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    चल निकला भारत का रूपया, यूएई के बाद अब इंडोनेशिया के साथ भी भारत करेगा ये डील

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/भावना शर्मा/- रूस के साथ रूपया-रूबल की डील फेल होने के बाद लगे झटके को अब भारत झेल चुका है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कोशिशों का असर अब भारतीय मुद्रा पर दिखने लगा है जिसके कारण यूएई के बाद अब इंडोनेशिया के साथ भी भारत रूपये में डील करने जा रहा है।
                   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूएई यात्रा के दौरान भारत और यूएई में स्थानीय मुद्रा में व्यापार करने और डिजीटल पेमेंट को लेकर सहमति बनी है। अब भारत इंडोनेशिया के साथ भी इसी तरह की एक डील करने की योजना बना रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और इंडोनेशिया के वित्त मंत्री के बीच इसे लेकर बातचीत हुई है। भारत इंडोनेशिया के साथ भी रियल टाइम पेमेंट सिस्टम और स्थानीय मुद्रा में व्यापार की दिशा में बातचीत कर रहा है। रविवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और इंडोनेशिया की वित्त मंत्री मूल्यानी इंद्रावती ने मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा की।

    निर्मला सीतारमण ने अपनी इंडोनेशियाई समकक्ष के साथ मिलकर रविवार को गुजरात के गांधीनगर में भारत-इंडोनेशिया ’इकोनोमिक एंड फाइनेंशियल डॉयलॉग’ को लॉन्च किया। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को आकर्षित करना है। इस दौरान इंडोनेशिया की वित्त मंत्री ने कहा, ’’दोनों देश डिजिटल टेक्नोलॉजी, केंद्रीय बैंकों के बीच पेमेंट सिस्टम और स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को लेकर सहयोग की संभावना पर चर्चा करेंगे।
                  एक भारतीय अधिकारी ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि भारत ने यूएई के साथ मिलकर जो मुद्रा व्यवस्था अपनाई है, इंडोनेशिया और भारत के बीच भी वैसी ही मुद्रा व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर दोनों देशों के बीच यह समझौता हो जाता है तो भारत के व्यापारी अपने निर्यात के बदले में इंडोनेशियाई रुपये हासिल कर सकते हैं और इंडोनेशिया के व्यापार भारतीय रुपये में भुगतान हासिल कर सकते हैं।

    इंडोनेशिया भारत का बड़ा व्यापारिक भागीदार
    इंडोनेशिया आशियान देशों में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और यह एशिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। यह भारत का छठा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। पिछले साल दोनों देशों के बीच करीब 39 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था जिसमें इंडोनेशिया का ट्रेड सरप्लस 19 अरब डॉलर का रहा यानी इंडोनेशिया ने भारत से जितना आयात (खरीद) किया, उससे 19 अरब डॉलर ज्यादा भारत को सामान बेचा। इंडोनेशिया भारत को बड़ी मात्रा में ताड़ का तेल (पाम ऑयल) बेचता है और भारत इंडोनेशिया को रिफाइंड पेट्रोलियम बेचता है।
                   भारतीय अधिकारी ने बताया कि भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर में सिंगापुर के बाद यूएई और फ्रांस ने रुचि दिखाई है और अब इंडोनेशिया भी भारत के साथ रुपये में व्यापार और डिजीटल पेमेंट को लेकर उत्सुक है।
                  इंडोनेशिया की वित्त मंत्री से मुलाकात के बाद निर्मला सीतारमण ने कहा, ’हमने द्विपक्षीय निवेश, वित्तिय सेवाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास समेत सहयोग के कई मुद्दों पर बात की है। उदाहरण के लिए, भारत ने डिजीटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्टर में विशेषज्ञता हासिल कर ली है। इससे कम समय में आसानी से डिजीटल पेमेंट करना आसान हो गया है। यह इंडोनेशिया को भी अपने वित्तिय लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करेगा।’ 

    यूएई के साथ स्थानीय मुद्रा में व्यापार और डिजीटल पेमेंट को लेकर सहमति
    शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान से बातचीत के बाद दोनों देशों की स्थानीय मुद्रा में व्यापार का ऐलान किया। दोनों देशों के बीच स्थानीय मुद्रा में लेन-देन के लिए एक रूपरेखा स्थापित करने पर सहमति बनी। दोनों नेताओं ने भारत और यूएई के बीच यूपीआई पेमेंट को लेकर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किया। समझौते पर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास और सेंट्रल बैंक ऑफ यूएई के गवर्नर खालिद मोहम्मद बलामा ने भी हस्ताक्षर किया।

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