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  • अजित पवार ने बताई भाजपा के साथ जाने की वजह, शरद पवार के बयान पर रहे मौन

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    अजित पवार ने बताई भाजपा के साथ जाने की वजह, शरद पवार के बयान पर रहे मौन

    -कहा- राजनीति में कोई परमानेंट दुश्मन या दोस्त नहीं होता -उद्धव बोले- एनडीए वाले धोखेबाज

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/मुंबई/शिव कुमार यादव/- 2 जुलाई को एनसीपी को तोड़कर 8 विधायकों के साथ एनडीए में शामिल होने वाले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बने अजित पवार ने लगातार एनसीपी चीफ शरद पवार की तरफ से आ रहे बयानों को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए एनडीए की सरकार में जाने की अपनी वजह का आज खुलासा किया। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने रविवार को कहा कि राजनीति में कोई परमानेंट दुश्मन या दोस्त नहीं होता। बीड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा- महाराष्ट्र के विकास और यहां के लोगों की समस्या सुलझाने के लिए हमने भाजपा-शिंदे गुट में शामिल होने का फैसला लिया। हालांकि उन्होने शरद पवार के बयानों पर कुछ नही बोला और मौन ही रहे।

    वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अजित पवार पर निशाना साधते हुए कहा- ये धोखेबाज लोग हैं। हिंगोली में रविवार को रैली के दौरान उद्धव बोले- भाजपा आया राम, गया राम पार्टी है, जहां नेता पाला बदलते रहते हैं। एनडीए में शामिल अधिकतर पार्टियां धोखेबाज हैं। दूसरी पार्टियां तोड़कर लोग इसमें शामिल हुए हैं।
                  उद्धव इतने पर ही चुप नही हुए उन्होने अमीबा और मालगाड़ी से एनडीए सरकार की तुलना की। उद्धव ने कहा- वर्तमान एनडीए सरकार अमीबा की तरह है, जिसका कोई निश्चित आकार और आकृति नहीं है। पहले भाजपा कहती थी कि महाराष्ट्र में डबल इंजन की सरकार है। अब अजित की तीसरी इंजन भी जुड़ गई है। पता नहीं और कितने इंजन जुड़ेंगे। यह मालगाड़ी है क्या?

    प्याज के मुद्दे पर क्या बोले अजित पवार
    अजीत पवार ने प्याज के मुद्दे पर किसानों के प्रदर्शन को लेकर कहा- मैंने राज्य के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे को दिल्ली जाकर राज्य में प्याज के हालिया मुद्दे पर केंद्रीय नेताओं से मिलने के लिए कहा है। गृह मंत्री ने भी कहा है कि केंद्र सरकार राज्य के किसानों से 24 रुपए प्रति किलो के हिसाब से 2 लाख मीट्रिक टन प्याज खरीद रही है।
                 इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने प्याज पर 40 फीसदी निर्यात शुल्क बढ़ाने के केंद्र सरकार के हालिया फैसले को किसान विरोधी फैसला बताया था। इस पर अजित पवार ने कहा कि विपक्ष के लोग किसानों को भ्रमित कर रहे हैं।

    अजित ने 2 जुलाई को की थी बगावत
    पिछले साल जून में शिंदे और पार्टी के 39 अन्य विधायकों ने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी। शिवसेना के दो हिस्से हो गए थे। इसके बाद शिवसेना, छब्च् और कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी गठबंधन सरकार गिर गई। शिंदे ने इसके बाद भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली। एकनाथ शिंदे को ब्ड भी बनाया गया।
                 इसी तरह इस साल 2 जुलाई को अजित पवार ने शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दी। उन्होंने एनसीपी के आठ विधायकों के साथ शिंदे के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार से हाथ मिला लिया। इसी दिन महाराष्ट्र सरकार में अजित ने डिप्टी सीएम पद की शपथ भी ले ली। अन्य विधायकों को भी कैबिनेट में मंत्री बनाया गया था।

    नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी चीफ शरद पवार ने 26 अगस्त को लगातार दूसरे दिन अपनी बात दोहराते हुए कहा कि एनसीपी में टूट नहीं हुई है। कोल्हापुर में प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा, ’एनसीपी में कोई टूट नहीं हुई है, ये सही है। मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं और जयंत पाटिल महाराष्ट्र के अध्यक्ष हैं। कुछ लोगों ने अलग राह पकड़ी है।’।
                  एकनाथ शिंदे ही महाराष्ट्र के सीएम बने रहेंगे। महाराष्ट्र के सियासी ड्रामे का क्लाइमैक्स 11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट में हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया था। उन्होंने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया, ऐसे में कोर्ट पुरानी सरकार को बहाल नहीं कर सकती।

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