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    शिक्षा व्यवसाय नही एक सेवा है- मनीष सिसोदिया

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नजफगढ़/- शिक्षा व विश्वविद्यालय के योगदान पर बोलते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा एक सेवा है व्यवसाय नही है। जो लोग शिक्षा का व्यवसाय करते है उनसे हटकर दिल्ली सरकार शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन कर रही है अर्थात् यूं कहे कि समाज में जो चीजें गायब हो गई थी उन्हे षिक्षा के माध्यम से स्कूलों में लाया जायेगा। ताकि बच्चों का सर्वागींण विकास हो सके और वो समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर सकें।

    कार्यक्रम सहस्राब्दी विकास लक्ष्य 2030 के विषय पर बोलते हुए श्री सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा जगत में दिल्ली सरकार की उपलब्धि मात्र स्कूल की इमारत तक नही है। बल्कि इस बात की गारंटी है कि हमारे स्कूल से निकलने वाला हर छात्र भविष्य में खुश रहेगा। उन्होने कहा कि सालों पहले भी हमार देश प्रगतिशील था और आज भी प्रगतिशील ही बना हुआ है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि हम देश केा हर साल 90 फीसद ऐसे युवा दे रहे हैं। जो नोकरी करना चाहते हैं। देश का सतत विकास तभी संभव है, जब देश को नौकरी उपलब्ध कराने वाले युवा मिले। उन्होने कहा कि राष्ट्र निर्माण व देश की व्यवस्था बदलने में शिक्षा का अहम योगदान है। सहस्राब्दी विकास लक्ष्य 2030 में 17 लक्ष्य निर्धारित है, उनमें चैथे स्थान पर गुणवत्तायुक्त शिक्षा है। शिक्षा के बगैर उन लक्ष्यों को प्राप्त करना संभव नही है। शिक्षा संस्थान व शिक्षक के बगैर शिक्षा का लक्ष्य अधुरा है। शिक्षा कोई पेशा नही है, बल्कि यह सेवा है। इस अवसर पर कुलपति प्रो. महेश शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा का स्तंभ है। विश्वविद्यालय में अनुसंधान, गुणवत्तायुक्त शिक्षा, प्रगतिशीलयुक्त शिक्षा व सतत विकास पर विशेष जोर दिया जायेगा। इस मौके पर विश्वविद्यालय के भूतपूर्व कुलपति के के अग्रवाल, नेशनल काउंसिल फाॅर टीचर्स एजुकेशन के प्रो. एम ए सिद्दकी, डीन प्रो. धनंजय जोशी, रजिस्ट्रार रवि दधीच व 12 स्कूलों से आये पदाधिकारी व छात्र मौजूद रहे। शिक्षा मंत्री श्री सिसोदिया ने विश्वविद्यालय में 400 लोगों की क्षमता वाला आॅडीटोरियम बनाने की कुलपति को सलाह दी ताकि एक साथ बड़ी संख्या में प्रोफेसर व छात्र बैठकर किसी भी विषय पर चर्चा कर सकें। इसमें यदि फंड की दिक्कत आती है तो कुलपति सरकार को बतायें ताकि सरकार उचित व्यवस्था करा सके।

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