ईरान में हिजाब की खिलाफत, विरोध में महिलाओं ने काटे अपने बाल

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
November 22, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

ईरान में हिजाब की खिलाफत, विरोध में महिलाओं ने काटे अपने बाल

-पुलिस की पैलेट गन से सैकड़ों घायल, इंटरनेट बंद

तेहरान/- ईरान में 16 सितंबर को शुरू हुए हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन जारी हैं। इनमें सिर्फ महिलाएं ही नहीं, बल्कि पुरुष भी शामिल है। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हो रही हैं। आंदोलन कर रहे लोगों पर पुलिस ने फायरिंग की, पैलेट गन यानी छर्रों वाली बंदूक का भी इस्तेमाल किया। 5 दिन में मरने वालों की तादाद 9 हो गई है। सैकड़ों लोग घायल हैं।

ईरान पुलिस ने 13 सितंबर को महसा अमिनी नाम की युवती को हिजाब नहीं पहनने के आरोप में गिरफ्तार किया। 3 दिन बाद हिरासत में ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद मामला सुर्खियों में आया। अब हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। माशा के पिता अमजद अमिनी ने बीबीसी से बातचीत में कहा- पुलिस और सरकार सिर्फ झूठ बोल रही है। मैं बेटी की जान बख्शने के लिए उनके सामने गिड़गिड़ाता रहा। जब मैंने उसका शव देखा तो वो पूरी तरह कवर था। सिर्फ चेहरा और पैर नजर आए। पैरों पर भी चोट के निशान थे।

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने बुधवार को यूएनजीए में स्पीच दी। 2 साल पहले अमेरिकी ड्रोन अटैक में मारे गए जनरल सुलेमानी का जिक्र किया, फोटो भी दिखाया। हैरानी की बात यह है कि देश में हिजाब के खिलाफ प्रदर्शनों में मारे गए लोगों पर एक शब्द भी नहीं कहा।

ईरान की महिलाएं हिजाब निकालकर प्रदर्शन कर रही हैं। विरोध से सहमी सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया है। आंदोलन में भाग लेने वाली महिलाओं में ज्यादातर स्कूल-कॉलेज की स्टूडेंट्स हैं। यह सड़कों पर सरकार को खुली चुनौती दे रही हैं।

तेहरान समेत 15 शहरों में धर्मगुरु अयातुल्ला खामेनेई के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक 1 हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके बावजूद देश के हर बड़े शहर में मॉरल पुलिसिंग और हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन जारी हैं। ईरान की ही एक पत्रकार ने यह तस्वीर पोस्ट की है। उनके मुताबिक, पुलिस ने आंदोलनकारियों पर पैलेट गन चलाई। इसके छर्रों से कई लोग घायल हुए। इस तस्वीर में भी एक घायल शख्स नजर आ रहा है। उसकी पीठ पर पैलेट गन से निकले छर्रों के निशान हैं।

प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं की मांग है कि हिजाब को अनिवार्य की जगह वैकल्पिक किया जाए। दूसरे शब्दों में कहें तो ईरानी महिलाएं चाहती हैं कि हिजाब उन पर थोपा न जाए, बल्कि वे अपनी मर्जी के हिसाब से ही इसे पहनें या न पहनें।

कैसी है ईरान की मॉरिलिटी पुलिस

सीएनएन से बातचीत में ह्यूमन राइट्स वॉच की अफसर तारा सेफारी ने कहा- अगर आप ईरान के किसी आम परिवार या महिला से मिलेंगे तो वो बताएंगे कि मॉरल पुलिस कैसी होती है। उनका आए दिन इससे सामना होता है। तारा के मुताबिक- यह एक अलग पुलिस है। इसके पास कानूनी ताकत, हथियार और अपने जेल हैं। हाल ही में इसने ‘री-एजुकेशन सेंटर्स’ शुरू किए हैं।

डिटेंशन सेंटर्स में हिजाब या दूसरे मजहबी कानून न मानने वाले लोगों को रखा जाता है। उन्हें इस्लाम के सख्त कानूनों और हिजाब के बारे में पढ़ाया जाता है। यह बताया जाता है कि हिजाब क्यों जरूरी है। रिहाई से पहले इन कैदियों को एक एफिडेविड पर सिग्नेचर करने होते हैं। इसमें लिखा होता है कि वो एफिडेविड की सख्त शर्तों का पालन करेंगे। ह्यूमन राइट्स वॉच की न्यूयॉर्क में रहने वाली हादी घामिनी कहती हैं- 2019 से मॉरल पुलिसिंग बेहद सख्त हो गई। इसके हजारों एजेंट्स सादे कपड़ों में भी घूमते रहते हैं। न जाने कितनी महिलाओं को गिरफ्तार कर जेल में डाला गया, उन्हें टॉर्चर किया गया।

हिजाब जलाकर महिलाएं प्रदर्शन कर रही है। लंबे वक्त से महिलाएं यहां के धार्मिक कानून के खिलाफ आवाज उठा रही हैं। खास बात यह है कि इस बार प्रदर्शनों में महिलाओं के साथ पुरुष भी नजर आ रहे हैं। सैकड़ों पुरुषों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।

ईरानी महिलाओं ने 20 सितंबर को देश में एंटी हिजाब कैंपेन चलाया और बिना हिजाब की वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट की। इसके बाद दूसरे देशों में रह रही ईरानी महिलाओं ने भी अपने-अपने स्तर पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए।

हिजाब विरोधी प्रदर्शन ईरान के पश्चिमी हिस्से में शुरू हुए थे। इस इलाके को कुर्दिस्तान कहा जाता है। यहां के लोग कई साल से अलग देश की मांग भी कर रहे हैं। इसके बाद इनका दायरा बढ़ा और अब करीब 15 शहरों में इस तरह के प्रदर्शन हो रहे हैं।

महसा अमिनी की मौत और हिजाब मेंडेटरी होने का विरोध जताते हुए कई महिलाओं ने अपने बाल काट लिए। इन महिलाओं ने विरोध के तौर पर सोशल मीडिया पर बाल काटते हुए वीडियो और फोटोज पोस्ट किए। घबराई सरकार ने इंटरनेट ही ब्लॉक कर दिया।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox