नजफगढ़ मेट्रो न्यूज़/कृविके उजवा/शिव कुमार यादव/- कृषि विज्ञान केंद्र उजवा दिल्ली व आसपास के किसानों एवं ग्रामीण युवाओं को कृषि कार्यों से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने की पहल पर काम कर रहा है। जिसके चलते कृविके उजवा में समय-समय पर कई तरह के कृषि कार्य से जुड़े अन्य व्यवसाय जैसे बकरी पालन, पशुपालन, मशरुम उत्पादन व मधुमक्खी पालन जैसी योजनाओं के प्रशिक्षण कैंप लगाकर संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा रहा है। इसी के तहत कृविके उजवा में 25 अप्रैल से 4 मई तक रोजगार परक बकरी पालन प्रशिक्षण कैंप का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. पी के गुप्ता, अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र, दिल्ली ने कहा कि छोटे, सीमांत कृषक एवं ग्रामीण युवा के लिए कम लागत में बकरी पालन सर्वोत्तम व्यवसाय है एवं स्वयं स्वरोजगार प्राप्त करके आत्मनिर्भर बन सकते है। उन्होंने कहा कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा प्रगतिशील किसानो, उद्यमियों, शिक्षित बेरोजगार युवाओं को आधुनिक कृषि तकनिकी के साथ-साथ अन्य व्यवसाय जैसे – बकरी पालन, पशुपालन, मशरुम उत्पादन आदि से जोड़कर क्षमता विकास का कार्य कर रहा है।
इस 10 दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान केन्द्र के डॉ. जय प्रकाश, विशेषज्ञ (पशुपालन) ने प्रशिक्षुकों को बकरियों की विभिन्न नस्लें, उपयुक्त जलवायु के अनुसार पालन पोषण, चारा प्रबंधन, विभिन्न जीवाणु एवं विषाणु रोग के लक्षण व रोकथाम, आवासीय प्रबंधन व स्वास्थ्य प्रबंधन के बारे में विस्तृत रुप से जानकारी से प्रायोगित रुप से अवगत करवाया। डॉ. शंकर लाल, सहायक प्राध्यापक, स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर, राजस्थान ने वर्चूअल रुप से प्रशिक्षण कार्यक्रम में व्याख्यान दिया एवं प्रशिक्षणार्थियों को नवजात मेमनों की देखभाल, व्यवसाय के दौरान आने वाली परेशानियों एवं उनके निदान के बारे में अवगत करवाया एवं साथ बकरी पालन व्यवसाय के अच्छी नस्लों के चुनाव के बारे में भी जानकारी दी।
श्री मुकेश कुमार, विशेषज्ञ, पशुपालन ने भारत सरकार के द्वारा चलाई जा रही राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत आवेदन प्रक्रिया एवं अनुदान के बारे में विस्तृत जानकारी दी। डॉ. डी. के. राणा ने कहा कि व्यवस्थित रुप व्यवसायिक बकरी पालन के दौरान बकरियों व फार्म का रिकार्ड रखना आवश्यक है। डॉ. समर पाल सिंह विशेषज्ञ (सस्य विज्ञान) ने वर्ष भर हरे चारे के उत्पादन के बारे में अवगत करवाया। श्री कैलाश, विशेषज्ञ (कृषि प्रसार) ने प्रशिक्षुकों को केन्द्र के संचार एवं सूचना प्रौधौगिकी के बारे में अवगत करवाया एवं बकरी पालन को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार एवं नाबार्ड के द्वारा चलाई जा रही अन्य योजनाओ के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
इस प्रशिक्षण में दिल्ली देहात सहित, हरियाणा, उत्तरप्रदेश एवं राजस्थान के प्रशिक्षुकों ने सहभागिता दर्ज की। जिनकों मूल्याकन व प्रतिक्रिया के पश्चात् प्रशिक्षित प्रमाण पत्र दिया गया। इस कार्यक्रम को सफल करने में डॉ ऋतू सिंह, श्री राकेश कुमार व श्री बृजेश कुमार का सहयोग सहरानीय रहा।
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