अब जापान में बिना सहमति संबंध बनाने को माना जायेगा रेप, सरकार ने किया कानून पारित

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
December 23, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

अब जापान में बिना सहमति संबंध बनाने को माना जायेगा रेप, सरकार ने किया कानून पारित

-मर्जी से संबंध बनाने की उम्र 13 से बढ़ाकर 16 साल की, लोगों को रेपिस्ट को सजा दिलाने में लगे 5 साल

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- जापान में 2019 से हर महीने रेप पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए लोग सड़कों पर एकजुट होते आ रहे हैं। जिसे देखते हुए सरकार ने जापान के सेक्स क्राइम लॉ में बड़ा बदलाव किया है। यहां रेप की डेफिनेशन चेंज करने और सहमति की उम्र बढ़ाने के लिए नया कानून पारित किया गया है। नए कानून के मुताबिक बिना सहमति से शारीरिक संबंध बनाने को रेप माना जाएगा। अब तक यहां सिर्फ जबरदस्ती संबंध बनाने को ही रेप के दायरे में रखा जाता था। इसके अलावा, कानूनी तौर पर सहमति की उम्र को भी अब 13 साल से बढ़ाकर 16 साल कर दिया गया है।
               जापान की संसद डायट के अपर हाउस में शुक्रवार को नया कानून पारित हो गया। इसमें 8 ऐसी कंडीशन्स को शामिल किया गया है जब किसी वजह से पीड़ित अपनी असहमति दर्ज नहीं करवा पाता है। जैसे अगर पीड़ित को कोई नशीला पदार्थ दे दिया जाए, उसे मारा या धमकाया जाए या संबंध बनाने से मना करने पर उसे किसी बात का डर हो। वहीं, जापान में पिछले 116 साल में पहली बार सहमति की उम्र को बदला गया है। 1907 में जब कानून बनाया गया था तब सहमति की उम्र 13 साल रखी गई थी। अपराध के 15 साल बाद भी पीड़ित शिकायत दर्ज करवा सकेगा

                   इसके अलावा, इस कानून के तहत रेप से जुड़ी शिकायत दर्ज कराने के अंतराल को भी 10 से 15 साल कर दिया गया है। यानी क्राइम के 15 साल बाद भी पीड़ित इसकी शिकायत दर्ज करवा सकता है। साथ ही फोटो वॉयरिज्म को भी बैन कर दिया गया है। जापान अब तक विकसित देशों में शारीरिक संबंध के लिए सबसे कम सहमति की उम्र वाला देश था। हालांकि, नए कानून के मुताबिक, अगर किसी माइनर जिसकी उम्र 13-15 साल के बीच में हो, से कोई शारीरिक संबंध बनाता है तो उसे तभी अपराध माना जाएगा जब आरोपी पीड़ित से कम से कम 5 साल बड़ा हो।

2021 में सिर्फ 6 पीड़ितों ने दर्ज करवाए मामले
दरअसल, जापान में रेप के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन कमजोर कानून के चलते या तो अपराधी छूट जाते हैं या लोग अपराध दर्ज ही नहीं करवाते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2022 में जापान में रेप के 1.7 हजार मामले दर्ज किए गए थे। वहीं 2021 में जापान सरकार की तरफ से किए गए एक सर्वे के मुताबिक, केवल 6 पीड़ितों ने शिकायत दर्ज कराई थी।

जापान में अभी रेप कानून क्या कहता है
रेप पर जापान के मौजूदा कानून के मुताबिक, किसी आरोपी पर रेप का आरोप साबित करने के लिए यह साबित करना भी जरूरी है कि पीड़ित ने खुद को उससे बचाने की कोशिश की थी। ऐसा नहीं होने पर इसे आरोपी और पीड़िता के बीच सहमति से बना संबंध माना जाता है। जापान में सामाजिक कार्यकर्ता काफी समय से रेप कानून में बदलाव की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि रेप कानून के लचर प्रावधानों की वजह से पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाता है।

2017 में पहली बार हुआ संशोधन
इससे पहले 2017 में इस कानून में पहली बार बदलाव हुए थे। तब शिंजो आबे की सरकार ने शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करने को रेप कानून में शामिल किया था। इसके अलावा तब पहली बार पीड़ितों में पुरुषों को भी जोड़ा गया था। 2017 से पहले तक पुरुषों के साथ यौन शोषण के मामलों को रेप नहीं माना जाता था। साथ ही इस अपराध में मिनिमम सजा को 3 साल से बढ़ाकर 5 साल किया गया था।

2019 में शुरू हुआ था फ्लावर डेमो कैंपेन
इस संशोधन के बाद भी जापान में 2019 में रेप के कई आरोपी बरी हो गए। इससे पूरे देश में कानून को लेकर विरोध होने लगा। लोगों ने मांग की कि इसमें और संशोधन किए जाएं जिससे पीड़ितों को न्याय मिल सके। अप्रैल 2019 से जापान के आम लोगों के साथ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सेक्शुअल वॉयलेंस के खिलाफ फ्लावर डेमो कैंपेन की शुरुआत की। इसके तहत देशभर में लोग हर महीने की 11 तारीख को एकजुट होकर रेप पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करते हैं।

About Post Author

आपने शायद इसे नहीं पढ़ा

Subscribe to get news in your inbox