
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/देश-विदेश/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- डब्ल्यूएचओ ने जो देश लाॅक डाउन में ढील देने में जल्दबाजी कर रहे है उन्हे चेतावनी देते हुए कहा है कि अभी यह कोरोना का पहला चरण है जबकि कोरोना का दूसरा चरण अभी आना बाकि है जो पहले चरण से कहीं ज्यादा भयावह हो सकता है। डब्ल्यूएचओ ने दक्षिण कोरिया व चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि इन जैसे कई देशों में कोविड-19 के मामलों में गिरावट देखी जा रही है लेकिन जैसे सीओवी-2 इन देशों में एक खतरे का कारण बनता जा रहा है। वहीं भारत में आज स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 80,722 सक्रिय कोविड-19
के मामले हैं और जो इस संख्या में काफी वृद्धि कर सकते हैं। जबकि हम लॉकडाउन नियमों में आराम कर रहे हैं। जो काफी खतरनाक हो सकता है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि जो देश लॉकडाउन नियमों को आराम देते हैं। उन्हे संभल जाना चाहिए क्योंकि कोरोना का दूसरा चरण काफी खतरनाक हो सकता है। जिसकी हम स्वयं शुरूआत कर रहे हैं।ं जीवन सामान्य होने जा रहा है। न सिर्फ हमारे एशियाई भाई-बहनों को, बल्कि भारत में भी लॉकडाउन नियमों के तहत कार्यालयों में काफी छूट मिलती दिखाई दे रही है। बाजार काम कर रहे हैं और यहां तक कि उड़ानें फिर से शुरू हो रही हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि समुचित दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं परंतु फिर भी वास्तव में सबसे बुरा वक्त अभी खत्म नहीं हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन जो कम पड़ने वाले मामलों और सुस्त नियमों के लिए चेतावनी दे रहा है कि काविड-19 की दूसरी लहर आ रही है। विश्व में कौन कहता है कि दुनिया में ऐसे कई देश हैं, जो बहुत से कोपिड मामलों में भारी गिरावट दिखा रहे हैं लेकिन फिर भी खतरा खत्म नहीं हुआ है। बल्कि, जो लोग इन देशों को तत्काल दूसरे शिखर के बारे में चेतावनी दे रहे हैं। यदि वे संगठन के अनुसार प्रकोप को रोकने के उपाय करने पर जल्दी ही चुप हो जाएं, तो यह कोविड-19 का पहला चरण है। जब हम दूसरे चरण के बारे में वर्गीकृत रूप से बात करते हैं तो अक्सर हमारा मतलब होता है कि जो बीमारी की पहली लहर अपने आप ही होगी, और तब वह महीनों के बाद आती है और यह कई देशों के लिए कई महीनों में एक वास्तविकता हो सकती है। डब्ल्यूएचओ की एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में आपातकाल में सर डॉ. माइक रयान ने कहा कि हमें इस तथ्य के बारे में भी जानने की जरूरत है कि यह रोग किसी भी समय कूद सकता है। हम अनुमान नहीं लगा सकते कि सिर्फ इसलिए कि बीमारी नीचे उतर रही है-अब यह नीचे जा रही है और हमें कई महीने मिल रहे हैं दूसरी लहर के लिए तैयार होने के लिए हमें इस लहर में दूसरा शिखर मिल सकता है। जो काफी भयावह हो सकता है।
More Stories
क्या सर्दी में ज्यादा संतरे खाने से होते है नुकसान?
भाड़े के मकान में देह व्यापार ,आपत्तिजनक हालत में मिले युवक-युवती
अब आयुष्मान कार्ड से 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज ये है प्रोसेस
भारत शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में सूचीबद्ध होगा – PM
गृहमंत्री अमित शाह ने कहीं बड़ी बात, शिक्षा सिर्फ करियर को आकार देने के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण के लिए भी है
कृषि विज्ञान केंद्र उजवा में मनाया गया विश्व मृदा दिवस