नजफगढ़/दिल्ली/- मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को दिल्ली के झाड़ौदा कलां गांव में शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल का उद्घाटन किया। यह दिल्ली का पहला सैनिक स्कूल है। इस अवसर पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब दिल्ली के गरीब से गरीब परिवार के बच्चे भी सेना में अधिकारी बनकर देश की सेवा कर सकेंगे। यह स्कूल स्टेट ऑफ ऑर्ट फैसिलिटी से युक्त है, जो बड़े-बड़े स्कूलों में भी नहीं होती। यहां बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ एनडीए आदि की चार साल तैयारी भी कराई जाएगी। बच्चों की शिक्षा पूरी तरह फ्री है, ताकि यहां गरीब और अमीर के बीच कोई भेद न हो सके। यहां 80-90 फीसदी बच्चे सरकारी स्कूलों से आए हैं।

शहीद भगत सिंह के नाम से बच्चों को मिलेगी प्रेरणा : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल का नाम शहीद भगत सिंह पर इसलिए रखा गया है, ताकि उनसे हर बच्चे को प्रेरणा मिले। आपकी पढ़ाई में गरीब से गरीब आदमी का योगदान है। इसलिए भारत मां के लिए सबकुछ न्यौछावर करने के लिए हमेशा तैयार रहना। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को स्कूल के बच्चों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद नाम पट्टिका का अनावरण किया गया। मुख्यमंत्री सर्विस प्रिपरेटरी विंग में गए और वहां बच्चों से बात की और फिर गर्ल्स हॉस्टल को भी देखा। केजरीवाल द्वारा खेत्रपाल ऑडिटोरियम में दीप प्रज्वलित किया गया और अकादमिक ब्लॉक के सामने लॉन में पौधारोपण किया गया। जिसके बाद उन्होंने कैडेट मेस का दौरा किया। इस समारोह में बच्चों के साथ करीब 200 अभिभावकों ने भी हिस्सा लिया। समारोह के दौरान उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री और नजफगढ़ के विधायक व परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और शिक्षा विभाग के सचिव समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

आंदोलन के दौरान समान शिक्षा प्रणाली का देखा था सपना : केजरीवाल
मुख्यमंत्री ने स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों से कहा कि स्कूल में एडमिशन लेने के लिए करीब 18 हजार बच्चों ने आवेदन किया था। उनके बीच एडमिशन को लेकर बहुत कड़ी प्रतिस्पर्धा थी। उन 18 हजार बच्चों में से आपके बच्चे क्वालिफाई करके यहां पहुंचे हैं। इन बच्चों ने इतनी कड़ी स्पर्धा देकर एडमिशन लिया है। हमपे अपने आंदोलन के समय समान शिक्षा प्रणाली का सपना देखा था, जिसमें अमीरों व गरीबों के बच्चे साथ बैठकर पढ़ें। यहां अधिकांश 80 से 90 फीसदी बच्चे सरकारी स्कूलों से आए हैं और 10 से 15 फीसदी बच्चे प्राइवेट स्कूलों से आए हैं।
ऑफिसरों के गुण सीखेंगे बच्चे : मुख्यमंत्री
केजरीवाल ने कहा कि यहां पर सारे ऑफिसर के गुण सिखाए जाएंगे, जो आर्मी में होती है। साइकोमेट्रिक टेस्ट, ग्रुप टास्क, मॉक इंटरव्यू करावाए जाएंगे और व्यक्तित्व विकास किया जाएगा। साथ ही वर्कशॉप कराई जाएंगी, जो बड़े-बड़े स्कूलों में नहीं होता है। एनडीए, नेवल अकेडमी, यूनिफार्म सर्विसेज के जितने इंट्रेंस एग्जाम है, उन सबके लिए बच्चों को तैयार किया जाएगा। यहां पर फौज के रिटायर्ड अफिसर्स, विशेषज्ञ को बुलाएंगे और उनसे कोचिंग करवाएंगे।
एक साल में शानदार स्कूल हमारी टीम ने तैयार किया : सिसोदिया
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल के पहले बैच की शुरुआत हो रही है। एक साल पहले जब दिल्ली सरकार के स्कूलों में देशभक्ति पाठ्यक्रम की शुरुआत हुई तो उस वक्त मुख्यमंत्री का कहना था कि देशभक्ति पाठ्यक्रम के जरिए हम एक-एक बच्चे को कट्टर देशभक्त तो बनाएंगे। इन बच्चों में से हम बहुत सारे बच्चों को इंजीनियर, डॉक्टर, मैनेजमेंट, पुलिस अफसर, आईएएस बनाने की तैयारी कराते हैं। तो इन्हीं बच्चों में से देश की सेना की कमान संभालने वाले बच्चे भी निकलने चाहिए। इन्हीं सपनों को हमारी टीम एजुकेशन ने साकार किया है और मात्र एक साल के अंदर इतना शानदार स्कूल बन गया और आज इसके पहले बैच की शुरुआत हो रही है।

जाने स्कूल में क्या है खास :
–आधुनिक सुविधाओं से लैस 14 एकड़ में फैला है यह स्कूल
–आवासीय सुविधा के साथ स्कूल में मुफ्त ट्रेनिंग मिलेगी
–लड़के-लड़कियों का अलग-अलग होगा हॉस्टल
–ट्रेनिंग देने के लिए विशेषज्ञ फैकल्टी खासकर सेवानिवृत्त आर्मी या एयरफोर्स ऑफिसर रखे जाएंगे।
–9वीं व 11वीं कक्षा में होंगी 100-100 सीटें।
–60 लड़के व 40 लड़कियां होगी।


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