मानसी शर्मा/- बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने शुक्रवार को उनकी 100 करोड़ रुपये की मानहानि याचिका खारिज कर दी। यह याचिका नवाजुद्दीन ने अपने भाई शमसुद्दीन सिद्दीकी और पत्नी के खिलाफ पिछले साल दायर की थी। सुनवाई के दौरान न तो नवाजुद्दीन और न ही उनके वकील कोर्ट में मौजूद थे, जिस कारण अदालत ने केस को बिना सुनवाई के ही खारिज कर दिया। शम्सुद्दीन की ओर से पेश वकीलों का कहना था कि यह याचिका पूरी तरह से बेबुनियाद और दबाव बनाने के लिए दाखिल की गई थी।
भाई पर वित्तीय धोखाधड़ी का गंभीर आरोप
नवाजुद्दीन का कहना है कि उन्होंने 2008 में अपने बेरोजगार भाई शम्सुद्दीन को बतौर मैनेजर नियुक्त किया था। अपने काम में व्यस्त रहने के चलते उन्होंने शम्सुद्दीन पर आंख मूंदकर भरोसा किया और बैंकिंग से जुड़ी हर चीज – क्रेडिट कार्ड, पासवर्ड, चेकबुक, ईमेल – उसके हवाले कर दी। नवाजुद्दीन का आरोप है कि उनके भाई ने इस भरोसे का फायदा उठाकर कई संपत्तियां हड़प लीं। इनमें यारी रोड का फ्लैट, शाहपुर का फार्महाउस, दुबई की प्रॉपर्टी और लग्ज़री गाड़ियां जैसे रेंज रोवर, बीएमडब्ल्यू, डुकाटी शामिल हैं।
छवि को नुकसान पहुंचाने का आरोप भी लगाया
नवाजुद्दीन ने यह भी आरोप लगाया था कि उनके भाई और पत्नी ने उनके खिलाफ मीडिया में झूठी और बदनाम करने वाली बातें फैलाईं, जिससे उनकी सामाजिक छवि को भारी नुकसान हुआ। एक्टर का कहना है कि इन झूठे बयानों के चलते उन्हें मानसिक और पेशेवर तौर पर काफी हानि उठानी पड़ी। हालांकि, कोर्ट ने मामले में पक्षकार की गैरमौजूदगी के कारण केस को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया और याचिका खारिज कर दी।


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