नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/उत्तराखंड/शिव कुमार यादव/- जम्मू-कश्मीर में 90 के दशक में हुईं टारगेट किलिंग का दौर फिर लौट आया है। आतंकवादी जवानों के साथ कश्मीरी पंडितों को भी निशाना बना रहे हैं। शुक्रवार सुबह पुलवामा में आतंकियों ने एसपीओ को घर में घुसकर गोली मार दी। अस्पताल में उनकी मौत हो गई। कश्मीर में 24 घंटों के अंदर हत्या की यह दूसरी घटना है। इससे पहले आतंकियों ने तहसील कार्यालय में धुसकर एक कश्मीरी पंडित को गोली मार दी थी। इसके बाद घाटी में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है और जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं।
बडगाम में गुरुवार शाम आतंकियों ने चडूरा तहसीलदार ऑफिस के क्लर्क राहुल भट्ट को ऑफिस में घुसकर गोली मार दी। मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनकी मौत हो गई। आज शुक्रवार को पुलवामा के गुदूरा में आतंकियों ने ैच्व् रियाज अहमद थोकर के घर में घुस गए और उन पर फायरिंग कर दी। अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
राहुल भट्ट के अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़
राहुल भट्ट का शुक्रवार सुबह बनतालाब में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान जम्मू के ।क्ळच् मुकेश सिंह, डिविजनल कमिश्नर रमेश कुमार, डिप्टी कमिश्नर अवनी लवासा सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। वहीं, मौके पर पहुंचे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना का लोगों ने विरोध किया।
आतंकियों ने पूछा- राहुल भट्ट कौन है और गोली चला दी
राहुल भट्ट की पत्नी मीनाक्षी ने बताया कि आतंकियों ने ऑफिस में जाकर पूछा राहुल भट्ट कौन है और गोली चला दीं। कोई कर्मचारी ही आतंकियों से मिला था, तभी राहुल का नाम आतंकियों को पता था। उन्होंने बताया कि राहुल लगातार ट्रांसफर की मांग कर रहे थे, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। मीनाक्षी ने सेना से कहा है कि उनके पति के हत्यारों को दो दिन में मार गिराया जाए।
जम्मू-कश्मीर में जगह-जगह प्रदर्शन
इससे पहले गुरुवार रात को जगह-जगह प्रदर्शन किए गए। कश्मीरी पंडितों ने शव के साथ सड़क पर विरोध जताया और उप राज्यपाल के आने तक शव उठाने से इनकार कर दिया। बाद में क्प्ळ सुजीत कुमार के आश्वासन पर शव को घर ले जाया गया।
पंडित बोले- सुरक्षा नहीं मिलने तक नौकरी पर नहीं लौटेंगे
वहीं, बडगाम में शेखपोरा पंडित कॉलोनी के पास कश्मीरी पंडितों ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें सुरक्षा का पूरा आश्वासन नहीं मिलता, वो लोग नौकरियों पर नहीं जाएंगे। उधर, कैंप में रह रहे कश्मीरी पंडितों ने हाइवे पर जाम लगाकर केन्द्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कई जगहों पर कैंडल कर विरोध प्रदर्शन किया गया। पंडितों का कहना है कि वो यहां सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं और सरकार के कश्मीरी पंडितों के वापसी के दावे फेल होते नजर आ रहे हैं।
अनंतनाग में विरोध प्रदर्शन
अनंतनाग में कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी संघ द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शन कर रहे अमित ने बताया कि पिछले 3 महीने में ये हमारे समुदाय में तीसरी हत्या है। हमें सरकार से सुरक्षा चाहिए।
आर्टिकल 370 हटने के बाद 4 कश्मीरी पंडितों समेत 14 हिंदू की हत्या
कश्मीर में टारगेट किलिंग अक्टूबर में शुरू हुईं। यहां में पांच दिनों में सात नागरिक मारे गए इनमें एक कश्मीरी पंडित, एक सिख और प्रवासी हिंदू शामिल हैं, जो नौकरी की तलाश में आए थे। 14 अप्रैल को आतंकियों ने सतीश कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
इससे पहले शनिवार को आतंकियों ने अली जान रोड स्थित ऐवा ब्रिज पर पुलिस कर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अब राहुल की हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा पर फिर से सवाल खड़ा हो गया है। कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद 4 कश्मीरी पंडितों समेत 14 हिंदू आतंकी हमलों में मारे गए। गृह मंत्रालय ने संसद में इसकी जानकारी दी थी।
संजय राउत बोले- गृह मंत्री को इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए
राहुल भट्ट की हत्या पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि कश्मीरी पंडितों की घर वापसी की बात हो रही थी। 7 साल कितनों की घर वापसी हुई पता नहीं, लेकिन जो वहां रह रहे थे उनको भी रहने नहीं दिया जा रहा है, उनकी भी हत्या हो रही है। मुझे लगता है गृह मंत्री को इस बारे में गंभीरता से सोचना होगा।
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