नई दिल्ली/उमा सक्सेना/- दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) शिक्षा विभाग की मेंटर शिक्षकों के साथ एक अहम बैठक सिविक सेंटर में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता एमसीडी शिक्षा समिति के अध्यक्ष योगेश वर्मा ने की। बैठक में शिक्षा समिति के उपाध्यक्ष अमित खरखड़ी और शिक्षा निदेशक निखिल तिवारी भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य निगम विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुदृढ़ करना, अकादमिक सुधार के लिए नई रणनीतियाँ बनाना और समाज की भागीदारी के माध्यम से विद्यालयों के सर्वांगीण विकास की रूपरेखा तैयार करना था।

विद्यालयों में जल्द होंगे बड़े बदलाव, नवंबर से “स्कूल चले हम” अभियान शुरू
बैठक के दौरान योगेश वर्मा ने घोषणा की कि आने वाले समय में एमसीडी विद्यालयों में शैक्षणिक और भौतिक ढांचे दोनों स्तरों पर कई सुधार लागू किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि नवंबर माह में “स्कूल चले हम” अभियान की शुरुआत की जाएगी, जिसका उद्देश्य उन बच्चों को पुनः विद्यालय से जोड़ना है जो या तो कभी स्कूल नहीं गए या बीच में पढ़ाई छोड़ चुके हैं।
उन्होंने कहा कि मेंटर शिक्षक शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ हैं, जिन पर न केवल शिक्षकों का मार्गदर्शन करने की जिम्मेदारी है बल्कि पूरे तंत्र में गुणवत्ता सुनिश्चित करने की भी अहम भूमिका है। वर्मा ने इस बात पर भी जोर दिया कि यदि विद्यालयों में सामुदायिक सहयोग को बढ़ावा दिया जाए और स्थानीय लोगों को स्कूलों से जोड़ा जाए, तो शिक्षा का स्तर स्वतः ऊँचा उठेगा।
नवाचार और आधुनिक तकनीक से होगा शिक्षण में सुधार
शिक्षा समिति के उपाध्यक्ष अमित खरखड़ी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मेंटर शिक्षकों की भूमिका अब पहले से अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। उन्होंने कहा कि मेंटर शिक्षक शिक्षा में हो रहे नवाचारों और नई तकनीकों को अन्य शिक्षकों तक पहुँचाएँ, ताकि बच्चों में सीखने की रुचि बढ़ाई जा सके और वे स्थायी ज्ञान प्राप्त कर सकें।
उन्होंने मूल्यांकन प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि कैसे एक मेंटर किसी शिक्षक की कठिनाई को समझकर समाधान प्रदान कर सकता है। उन्होंने शिक्षकों के समयपालन, शिक्षण पद्धतियों और स्कूल में उनकी सक्रिय भागीदारी को लेकर विशेष सुझाव दिए।
शिक्षा निदेशक ने नवाचार और प्रेरणा पर दिया बल
शिक्षा निदेशक निखिल तिवारी ने भी मेंटर शिक्षकों से संवाद किया और उन्हें अपनी नवोन्मेषी शिक्षण विधियों को साझा करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि विद्यालय केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि समाज का दर्पण हैं। ऐसे में शिक्षकों का दायित्व है कि वे विद्यार्थियों को न केवल ज्ञानवान बनाएं, बल्कि उन्हें चरित्रवान और जिम्मेदार नागरिक के रूप में तैयार करें।
संकल्प के साथ हुआ बैठक का समापन
बैठक के अंत में सभी मेंटर शिक्षकों ने यह संकल्प लिया कि वे समर्पण, नवाचार और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से एमसीडी विद्यालयों को नई ऊँचाइयों पर ले जाएंगे। यह बैठक शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन और नई ऊर्जा का संदेश देकर समाप्त हुई।


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