‘आर्यभट्ट से गगनयान तक’ थीम पर मनाया गया दूसरा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस, पीएम मोदी ने दिया संदेश

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December 29, 2025

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‘आर्यभट्ट से गगनयान तक’ थीम पर मनाया गया दूसरा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस, पीएम मोदी ने दिया संदेश

अनीशा चौहान/-  नेशनल स्पेस डे के अवसर पर तमिलनाडु के मंडपम में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा आयोजित दूसरे राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, “आप सभी को नेशनल स्पेस डे की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। इस बार स्पेस डे की थीम है ‘आर्यभट्ट से गगनयान तक’। इसमें हमारे अतीत का आत्मविश्वास भी है और भविष्य का संकल्प भी। आज यह देखकर खुशी होती है कि इतने कम समय में नेशनल स्पेस डे युवाओं के बीच उत्साह और आकर्षण का अवसर बन गया है। यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्पेस सेक्टर में भारत और हमारे वैज्ञानिक लगातार नए मील के पत्थर गढ़ रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि दो साल पहले भारत दुनिया का पहला देश बना था जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी। इसके साथ ही उन्होंने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भारतीय ग्रुप कैप्टेन शुंभाशु शुक्ला द्वारा तिरंगा फहराने की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि इसने हर भारतीय को गर्व से भर दिया। उन्होंने कहा कि वह अनुभूति शब्दों से परे है।

कोई ठहराव नहीं, कोई अंतिम पड़ाव नहीं – पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की भावी योजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जल्द ही वैज्ञानिकों की मेहनत से भारत गगनयान की उड़ान भरेगा और आने वाले समय में भारत अपना स्वयं का स्पेस स्टेशन भी बनाएगा। अभी तक भारत चंद्रमा और मंगल तक पहुंच चुका है, लेकिन अब हमें गहरे अंतरिक्ष के उन हिस्सों तक भी जाना है जहां मानवता के भविष्य से जुड़े कई महत्वपूर्ण रहस्य छिपे हैं।

मोदी ने कहा, “अनंत अंतरिक्ष हमें हमेशा यह एहसास कराता है कि वहां कोई ठहराव नहीं है, कोई अंतिम पड़ाव नहीं है। मेरा मानना है कि अंतरिक्ष क्षेत्र में नीतिगत स्तर पर भी कोई अंतिम पड़ाव नहीं होना चाहिए। इसी सोच के तहत मैंने लाल किले से कहा था कि हमारा मार्ग है – रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म।”

प्रधानमंत्री के संबोधन ने वैज्ञानिकों और युवाओं में नई ऊर्जा भर दी और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की अगली उपलब्धियों की दिशा में एक स्पष्ट संदेश दिया।

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