अब नजफगढ़ में निक्की के साथ श्रद्धा जैसी दरिंदगी, प्रेमी ने मारकर शव फ्रिज में छिपाया

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अब नजफगढ़ में निक्की के साथ श्रद्धा जैसी दरिंदगी, प्रेमी ने मारकर शव फ्रिज में छिपाया

-लिव इन में रहने वाली निक्की ने जब शादी का दबाव बनाया तो साहिल ने कर दी हत्या -चार दिनों तक बेटी को ढूंढते रहे परिजन, आरोपी साहिल के घर भी गए निक्की के पिता सुनील -35 किलोमीटर तक कार में निक्की का शव लेकर घूमता रहा साहिल, फिर नजफगढ़ में अपने रेस्टोरेंट के फ्रिज में छिपाया -दिल्ली पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर उठ रहे सवाल, दिल्ली की सुरक्षा राम भरोसे

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- अब दिल्ली के नजफगढ़ ईलाके ंमें भी एक लड़की के साथ श्रद्धा मर्डर केस जैसी दरिंदगी सामने आई है। इसमें प्रेमी ने अपने साथ लिव इन में रह रही अपनी प्रेमिका का कार में गला घोटकर उसकी हत्या कर दी और फिर शव को अपने ढाबे के फ्रिज में छिपा दिया और अगले दिन दूसरी लड़की से शादी भी रचा ली। शायद उसका यह अपराध कभी सामने भी नही आता और वह निक्की के शव को ठिकाने लगाने में भी कामयाब हो जाता लेकिन निक्की के पिता ने क्राइम ब्रांच में कार्यरत अपने एक जानने वाले से निक्की के गुम होने की बात कही तो उसने निक्की के मोबाइल को सर्विलांस पर डाला जिसकी लोकेशन नजफगढ़ के मित्राऊ गांव की मिली। पुलिस टीम ने तुरंत कार्यवाही करते हुए लोकशन की जगह पर छापा मारा और तलाशी के दौरान फ्रिज में रखी निक्की की लाश बरामद की। इसी दौरान बाबा हरिदास नगर थाना पुलिस भी मौके पर पंहुच गई और आरोपी साहिल को गिरफ्तार कर लिया गया। कोर्ट ने मंगलवार को ही उसे 5 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस की पूछताछ में आरोपी साहिल ने कुछ सनसनीखेज रहस्यों का खुलासा किया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 302 व 201 के तहत मामला दर्ज कर निक्की के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। हालांकि एक बार फिर दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई है और कंझावला मामले के बाद एक बार फिर दिल्ली पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।

               अपराध शाखा के डीसीपी सतीश कुमार ने बताया कि साहिल के परिवार ने साहिल की शादी दूसरी जगह तय कर दी थी और उस पर शादी करने का दबाव बना रहे थे। 9 फरवरी को साहिल की सगाई होनी थी और 10 फरवरी को मांडोठी गांव में शादी होनी थी। जब 9 फरवरी को साहिल की सगाई हुई तो निक्की को इस बात का पता चल गया और उसने साहिल से रात एक बजे बात कर गोवा भागने का प्लान बनाया। हालांकि साहिल ने गोवा जाने से इंकार कर दिया लेकिन फिर भी निक्की की गोवा की टिकट हो चुकी थी और साहिल की नही हुई थी या वो कराना नही चाहता था। इसके बाद दोनों ने हिमाचल या उत्तराखंड जाने का प्रोग्राम बनाया और इसके लिए वह कार से आनंद विहार बस अड्डे पंहुचे लेकिन वहां पता चला कि
उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश की बसें आईएसबीटी, कश्मीरी गेट से जाती हैं। इसके बाद दोनों कश्मीरी गेट पहुंच गए। वहां पता चला कि उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश को जाने वाली सभी बसे जा चुकीं है अब बसे कल ही जायेंगी। इसी दौरान साहिल के परिजनों के फोन आने लग गए और वो उसे जल्द से जल्द घर आने की कहने लगे। जब साहिल घर जाने लगा तो निक्की उससे झगड़ा करने लगी और साहिल को साथ जीने मरने की कसमे याद दिलाने लगी। उसने यहां तक कह दिया कि जब साथ जी नही सकते तो साथ मर तो सकते है और एक साथ आत्महत्या करने की बात की लेकिन साहिल इसके लिए तैयार नही हुआ। जब झगड़ा बढ़ने लगा तो सुबह करीब चार बजे साहिल ने आईएसबीटी पर कार में मोबाइल फोन चार्जर की डाटा केबल से निक्की की गला घोंटकर हत्या कर दी।

                 इसके बाद आरोपी साहिल निक्की के शव को कार में डालकर पुलिस की नजरों से बचता बचाता 35 किलोमीटर दूर अपने गांव मित्राऊ तक ले आया और गांव में घर से करीब 700 मीटर की दूरी पर अपने ढाबे के फ्रिज में निक्की के शव को छिपा दिया। ताकि शादी के बाद निक्की के शव को ठिकाने लगा सके। पुलिस को आशंका है कि वह भी श्रद्धा की तरह ही निक्की के शव को काट-काटकर ठिकाने लगाता या फिर कहीं फेंक कर आता।  

परिजनों ने निक्की की तलाश शुरू की
जब निक्की के पिता सुनील दत्त की दो दिन तक बेटी से बात नहीं हो सकी तो वह उसकी तलाश में निकल पड़े। पहले तो उन्होंने निक्की की सहेली को फोन किया जिसने बताया कि वह अपने बिंदापुर वाले घर में नहीं है लेकिन फिर साहिल के बारे में बताया कि आखिरी बार उसी के साथ देखी गई थी।
उन्होंने साहिल का नंबर लेकर उससे कई बार बात की तो उसने बहाने बनाए। अंत में उसने कहा कि निक्की मसूरी छुट्टियां मनाने गई है और वह अपनी शादी में व्यस्त है। इसके बाद वह किसी तरह आरोपी साहिल गहलोत के घर भी जा पहुंचे। यहां पहुंचकर निक्की के पिता ने जब साहिल के परिजनों पर दबाव बनाया तो उन लोगों ने भरोसा दिलाया कि वह उनकी मदद करेंगे। इसके बाद सुनील ने साहिल के पैरेंट्स से बात की तो उन्होंने बताया साहिल बाहर गया है। बाद में उन्होंने कहा कि वे निक्की के बारे में नहीं जानते। सुनील ने ये सारी बातें फोन में रिकॉर्ड कर रखी हैं। साहिल तक ने उन्हें भनक नहीं लगने दी कि निक्की के साथ क्या हो चुका है। उसने निक्की के पिता को कई बार गुमराह करने की कोशिश की और यहां तक कहा कि शायद व मसूरी या मनाली घूमने चली गई हो। साहिल ने कहा कि शादी के बाद वह निक्की को तलाश करने में उनकी पूरी मदद करेगा। हालांकि निक्की के पिता को साहिल पर कुछ बातें छिपाने का शक हो चुका था लेकिन फिर भी उन लोगों पर भरोसा कर वह अपने घर लौट आए और पुलिस तक में इसकी  शिकायत नहीं दी। फिर भी जब उनको चैन नही था तो इसी बीच उन्होने अपराध शाखा में कार्यरत अपने एक जानने वाले से निक्की के गुम होने की बात शेयर की और पता लगाने की गुजारिश की। तब जो हुआ उससे परिजनों के पैरों तले की जमीन खिसक गई।

               अपराध शाखा के विशेष पुलिस आयुक्त रविंद्र सिंह यादव के अनुसार शाखा के वेस्टर्न रेंज-1 के एसीपी राजकुमार को 10 फरवरी को सूचना मिली थी कि मित्राऊ गांव निवासी साहिल गहलोत ने अपनी महिला दोस्ती निक्की यादव की हत्या कर दी। जब पुलिस को निक्की के मोबाइल फोन की लोकेशन मित्राऊ गांव की मिली तो पुलिस का शक यकीन में बदल गया और सूचना के तुरंत बाद एसीपी राजकुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर सतीश कुमार, एएसआई कृष्ण, संजय, सुरेश व हवलदार रोहताश की टीम गठित की गई। जब टीम ने लोकेशन वाली जगह कैर रोड़ पर छापा मारा और उसके खाओ-पियो ढाबे की तलाशी ली तो टीम को ढाबे के फ्रिज में एक युवती की लाश मिली जिसपर टीम ने 14 फरवरी (मंगलवार) को निक्की के परिजनों को बुलवाया और शव की शिनख्त करवाई तो शव निक्की का ही निकला। निक्की के पिता को यह विश्वास ही नही हो पाया कि जिस बेटी को वह चार दिन से ढूंढ रहे है उसकी हत्या हो चुकी है और उसका ऐसा दर्दनाक सच सामने आयेगा।

                 इसके बाद पुलिस टीम ने संबंधित थाने में हत्या की शिकायत व एफआईआर चेक की तो कोई शिकायत नहीं मिली। पुलिस को आरोपी का मोबाइल नंबर बंद मिला। कड़ी जांच के बाद एसीपी राजकुमार की टीम ने आरोपी साहिल गहलोत को मित्राऊ गांव में उसके घर के पास से मंगलवार सुबह गिरफ्तार कर लिया।

कौन हैं निक्की यादव और साहिल गहलोत
22 साल की निक्की हरियाणा के झज्जर के खेड़ी खुम्मार गांव की रहने वाली थी। वहीं, 24 साल का साहिल नजफगढ़ के मित्रांव गांव से है। दोनों 2018 से साउथ दिल्ली के उत्तम नगर में लिव इन में रह रहे थे।

कोचिंग के दौरान हुई थी दोनों की मुलाकात
निक्की-साहिल की मुलाकात 2018 में कोचिंग में हुई थी। साहिल स्कूल के बाद जनवरी 2018 में उत्तम नगर की करियर पॉइंट कोचिंग में एसएससी एग्जाम की तैयारी करने लगा। इस दौरान निक्की ने उत्तम नगर के ही आकाश इंस्टीट्यूट में मेडिकल एंट्रेस एग्जाम की तैयारी शुरू की थी। दोनों एक ही बस में आते-जाते थे। दोनों में दोस्ती हुई और बाद में दोस्ती प्यार में बदल गई।


            साहिल ने फरवरी 2018 में ग्रेटर नोएडा के गलगोटिया कॉलेज में डी. फार्मा में एडमिशन लिया और निक्की ने भी इसी कॉलेज में बीए (इंग्लिश ऑनर्स) जॉइन किया। इसके बाद दोनों ग्रेटर नोएडा में किराए के मकान में एक साथ रहने लगे। कई साल से सब कुछ ठीक चल रहा था। दोनो ने साथ जीने मरने की कसमें भी खाईं, लेकिन दिक्कत पिछले साल से शुरू हुई, जब साहिल के परिजन उस पर शादी का दबाव डालने लगें।
            दिल्ली में निक्की यादव मर्डर केस में अब बड़े खुलासे हो रहे हैं। साहिल और निक्की की मुलाकात दिल्ली में कोचिंग आने-जाने के दौरान हुई थी। दोनों पहले भी मनाली, ऋषिकेश, हरिद्वार, देहरादून समेत कई जगहों पर साथ घूमने गए थे।

कारगिल युद्ध लड़ने वाले जवान के परिवार से है निक्की
जानकारी के अनुसार निक्की एक ऐसे परिवार से है जिसमें एक जवान कारगिल युद्ध लड़ चुके हैं। निक्की 1999 के ऑपरेशन विजय यानी कारगिल वार में शामिल रहे जवान प्रवीण यादव की भतीजी है। निक्की के चाचा प्रवीण यादव ही कारगिल युद्ध लड़े थे और इसमें एक हाथ व एक पांव गंवा दिया था। जबकि निक्की के पिता सुनील दत्त यादव की गुरूग्राम में एक वर्कशाप है। करीब 10-12 साल पहले वह नजफगढ़ में रहने के लिए आ गये थे लेकिन कोरोना काल के समय गांव वापस आ गये। निक्की की एक छोटी बहन निधि है जो दिल्ली में ही पढ़ाई कर रही है। उसका एक छोटा भाई कक्षा आठ में पढ़ता है। निक्की की हत्या का पता चलने के बाद परिजनों के साथ-साथ पूरे गांव में शोक की लहर है।

पुलिस ने शिनाख्त के लिए बुलाया तब पता चला बेटी की हत्या हुई
निक्की के पिता सुनील यादव ने बताया कि डेढ़ महीने पहले ही निक्की घर आई थी। वह 3-4 दिन रुकी थी, तब न तो वह किसी टेंशन में थी न ही उसने साहिल गहलोत या गोवा प्लान के बारे में किसी से कुछ बताया था। पिता को बेटी की मौत का पता तब चला जब दिल्ली क्राइम ब्रांच ने उन्हें फोन किया। सुनील यादव ने आरोपी साहिल को फांसी दिए जाने की मांग की है।

राम भरोसे दिल्ली की सुरक्षा, पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान
बीच दिल्ली में एक युवती की हत्या कर हत्यारा पूरे 35 से 40 किलोमीटर तक उसके शव को कार में लेकर घूमता रहता है। इस बीच न जाने कितनी पिकेट व पुलिस जांच नाके उसने पार किये होंगे लेकिन किसी भी जगह पुलिस ने न तो उसकी गाड़ी चेक की और न ही शव के बारें में पता लगा पाई। अगर दिल्ली की सुरक्षा का यही हाल है तो दिल्ली में कभी भी कोई भी बड़ा आतंकी हमला कभी भी और कहीं भी हो सकता है। यानी हमारी सुरक्षा व्यवस्था पुलिस भरोसे नही सिर्फ राम भरोसे है। इसका एक उदाहरण हम कंझावला मामले में भी देख चुके हैं कि दिल्ली पुलिस कितनी सतर्क व सुरक्षा को लेकर कितनी संजीदा है।

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