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    आखिर गांव का मालिक कौन, सरकार या गांव, पंचायत संघ ने मांगा सरकार से जवाब

    -गांवों का शहर दिल्ली लेकिन गांवों पर मनमाने कानून थोप रही दिल्ली सरकार, ग्रामीण नाराज

    नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- दिल्ली के गांवो पर बेबुनियाद थोपे जा रहे कानून व नियमों व ग्रामीणों को अधिकार से वंचित रखने व दिल्ली देहात, गांव, किसानों पर मुगल काल और अंग्रेजों के जैसा व्यवहार करने के विरोध में दिल्ली पंचायत संघ की ऐतिहासिक पांडव कालीन शिव मंदिर गांव मादीपुर में पंचायत हुई।
             पंचायत कृष्णानंद शर्मा की अध्यक्षता मे हुई। इसमें पंचायत संघ प्रमुख थान सिंह यादव ने प्रस्ताव रखा। इस पर पूर्व परिवहन मंत्री देवेंद्र सिंह शौकीन, पूर्व विधायक विजय लोचाव, पूर्व विधायक जीतराम सोलंकी, दयानंद वत्स, राजनेता कृष्ण पाल गहलोत ने अपने विचार रखें। 28 गांव खाप तिहाड़ गांव अध्यक्ष राकेश चौधरी, बवाना बावनी के प्रवीण नंबरदार, सत्यशोधक समाज के अध्यक्ष वेद प्रकाश तंवर आदि ने समर्थन कर प्रस्ताव पास किया।

    पंचायत संघ प्रमुख थान सिंह यादव ने कहा की इसमेः-
    – दिल्ली के गांवो की पंचायत बहाल की जाए। ताकि गांव वाले अपनी समस्याओं का समाधान स्वयं कर सकें।
    – गांवो व किसानों की जमीन के लिए अलग बोर्ड बनाया जाए। जिसका अध्यक्ष दिल्ली देहात व गांव का हो। गांवो को लाल डोरा से मुक्ति मिले।
    – हरियाणा आज लाल डोरा मुक्ति का उत्सव मना रहा है वही दिल्ली के गांव अंग्रेजों के नियम के तहत कैद है।
    – 1950 से लेकर 2010 तक जो कृषि भूमि योजना के तहत अधिग्रहित की गई। उस पर अमल नहीं किया गया खाली पड़ी है। उसे किसानों को वापस किया जाए।
    – एक समान सर्किल रेट बढ़ा कर तुरंत लागू करें। जिसमें किसानों को 30- 40 करोड़ प्रति एकड़ मिले।
    – जिनकी भूमि अधिग्रहण की उस परिवार व उस पर निर्भर परिवार के बच्चों को नौकरी दी जाए।
    – किसानों को अपनी कृषि भूमि विकसित कर बेचने का अधिकार दे। अंग्रेजों द्वारा बनाया अधिग्रहण कानून वापस करें। और तुरंत इसके अनुपालन पर रोक लगे।
    – दूसरी और दिल्ली सरकार व दिल्ली नगर निगम गांव को परेशान ना करें। उनकी समस्या का समाधान करें। इसमें तुरंत गांवो को हाउस टैक्स से मुक्त करे।
    – भवन उपनियम से बाहर करे।
    – सील संपत्तियों को तुरंत खोलें।
    – गांवो को व्यवसायिक श्रेणी में करें। और पीरागढ़ी पंचायत में जो हाउस टैक्स नहीं भरने की घोषणा की गई थी। उसके बाद जिन गांवो में संपत्ति सील की है। उन्हें तुरंत खुलवाया जाए।
    – गांव में पिछले कई वर्षों से जो संपत्ति सील है उन्हें भी खोला जाए। और उन परिवारों को हर्जाना दिया जाए।
              पूर्व मंत्री देवेंद्र सिंह शौकीन व विजय लोचव ने तुरंत पंचायत बहाल करने, म्यूटेशन शुरू करने, डीडीए द्वारा ग्राम सभा भूमि ना बेचने, हरिजन वेलफेयर व ग्राम पंचायत द्वारा दिए गए प्लाट मालिकों को मालिकाना हक देने की मांग की है।
              पंचायत संघ प्रमुख थान सिंह यादव सह प्रमुख सुनील शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय साहिब सिंह वर्मा द्वारा वर्ष 2000 में गांव देहात व किसानों के विकास को लेकर जो एक लाख हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार को दिया। उस पर तुरंत कार्य करने की मांग की है।
              पंचायत में उपायुक्त साउथ वेस्ट द्वारा गांव बामरोली में किसने को मुआवजा देने का आदेश दिया था।जिस पर विवाद हो रहा है। उस आदेश के समर्थन में प्रस्ताव पास किया। और डीएम को पूरा समर्थन दिल्ली पंचायत संघ का रहेगा क्योंकि  किसी अधिकारी ने दिल्ली गांव व किसान की समस्या व अधिकारों को समझा है। उस पर जल्द ही उनका पंचायत संघ स्वागत करेगी।
              पंचायत मे इन सभा मांगो को एक माह मे पूरा ना करने पर दिल्ली नगर निगम मुख्यालय का घेराव करने व भारत सरकार द्वारा गांवो को मालिकाना हक व सभी मुद्दो पर काम नही होने पर दिल्ली के केंद्र मे बड़ा आंदोलन करने पर प्रस्ताव पास हुआ।

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