसिक गुप्ता ने मंच की कमान संभाली और उन्होंने कहा कि युवाओं को अपने माता-पिता और सैनिकों के प्रति व्यवहार बदलना होगा. उन्होंने पत्नियों पर टिप्पणी की और पत्नियों पर टिप्पणी करने के लिए प्रसिद्ध कवि सुरेंद्र शर्मा और काका हाथरसी को याद किया। उन्होंने कहा कि आज का इंसान कुत्तों की देखभाल करने के लिए तैयार है लेकिन उन्हें अपने माता-पिता की परवाह नहीं है और वे उन्हंे वृद्धाश्रम में भेजना चाहते हैं।
               अमेरिका से सीधे आने वाले एक अंतरराष्ट्रीय कवि सरदार मंजीत सिंह ने अपनी यात्रा और यहां मौजूद श्रोताओं को ट्रिनिटी से विदेश में निर्यात करने पर टिप्पणी के साथ शुरुआत की और अंत उन्होंने भ्रष्टाचार पर गीत के साथ किया।
               मशहूर कवि एवं एएसआई दिल्ली पुलिस मनीष मधुकर ने भी युवाओं के लिए युवाओं के प्यार के बारे में टिप्पणी की। उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि पाश्चात्य संस्कृति हमें बर्बाद कर रही है और प्यार किसी के शरीर से नहीं बल्कि किसी की आत्मा से करना चाहिए।
               अंत में डॉ. कीर्ति काले ने अपनी कविताओं के माध्यम से युवा लड़कियों को घरेलू हिंसा, यौन और मानसिक उत्पीड़न के खिलाफ विद्रोह करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपनी कविता के माध्यम से युवाओं को अपने भावी पति के गुणों के बारे में भी बताया।
                 इस अवसर पर श्री बलराम गुप्ता, हरियाणा मिल्क, शालीमार बाग; श्री सुरेश गुप्ता नगर मंत्री, पटेल नगर; श्री कपिल गर्ग, अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि संगम, दिल्ली; श्री राहुल गुप्ता, कोषाध्यक्ष, राष्ट्रीय कवि संगम, दिल्ली भी मौजूद रहे। वहीं निदेशक टिप्स, डॉ. आशुतोष अग्रवाल ने गणमान्य व्यक्तियों को धन्यवाद प्रस्ताव दिया। कार्यक्रम के संयोजक सहित गणमान्य व्यक्तियों ने आयोजक टीम के साथ ग्रुुप फोटो लिया। सभी विभागों के संकाय सदस्यों के साथ एचओडी उपस्थित थे। अवनी रॉय और अभिनव सिंह ने कवि सम्मेलन
    का मचं संचालन किया।

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