
नई दिल्ली/उदय कुमार मन्ना/- राम जानकी संस्थान पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) और आरजेएस पॉजिटिव मीडिया के तत्वावधान में 3 अक्टूबर 2024 को एक भव्य वेबिनार का आयोजन हुआ, जिसमें नवरात्रि और दशहरा पर्व के शुभारंभ की घोषणा की गई। कार्यक्रम का संचालन संस्थापक और राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने किया। इस वर्ष का उत्सव “असत्य पर सत्य का विजयोत्सव” विषय के साथ शुरू हुआ, जो नवरात्रि के शुभ अवसर से शुरू होकर विजयादशमी पर समाप्त होगा।

कार्यक्रम की रूपरेखा आरजेएस युवा टोली, पटना के साधक ओमप्रकाश द्वारा तैयार की गई थी। इस अवसर पर आस्ट्रेलिया, झारखंड और बिहार सहित देश-विदेश से कई श्रद्धालुओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ श्लोक और सुविचारों के साथ हुआ, जिसे पटना के अभीप्सा स्पेशल स्कूल के प्रिंसिपल वैभव भारद्वाज ने प्रस्तुत किया। धन्यवाद ज्ञापन रैना इंफोटेक के निदेशक दिलिप वर्मा ने किया।
गांधी-शास्त्री जयंती के अवसर पर, आरजेएस पीबीएच परिवार ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को स्मरण किया, जिसे गांधी मार्ग के संपादक मनोज झा ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्य अतिथि का संदेश: नारी सशक्तिकरण और आध्यात्मिकता
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, ब्रह्माकुमारी अंजू दीदी, जो कि यूनिवर्सल पीस पैलेस ब्रह्मकुमारीज, जमशेदपुर और कोल्हान क्षेत्र की कोऑर्डिनेटर हैं, ने वेबिनार में कहा कि नवरात्रि और दशहरा पर्व हमें नारी में छिपी आध्यात्मिक शक्ति का स्मरण कराते हैं। उन्होंने माता दुर्गा के असुरों पर विजय का उदाहरण देते हुए कहा कि समाज में नारी सशक्तिकरण और आध्यात्मिक जागरूकता की अत्यंत आवश्यकता है। हमें आत्म-परिवर्तन के माध्यम से विश्व में सकारात्मक बदलाव लाना होगा। उन्होंने स्वस्थ खान-पान, अच्छी नींद और व्रत-उपवास के माध्यम से मानसिक और शारीरिक शुद्धि पर भी जोर दिया।
मुख्य वक्ता की प्रेरक प्रस्तुति
मुख्य वक्ता, आरजेएस युवा टोली पटना के साधक ओमप्रकाश, जिन्होंने अपनी 85 वर्ष की उम्र में भी अद्वितीय जोश और उत्साह से वेबिनार में हिस्सा लिया, ने “असत्य पर सत्य का विजयोत्सव” विषय पर माता दुर्गा के नौ रूपों का विस्तृत वर्णन किया। उन्होंने पीपीटी के माध्यम से मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कूष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री के विभिन्न रूपों और उनके महत्व को समझाया। उन्होंने बताया कि नवरात्रि और दशहरा पर्व हमारे अंदर की नकारात्मक शक्तियों को सकरात्मकता में बदलने का उत्तम अवसर हैं।
ओमप्रकाश जी ने घोषणा की कि 3 अक्टूबर से आरजेएस पीबीएच का यह अभियान शुरू हो चुका है और इसका समापन 12 अक्टूबर को “नकारात्मकता पर सकारात्मकता का विजयोत्सव: विजयादशमी” विषय पर वेबिनार के साथ होगा।
अध्यक्षीय संबोधन: भारतीय संस्कृति और आंतरिक शक्ति का संदेश
कार्यक्रम की अध्यक्षता आस्ट्रेलिया से जुड़ी लेखिका और लेक्चरर डॉ. श्वेता गोयल ने की। उन्होंने अपने संबोधन में आरजेएस पीबीएच के भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि नवरात्रि का पर्व आंतरिक शक्ति को पहचानने और उसे विकसित करने का अवसर है। दशहरा का पर्व हमें सत्य, धैर्य और समर्पण के बल पर कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करने की प्रेरणा देता है।
डॉ. गोयल ने यह भी कहा कि वे 11 अगस्त को आरजेएस पीबीएच के स्वतंत्रता दिवस समारोह में अपने परिवार के साथ शामिल हुई थीं और उन्हें इस कार्यक्रम का हिस्सा बनकर गर्व महसूस हुआ।
समापन
आरजेएस पीबीएच द्वारा आयोजित यह वेबिनार नवरात्रि और दशहरा पर्व को मनाने का एक सार्थक प्रयास था। इस आयोजन में भाग लेने वाले सभी श्रद्धालुओं ने सकारात्मकता, सशक्तिकरण और भारतीय संस्कृति के संदेश को आत्मसात किया। कार्यक्रम का समापन 12 अक्टूबर 2024 को विजयादशमी के अवसर पर होगा, जहां असत्य पर सत्य की विजय को एक बार फिर से मनाया जाएगा।
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