’कांग्रेस की साजिश से घटी हिंदुओं की आबादी’- एबीएसएस

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

October 2024
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
October 27, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

-सरकारी पैनल की रिपोर्ट पर बोले स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की वकालत की

नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की एक रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है कि देश में हिंदुओं की आबादी में 7.82 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि इसी दौरान (1950-2015) मुसलमानों की आबादी में 43.15 प्रतिशत की तेज वृद्धि हुई है। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने इसी विषय पर सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल कर पूरे देश में’ एक समान जनसंख्या कानून’ लाने की मांग की थी। अब उन्होने कहा कि कांग्रेस की साजिश के तहत ही हिंदूओं की आबादी घटी है और यह बात वह पहले से कहते आ रहे हैं।

         स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा कि हम शुरू से यह बात कहते आ रहे हैं कि देश में हिंदुओं की आबादी तेजी से घट रही है, जबकि मुसलमानों की आबादी बेहिसाब तरीके से बढ़ रही है। कुछ राजनीतिक दल अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को लाकर भी इस देश में मुसलमानों की आबादी बढ़ा रहे हैं। लेकिन चिंता की बात है कि जब किसी देश की मूल आबादी की तुलना में किसी दूसरे वर्ग की आबादी बढ़ती है तो देश के टुकड़े-टुकड़े हो जाते हैं। पूरी दुनिया के इतिहास में इस तरह के उदाहरण भरे हुए हैं। स्वयं भारत ने इसी तरह के कारण से विखंडन की त्रासदी झेली है। इसलिए, मेरा मानना है कि यदि भारत देश को दुबारा खंडित होने से बचाना है तो देश में एक समान जनसंख्या नियंत्रण कानून लाना होगा।

        उन्होने कहा कि हमने देश के अलग-अलग हिस्सों में बेहिसाब तरीके से मुसलमान आबादी के बढ़ने का प्रश्न उठाते हुए सर्वोच्च न्यायालय से यह मांग की थी कि पूरे देश में हर वर्ग, हर धर्म के लोगों के लिए एक समान जनसंख्या नियंत्रण कानून लाया जाए। हमारी सर्वोच्च न्यायालय से प्रार्थना थी कि वह इस संदर्भ में केंद्र सरकार को निर्देश दे। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि कानून बनाना केंद्र सरकार का काम है। वह इस मामले में उसे कोई आदेश नहीं दे सकता। लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर अभी तक कोई कानून नहीं लाया है। मेरा स्पष्ट मानना है कि यदि देश को विखंडित होने से बचाना है तो देश में अविलंब जनसंख्या नियंत्रण कानून लाया जाए।  

                  बता दें कि भाजपा-विहिप अवश्य यह मांग करती रही हैं कि देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाया जाए, लेकिन जब सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में केंद्र सरकार से उसकी राय मांगी थी तो इसी केंद्र सरकार ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की कोई आवश्यकता नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री भारती पवार ने जुलाई 2022 में राज्यसभा कहा था कि केंद्र सरकार ऐसा कोई कानून नहीं लाने जा रही है।
         उन्होने कहा कि कोई पार्टी क्या मांग करती है, क्या नहीं करती है, यह मेरा विषय नहीं है। मैं हिंदू धर्मगुरु हूं और हिंदू समुदाय और इस राष्ट्र के हितों की चिंता करना मेरा कार्य है। विश्व इतिहास और स्वयं भारत के अनुभव को देखते हुए देश में समान जनसंख्या नियंत्रण कानून लाना बेहद आवश्यक है। मेरा तो मानना है कि एक समान जनसंख्या नीति स्वयं मुसलमानों के भी हित में है। यदि देश की व्यवस्था अच्छी होगी तो उनके बच्चों के लिए भी एक बेहतर भविष्य होगा।

          स्वामी जी ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर क्या बोलेगी? सच्चाई तो यह है कि कांग्रेस की गहरी साजिश के कारण ही इस देश में हिंदुओं की आबादी घटी है। पहले तो इंदिरा गांधी ने कहा अपनी आबादी घटाओ, और जब हिंदुओं ने अपनी आबादी घटा ली तो आज उन्हीं के पोते राहुल गांधी कह रहे हैं कि ’जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी’। यानी पहले तो कांग्रेस ने साजिश कर हिंदुओं की आबादी घटा दी, और अब मुसलमानों को उनकी ज्यादा आबादी के आधार पर ज्यादा आरक्षण देने की बात कर रहे हैं। सीधे तौर पर यह दिखाई देता है कि कांग्रेस ने देश के हिंदुओं के साथ एक साजिश रची और आज उसी का परिणाम हमारे सामने दिखाई दे रहा है। देश के हिंदू समाज को यह सोचना चाहिए कि उसके साथ क्या हो रहा है?
         उन्होने कहा कि अच्छी शिक्षा इसका एक समाधान हो सकती है, लेकिन जब मदरसे में मुसलमान बच्चों को यह शिक्षा दी जाएगी कि नसबंदी कराना इस्लाम के खिलाफ है, और हिंदू बच्चे को उसके स्कूल में यह बताया जाएगा कि आबादी बढ़ने से गरीबी-बेरोजगारी बढ़ती है तो दोनों की आबादी में एक संतुलन कैसे आएगा। दरअसल आप एक और गंभीर बीमारी की तरफ इशारा कर रहे हैं। इस देश में हर समुदाय के बच्चे के लिए एक समान शिक्षा होनी चाहिए जिससे सबको एक समान विकास करने का अवसर मिले। यह तो नहीं हो सकता कि हिंदू देश के संविधान से चले और मुसलमान शरिया कानून के हिसाब से चले। लेकिन दुर्भाग्य है कि आज भी देश में दो अलग-अलग कानून चल रहे हैं। इसका समाधान निकाले बिना जनसंख्या-बेरोजगारी-गरीबी जैसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox