करेला के सेवन से खुद को रखें गंभीर बिमारियों से दूर- विनीता झा

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

October 2024
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
October 18, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

करेला के सेवन से खुद को रखें गंभीर बिमारियों से दूर- विनीता झा

-फल और सब्जियों के गुणों के बारें में विस्तृत जानकारी दी

सेहत/शिव कुमार यादव/- फल और सब्जियों से हमें पर्याप्त मात्रा में आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं जिनकी मदद से हमारा शरीर स्वस्थ एवं हष्ट-पुष्ट बना रहता है। हमारे आस पास कुछ ऐसी सब्जियां भी हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए दवाई का काम करती हैं लेकिन जानकारी के अभाव हम उन्हें अक्सर नज़रअंदाज़ करते रहे हैं। अब आप अपनी रशोई में सब्जी के रूप में इस्तेमाल होने वाले करेला को ही ले लीजिए, यह स्वाद में कड़वा होता है, इसलिए इसके अन्दर छुपे प्राकृतिक चिकित्सीय गुणों की अक्सर अनदेखी हो जाती है। अगर इसका जूस पीने की बात आ जाए तो इसकी कड़वाहट का ख्याल तुरंत दिमाग में आ जाता है, जिससे ज्यादातर लोग इसके सेवन से इससे दूर ही रहते हैं। आप को बता दें कि करेले के जूस में आयरन, मैग्नीशियम और विटामिन से लेकर पोटैशियम और विटामिन सी जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह फाइबर युक्त आहार का बेहतरीन स्त्रोत है जिसमें पालक में मौजूद कैल्शियम, ब्रोकली के बीटा-कैरोटीन और केले के पोटेशियम जैसे सभी पोषक तत्व दोगुनी मात्र में पाए जाते हैं। इसकी कड़वाहट कम करने के लिए आप इसे नीबू के जूस या शहद के साथ ले सकते हैं। इसका सब्जी, आचार या जूस के रूप में सेवन किया जा सकता है।

करेला के नियमित सेवन से होने वाले लाभः-
मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद-
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पूरे विश्व में 382 मिलियन लोग मधुमेह रोग से ग्रस्त हैं। करेला में एक इंसुलिन जैसा यौगिक होता है, जिसे पॉलीपेप्टाइड-पी या पी-इंसुलिन कहा जाता है, जो स्वाभाविक रूप से मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह टाइप-1 और टाइप-2 दोनों प्रकार की डायबिटीज में ब्लड शुगर के स्तर को कम करता है।  करेला का एक गिलास जूस का सेवन इतना कारगर है कि मधुमेह रोगियों को अपनी दवाइयों की खुराक कम करने की जरूरत पड़ जाती है।

हानिकारक कोलेस्ट्रॉल स्तर में कमी-
करेला का जूस सूजन सम्बंधित समस्या दूर करने में सहायक है और शरीर में हानिकारक कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने में भी मदद करता है जिससे यह दिल के दौरे और स्ट्रोक के खतरे को काफी कम कर देता है। यह शरीर के रक्तचाप को भी बनाए रखता है क्योंकि इसमें पोटेशियम की भरपूर होती है जो शरीर में से अत्यधिक सोडियम को सोख लेता है। इसमें आयरन और फोलिक एसिड भी प्रचुर मात्रा में होता है जो स्ट्रोक के खतरे को कम करने और आपके दिल को स्वस्थ रखने के लिए जाना जाता है।

त्वचा और बालों को बनाए स्वस्थ-
करेला एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन ए और सी से भरपूर होता है जो त्वचा के लिए अच्छा होता है। यह एजिंग की समस्या कम कर मुंहासे और त्वचा की सूजन से निजात दिलाने में मदद करता है। यह दाद, सोरायसिस और खुजली जैसे विभिन्न त्वचा संक्रमणों के इलाज में उपयोगी है। करेला का जूस बालों में चमक लाता है और रूसी, बालों का झड़ना और दोमुँहे बालों से निपटता है।

लीवर को शुद्ध करना (संक्रामक दोष दूर करना)-
करेला लीवर के लिए अनुकूल है और डिटॉक्स करता है। यह लीवर एंजाइम को बढ़ाता है और अत्यधिक नशा की स्थिति के लिए एक अच्छा इलाज है क्योंकि यह लीवर पर अल्कोहल के जमाव को कम करता है। करेला के सेवन से मूत्राशय और आंत को भी फायदा होता है।

पाचन को करे दुरुस्त-
करेला फाइबर से भरा होता है और मल त्याग को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह कब्ज से राहत देता है और पेट को व्यवस्थित करता है।

हृदय को रखे स्वस्थ-
करेला एलडीएल (हानिकारक कोलेस्ट्रॉल) के स्तर में कमी कर दिल का दौरा पड़ने के जोखिम को कम करता है। फाइबर धमनियों को शुद्ध करने में भी मदद करता है।

कैंसर से बचाव-
करेला शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और एलर्जी और संक्रमण को रोकता है। लेकिन इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह कैंसर से लड़ता है। यह कैंसर कोशिकाओं के प्रसार के खिलाफ काम करता है और ट्यूमर को बनने से रोकता है। करेले के नियमित सेवन से स्तन, कोलोन और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बहुत कम हो जाता है।

वजन नियंत्रित करना- करेला वजन घटाने में मदद करता है क्योंकि इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है और फाइबर भरपूर पाया जाता है। यह शरीर में वसा को जमा करने वाली वसा कोशिकाओं के गठन और वृद्धि को रोकता है। यह मेटाबॉलिज्म में सुधार करता है और एंटीऑक्सिडेंट शरीर को डीटॉक्सीफाई करते हैं जिससे वसा को कम करने में मदद मिलती है।

घाव भरना– करेला में तीव्र चिकित्सा गुण होते हैं। यह रक्त प्रवाह और रक्त के थक्के को नियंत्रित करता है जो घावों को जल्दी ठीक करने और संक्रमण में कमी लाने में मदद करता है।

रक्त शोधक- करेला में अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं और यह दूषित रक्त से संबंधित कई समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है। करेले के नियमित सेवन से त्वचा, बालों और कैंसर की समस्याओं में सुधार होता है। साथ ही, यह ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने में मदद करता है।

शरीर को स्फूर्ति देना- नियमित रूप से करेला का सेवन करने के बाद शरीर की सहनशक्ति और ऊर्जा के स्तर में उल्लेखनीय सुधार होता है। यह नींद की गुणवत्ता में सुधार करने में भी मदद करता है और अनिद्रा जैसी नींद की समस्याओं को कम करता है।

आंखों को फायदा पहुंचाना- करेला विटामिन ए से भरपूर होता है और मोतियाबिंद को रोकता है और दृष्टि को मजबूत करता है। यह डार्क सर्कल्स को भी हल्का करता है।

सावधानी बरतेंः
– करेला का सेवन संतुलित मात्रा में करें, अन्यथा इससे आपको दस्त और पेट में दर्द की शिकायत हो सकती है
– गर्भवती महिलाओं को करेला का सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे गर्भाशय संकुचन हो सकता है।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox