नई दिल्ली/– दिल्ली नगर निगम के परिसीमन का प्रस्ताव तैयार हो चुका है और अगर किसी भी दिल्लीवासी अथवा कोई भी नागरिक इसे देखना चाहता है और इस पर अपने सुझाव देना चाहता है तो वह राज्य चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अथवा व्यक्तिगत तौर पर आयोग के कार्यालय जाकर देख सकता है। राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच चल रहे सियासी खींचतान के चलते माहौल पूरे तरीके से गरमाया हुआ है। इस बीच कल देर रात मध्यरात्रि के बाद केंद्र सरकार द्वारा एमसीडी चुनावों के मद्देनजर गठित की गई कमेटी द्वारा परिसीमन के ड्राफ्ट को सार्वजनिक कर दिया गया। राजधानी दिल्ली में 68 विधानसभा के अंदर फैले एमसीडी के क्षेत्र को 250 वार्डों में बांटा गया है, जिसमें 42 वार्ड को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है।
कमेटी द्वारा जारी परिसीमन ड्राफ्ट के तहत 68 विधानसभाओं में तीन से लेकर छह वार्ड तक होंगे। सभी वार्डों की सीमाएं भी निर्धारित कर दी गई हैं। कुल 68 विधानसभा क्षेत्रों में इस बार तीन विधानसभा में बवाना, विकासपुरी और मटियाला ऐसी हैं, जिनमें छह वार्ड बनाए गए हैं वहीं 10 विधानसभा ऐसी हैं, जिनमें पांच वार्ड बनाए गए हैं। 17 विधानसभाओं में चार वार्ड बनाए गए हैं. जबकि 38 विधानसभाओं के अंदर इस बार तीन वार्ड बनाए गए हैं बता दें, दो विधानसभा क्षेत्रों दिल्ली और दिल्ली छावनी एमसीडी के इलाके में नहीं आते हैं। गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली की तीनों एमसीडी की खराब आर्थिक स्तिथि का हवाला देते हुए एकीकरण का फैसला लिया गया था। विलय करते समय नए तरीके से एमसीडी के गठन करने के मद्देनजर जो मसौदा तैयार किया था, उसमें दिल्ली एमसीडी में वार्ड की संख्या को 272 से कम करके 250 का निर्णय लिया गया। इसके आधार पर अब परिसीमन केंद्र सरकार द्वारा गठित आयोग द्वारा किया गया है। परिसीमन का ड्राफ्ट तैयार करने में राज्य चुनाव आयोग के कमिश्नर विजयदेव वरिष्ठ सरकारी अधिकारी पंकज सिंह के साथ रणधीर सहाय ने अहम भूमिका निभाई हैं
केंद्र सरकार द्वारा गठित किए गए आयोग द्वारा परिसीमन का ड्राफ्ट तैयार कर दिया गया है लेकिन हर वार्ड में एक समान जनसंख्या को समिति के द्वारा नहीं रखा जा सका है। जिसका एक कारण अधिकतर विधानसभा क्षेत्रों की जनसंख्या में अंतर होना भी हैं। आयोग के द्वारा परिसीमन का ड्राफ्ट 2011 की जनसंख्या के आधार पर किया गया है। वही समिति के द्वारा परिसीमन में जो ड्राफ्ट किया गया है उसमें जो वार्ड बनाए गए हैं। वह 50,000 की जनसंख्या से लेकर 85000 की जनसंख्या तक है। यानी कि अगर सरल शब्दों में कहा जाए तो एक वार्ड की जनसंख्या 50000 से 85000 तक वैरी करती है। परिसीमन के ड्राफ्ट को सार्वजनिक किए जाने के बाद अब आयोग द्वारा परिसीमन के मद्देनजर सुझाव और आपत्तियां मांगी गई है, जिस पर तमाम राजनीतिक दल और उनके नेताओं के साथ कार्यकर्ता और आम जनता द्वारा अपने-अपने सुझाव दिल्ली राज्य चुनाव आयोग की वेबसाइट और दफ्तर पर जाकर दिए जा सकते हैं। तीन अक्टूबर तक सभी वर्किंग डे में सुबह 10ः00 बजे से लेकर शाम 5ः00 बजे तक राज्य चुनाव आयोग के दफ्तर में इन सभी सुझावों और आपत्तियों को लिया जाएगा, जिसे कोई भी दिल्ली का नागरिक जमा करा सकता है।
आइए जानते हैं किस विधानसभा क्षेत्र को कितने भागों में बांटा गया है-
38 विधानसभा क्षेत्रों को तीन-तीन वार्ड में बांटा गयाः-
तिमारपुर, आदर्श नगर, सुल्तानपुर माजरा, मंगोलपुरी, रोहिणी, शालीमार बाग, शकूरबस्ती, त्रिनगर, वजीरपुर, मॉडल टाउन, सदर बाजार, चांदनी चौक, मटिया महल, बल्लीमारान, करोल बाग, मोती नगर, मादीपुर, राजौरी गार्डन, हरी नगर, तिलक नगर, जनकपुरी, द्वारका, राजेंद्र नगर, जंगपुरा, कस्तूरबा नगर, मालवीय नगर, आरके पुरम, महरौली, अंबेडकर नगर, संगम विहार, ग्रेटर कैलाश, कालकाजी, तुगलकाबाद, त्रिलोकपुरी, कोंडली, गांधीनगर, शाहदरा और सीमापुरीं
17 विधानसभा क्षेत्रों को चार-चार वार्ड में बांटा गयाः-
बादली, नांगलोई जाट, पटेल नगर, उत्तम नगर, नजफगढ़, पालम, छतरपुर, देवली, पटपड़गंज, लक्ष्मी नगर, विश्वास नगर, कृष्णा नगर, रोहताश नगर, सीलमपुर गोंडा, रोहतास नगर, बाबरपुर और गोकुलपुर।
10 विधानसभा क्षेत्रों को पांच-पांच वार्ड में बांटा गयाः-
नरेला, बुराड़ी, रिठाला, मुंडका, किराड़ी, बिजवासन, बदरपुर, ओखला, मुस्तफाबाद और करावल नगर।
तीन विधानसभा क्षेत्रों को छह-छह वार्ड में बांटा गयाः बवाना, विकासपुरी और मटियाला।
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