नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/बीजिंग/शिव कुमार यादव/- लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल के रास्ते और सैटलाइट लॉन्च को आसानी से ट्रैक कर सकने की असीम क्षमता से लैस चीन का बेहद शक्तिशाली जासूसी जहाज यूआन वांग-6 एक बार फिर से हिंद महासागर में घुस रहा है। चीनी जासूसी जहाज ऐसे समय में इंडोनेशिया के सुंडा स्ट्रेट से हिंद महासागर में घुस रहा है जब भारत अपने चंद्रयादन-3 को चांद की सतह पर उतारने जा रहा है। चीन की इस हरकत ने भारत की टेंशन बढ़ा दी है। वहीं अमेरिका भी इस पूरे मामले में नजर बनाये हुए है।
चीन के जासूसी जहाज के घुसने पर भारत की नौसेना भी ऐक्शन में आ गई है। हिंद महासागर में भारत के हित काफी अहम हैं और यही वजह है कि भारत लगातार इस जहाज की निगरानी कर रहा है। दक्षिण चीन सागर के बाद चीन लगातार हिंद महासागर पर अपनी नजरें गड़ाए हुए है। यही वजह है कि वह अफ्रीका में अपने जिबूती स्थित नेवल बेस को मजबूत कर रहा है। यही नहीं पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को नेवल बेस में बदलने की तैयारी है। यही वजह है कि भारत लगातार अपनी नेवल पावर को बढ़ा रहा है ताकि चीनी ड्रैगन पर लगाम बनाए रखी जाए। बता दें कि इस जहाज का वजन 22 हजार टन है और इसे चीन की सेना पीएलए नेवी संचालित करती है। यह जहाज अपने शक्तिशाली रेडॉर की मदद से लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल के रास्ते और सैटलाइट लॉन्च को आसानी से ट्रैक कर सकता है।
अंतरिक्ष तक सूंघ लेता है चीन का जासूसी जहाज
भारत ने अभी हाल ही में अमेरिका से सी गार्डियन ड्रोन खरीदा है और पी-8 आई विमान लगातार हिंद महासागर की गश्त करते रहते हैं। ये जहाज चीनी पनडुब्बियों का शिकार करने की क्षमता से लैस हैं। यूआन वांग श्रेणी के कई ट्रैकिंग शिप हैं जो चीन के स्पेस प्रोग्राम और सैटलाइट कम्युनिकेशन में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। इसमें अत्याधुनिक ट्रैकिंग और कम्युनिकेशन सिस्टम लगा हुआ है जिसकी मदद से ये जहाज सैटलाइट लॉन्च, मिसाइल टेस्ट और अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले मिशन के समय में महत्वपूर्ण सहायता मुहैया कराते हैं।
चीन के इस जहाज के अचानक से हिंद महासागर में आने से उसकी मंशा को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले इसी तरह का चीनी जासूसी जहाज श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पहुंचा था। इसको लेकर काफी विवाद हुआ था। भारत और अमेरिका के विरोध के बाद भी श्रीलंका की सरकार ने चीनी जहाज को अपने बंदरगाह पर आने दिया था। चीन अक्सर अपने युद्धपोत को हिंद महासागर में भेजता रहता है और भारत को उन पर नजर रखनी पड़ती है। इससे पहले भारत ने अपने बेहद अहम चंद्रयान को 14 जुलाई को लॉन्च किया था। चंद्रयान अब 23 या 24 अगस्त को चांद की सतह पर उतरने जा रहा है। चंद्रयान जिस जगह पर उतरने जा रहा है, उसी पर चीन की भी नजरें टिकी हुई हैं।
More Stories
चकराता में बर्फबारी का मौसम: पर्यटकों और किसानों के लिए खुशी की बात
हैदराबाद में अल्लू अर्जुन के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन, अभिनेता ने फैंस से की अपील
दिल्ली अपराध शाखा ने हत्या के मामले में कुख्यात अपराधी को किया गिरफ्तार
दिल्ली में एएचटीयू और एजीएस अपराध शाखा का सफल ऑपरेशन, 4 लापता लड़कियां बरामद
प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया 14वें रोजगार मेले उद्घाटन
बल के वार्षिक मेले से बढ़ता है अनावश्यक वित्तिय भार, डीजी की विदाई परेड में खर्च किए जाते है करोड़ो…?