घर या ऑफिस में शुद्ध ऑक्सीजन चाहिए तो लगाये ये 10 पौधे

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

April 2024
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
2930  
April 20, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

घर या ऑफिस में शुद्ध ऑक्सीजन चाहिए तो लगाये ये 10 पौधे

-नासा के सुझाए 10 ऐसे रूम प्लांट्स जो ऑक्सीजन बढ़ाएं और हवा में घुले टॉक्सिक भी सोख लें
NM News O2 Plant

Oxygen generator indoor plant


नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/वाशिंगटन/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कोरोना बिमारी से लड़ने के लिए आज जिस आॅक्सीजन की मारा-मारी हो रही है वह आॅक्सीजन एक बार खराब हो सकती है लेकिन पेड़-पौधों द्वारा मिली शुद्ध आॅक्सीजन का कोई तोड़ नही है। इसलिए नासा ने घर या कार्यालय में शुद्ध हवा के लिए ऐसे 10 पौधों के बारें जानकारी दी है जो ना केवल आॅक्सीजन को शुद्ध करते है बल्कि हवा में घुल टाॅक्सिक को भी सोख लेते है।
                     कोरोना महामारी के इस दौर में सबसे ज्यादा जरूरी सेहतमंद रहने की है। ताकि कोरोना वायरस अगर हमला कर भी दे तो आपका शरीर उसका सामना कर सके। इसके लिए ताकतवर फेफड़े इसकी पहली शर्त हैं। और इसके लिए जरूरी है- भरपूर ऑक्सीजन वाली स्वच्छ हवा। तो आइए 10 ऐसे रूम प्लांट्स के बारे में जानते हैं, जो न केवल वातावरण में ऑक्सीजन बढ़ाते हैं बल्कि बेंजीन, फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन, टोलुइन और ट्राईक्लोरोएथिलीन जैसे हानिकारक रसायनों को सोख भी लेते हैं।
                    अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने कई एक्सपेरिमेंट के बाद इन पौधों के खास गुणों का पता लगाया था। नासा का मकसद स्पेस स्टेशन की हवा को प्राकृतिक तरीके से डी-टॉक्सीफाई करना था। अब दुनिया की नंबर वन स्पेस एजेंसी की सलाह पर इन पौधों का इस्तेमाल हम अपने घरों या कार्यालयों में भी कर सकते हैं।
                   बाकी पौधों की तरह अरेका पाम भी वातावरण की कार्बन डाइऑक्साइड लेकर ऑक्सीजन छोड़ता है। यह पौधा अपने आसपास हवा में मौजूद फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन और टोलुइन को सोख लेता है। अरेका पाम हल्की रोशनी और बेहद सीमित पानी में भी उग जाता है। घर में कंधे की ऊंचाई तक चार पौधे होना अच्छा होता है।
                 आम लोगों के बीच इसे सास की जुबान भी कहा जाता है। यह पौधा रात में ऑक्सीजन बनाने के लिए जाना जाता है। एक कमरे में एक पौधा एक शख्स के लिए पर्याप्त माना जाता है। नासा के अनुसार स्नेक प्लांट आसपास की हवा से बेंजीन, फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन, टोलुइन और ट्राईक्लोरोएथिलीन  जैसे विषैले रसायनों को भी सोख लेते हैं। स्नेक प्लांट खिड़की से आने वाली सूरज की रोशनी में अच्छी तरह उगते हैं। इन्हें सप्ताह में एक बार पानी देने की जरूरत पड़ती है।
रखने की जगह बेडरूम है
                  बेहद कम रोशनी में कमरों में आसानी से बढ़ने वाला मनी प्लांट भी तेजी से ऑक्सीजन बनाता है। नासा के अनुसार मनी प्लांट वातावरण से बेंजीन, फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन, टोलुइन और ट्राई क्लोरो एथिलीन जैसे विषैले रसायनों को भी सोख लेते हैं। अपने इन गुणों के बावजूद मनी प्लांट बच्चों और पालतू जानवरों के लिए विषैले होते हैं। इसके पत्ते खाने से उल्टी-दस्त, मुंह और जीभ पर सूजन हो सकती है। घर में एक शख्स के लिए 18 इंच ऊंचा पौधा ठीक रहता है। मनी प्लांट को सीधी धूप की जरूरत नहीं होती। इसे भी सप्ताह में केवल एक बार पानी देने की जरूरत होती है।
रखने की जगह किसी भी कमरे में, लेकिन बच्चों और पालतू जानवरों की पहुंच से दूर।
                  सबसे सुंदर होम प्लांट्स में एक गरबेरा डेजी आमतौर पर सजावट के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह पौधा रात में भी ऑक्सीजन बनाता है। नासा की रिसर्च के अनुसार यह पौधा वातावरण से बेंजीन और ट्राईक्लोरोएथिलीन को सोख लेता है। गरबेरा डेजी को सूरज की सीधी रोशनी की भी जरूरत होती है। इसलिए इसे ऐसी ही जगह रखना चाहिए, जहां इसे कुछ घंटे सीधी धूप भी मिले। इस पौधे की मिट्टी को नम रखना होता है, इसके लिए इसको नियमित रूप से पानी देना होता है। रखने की जगह- बेडरूम में खिड़की के पास।
                  चाइनीज एवरग्रीन लोगों के घरों पर मिलने वाला सबसे आम पौधा है। धीरे-धीरे बढ़ने वाले यह पौधा 18-27 डिग्री सेल्सियस के बीच अच्छी तरह पनपता है। यह कम रोशनी में पनपते रहते हैं। इनकी अधिकतम ऊंचाई 3 फीट होती है। बड़ी-बड़ी पत्तियों वाले यह पौधे वातावरण से बेंजीन और फॉर्मेल्डिहाइड को सोख लेते हैं। इसे बेहद कम देखभाल की जरूरत पड़ती है। इसे कभी-कभी ही पानी देने की जरूरत पड़ती है। पालतू जानवरों के लिए इसके पत्ते विषैले साबित हो सकते हैं।
रखने की जगह- लिविंग रूम या बरामदा है।
                  स्पाइडर प्लांट को रिबन प्लांट के नाम से भी जाना जाता है। इनकी ऊंचाई करीब 60 सेंटीमीटर या दो फीट तक होती है। यह पौधे 2 डिग्री सेल्सियस तक की ठंड को भी सह लेते हैं। हालांकि इनके लिए सबसे अच्छा तापमान 18 डिग्री से 32 डिग्री सेल्सियस होता है। स्पाइडर प्लांट आसपास के वातावरण से तेजी से कार्बन मोनोऑक्साइड और जाइलीन सोख लेते हैं। इसकी पत्तियां घरेलू जानवरों और बच्चों के लिए नॉन टॉक्सिक होती हैं। यानी यह कोई नुकसान नहीं पहुंचाती। स्पाइडर प्लांट को सप्ताह में एक बार पानी देने की जरूरत होती है। पानी देने से पहले मिट्टी की नमी को जांच लें, अगर नमी हो तो एक-दो दिन बाद पानी दें। रखने की जगह- बेडरूम या लिविंग रूम है।
                  हमारी किचन की खिड़की या किचन गार्डन का सबसे काम का पौधा है एलोवेरा। इसके पत्तों से निकले वाला जेल रसोई में जलने की मामूली घटनाओं से लेकर ब्यूटी केयर के तमाम कामों में इस्तेमाल होता है। इसका जेल एंटीऑक्सीडेंट और इम्यूनिटी भी बढ़ाता है। आयुर्वेद में इसके कई और औषधीय उपयोग हैं। वहीं इसकी पत्तियां आसपास के वातावरण से वार्निश, फ्लोर वार्निश और डिटर्जेंट्स में पाए जाने वाले टॉक्सिन बेंजीन और फॉर्मेल्डिहाइड को सोख लेती हैं। धूप में यह अच्छी तरह पनपता है। इसे पानी देने की बहुत कम जरूरत होती है। रखने की जगह- खिड़कियों पर या ऐसी जगह जहां धूप आती हो।
                 ब्रॉड लेडी पाम को बैम्बू पाम के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसा रूम प्लांट है जो क्लीनिंग प्रोडक्ट्स में पाए जाने वाले अमोनिया को सोख लेता है। इनके अलावा यह पौधा आसपास के वातावरण से बेंजीन, फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन और ट्राईक्लोरोएथिलीन को भी कम करता है। इस तरह यह हमारे आसपास मौजूद हवा को न केवल साफ करता है बल्कि उसमें ऑक्सीजन भी घोलता रहता है। यह 4 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ सकता है। सीधी धूप से इसके पत्तों का रंग फीका पड़ जाता है। इसलिए इसे शेड की जरूरत होती है। गर्मियों में इसे पर्याप्त पानी देना जरूरी है। आमतौर पर इसे रोज पानी देना होता है। रखने की जगह- बाथरूम के एंट्रेंस पर या लिविंग रूम के कोने में है।
                 ड्रैगन ट्री को लाल सिरों वाला ड्रैसिनिया भी कहते हैं। यह हमेशा हरा-भरा रहने वाला पौधा है। यह घर के वातावरण से बेंजीन, फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन, टोलुइन और ट्राईक्लोरोएथिलीन को सोख लेता है। यह 2 से 5 मीटर तक ऊंचे हो सकते हैं। इस पौधे को सूरज की रोशनी की भी जरूरत होती है। इसलिए इसे ऐसी जगह भी रखा जा सकता है जहां धूप आती हो। पानी इसकी मिट्टी में नमी के हिसाब से दे सकते हैं। रखने की जगह- बालकनी या लिविंग रूम में ऐसी जगह जहां धूप आती हो।
                वीपिंग फिग महारानी विक्टोरिया के समय से ही काफी पसंद किया जाने वाला रूम प्लांट है। प्राकृतिक अवस्था में यह 20 मीटर तक ऊंचे हो सकते हैं। दरअसल, इनके तनों से ही जड़ें निकलने लगती हैं, जब यह जड़ लटकते हुए जमीन तक पहुंच जाती हैं तो खुद एक अतिरिक्त तना बन जाती है। इसकी पत्तियां नीचे लटकती हुई ऐसी दिखती हैं जैसे आंसू टपक रहे हों। यह घर की हवा में मौजूद फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन और टोलुइन को सोख लेता है। यह कार्बन डाइऑक्साइड को भी तेजी से सोखकर ऑक्सीजन रिलीज करते हैं। गमले या जमीन में इसकी जड़ें बहुत तेजी से फैलती हैं। यह बगीचे या मिट्टी के गमले को नुकसान पहुंचा सकती है। इससे पालतू जानवरों को एलर्जी भी हो सकती है। इस पौधे को आराम भी चाहिए होता है यानी आमतौर पर सर्दियों में सूख जाए, तो भी इसे पानी या खाद नहीं दी जाती। रखने की जगह- बालकनी या लिविंग रूम में ऐसी जगह जहां सूरज की रोशनी आती हो।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox