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    June 4, 2025

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    आतंक के एक और अध्याय का हुआ अंत, अब उसके साम्राज्य पर कौन माफिया दावेदार

    अनीशा चौहान/- माफिया मुख्तार अंसारी के अंत के साथ आतंक के एक और अध्याय का अंत हो गया। मुख्तार अंसारी का जन्म तो गाजीपुर में हुआ लेकिन उसने अपनी सियासी कर्मभूमि मऊ में बनाई। मऊ में अपना सिंडिकेट ऐसा खड़ा किया कि उसके नाम से धरती थर्रा जाती थी। 1996 से लगातार 2022 तक वो मऊ सदर से विधायक रहा। अब उसकी मौत के बाद एक सवाल जो सबके मन में गूंज रहा है कि अब मऊ में उसके साम्राज्य और विरासत का क्या होगा?
    दाहिने हाथ का हो सकता है कब्जा

    दरअसल, मुख्तार अंसारी के बाद मऊ में अपराध की दुनिया का सबसे बड़ा नाम उसका दाहिना हाथ रहा शार्प शूटर अनुज कन्नौजिया का है। पूर्वांचल में मुख्तार के जो भी जुर्म से जुड़े काम होते थे वो अनुज ही देखता था। अनुज नृशन्स हत्या के जाना जाता है। वो मुख्तार का रंगदारी, जमीन और रियल एस्टेट के काम को देखता है। फिलहाल अनुज पुलिस की गिरफ्त से फरार है उस पर लूट, हत्या और रंगदारी के कई मामले दर्ज है। पुलिस ने अनुज पर दो लाख का इनाम भी रखा है। लेकिन अनुज की पत्नी और जीजा भी रंगदारी के मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत मऊ जेल में बंद हैं।

    रमेश सिंह काका भी है दावेदार

    अनुज कनौजिया के बाद मऊ में जुर्म की दुनिया में रमेश सिंह काका का भी सिक्का बोलता है। वो मुख्तार अंसारी की संपत्ति पर दावा ठोक सकता है। हालांकि रमेश सिंह काका जेल में बंद है। आई आर 212 गैंग का सरगना रमेश सिंह काका का नाम 2013 में वाराणसी जिला जेल के डिप्टी जेलर अनिल त्यागी की हत्या कांड के बाद चर्चाओं में आया था। रमेश सिंह काका ने बीटीसी की ट्रेनिंग लिए अपराध की दुनिया में मास्टरी हासिल की थी। उस पर हत्या, लूट और रंगदारी के चौसठ मुकदमे हैं। वहीं रमेश काका की पत्नी सपा की टिकट पर ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ चुकी हैं। अब ये देखने वाली बात होगी की मऊ में जुर्म के सरगना के अंत के बाद उसकी विरासत पर किसका कब्जा होता है।

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