दिल्ली में एक चैथाई आबादी के संक्रमित होने के स्रोत का पता नही

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

July 2024
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
July 27, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

दिल्ली में एक चैथाई आबादी के संक्रमित होने के स्रोत का पता नही

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- भले ही दिल्ली में कोरोना के मामलों में कमी आई है लेकिन फिर भी कोरोना के क्षेत्र में बढ़ौतरी हुई है। ऐसे अनेकों मामले है जहां कंटेनमेंट और बफर जोन से बाहर भी कोरोना से संक्रमित मरीज मिल रहे है। हालांकि दिल्ली में अभी भी सरकार सामुदायिक फैलाव को लेकर इंकार ही कर रही है लेकिन फिर भी दिल्ली की एक चैथाई आबादी के संक्रमित होने की प्रशासन के पास कोई जानकारी नही है जिसे इस बात को बल मिलता है कि दिल्ली में कोरोना का सामुदायिक फैलाव हो चुका है।
भले ही दिल्ली में पीक से पहले कोरोना वायरस की वापसी देखने को मिली हो, लेकिन एक स्याह सच यह भी है कि राजधानी के मरीजों में संक्रमण के स्रोत का पता ही नहीं चल पा रहा है। कम से कम एक चैथाई मरीज ऐसे हैं जिन्हें यह ही नहीं पता कि वे संक्रमण की चपेट में कैसे आए? सरकार या प्रशासनिक स्तर पर भी इसकी कोई जानकारी नहीं है। यह स्थिति तब है जब हर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वालों की पहचान, जांच और आइसोलेशन अनिवार्य है। इतना ही नहीं, दिल्ली में कंटेनमेंट या बफर जोन के साथ बाहरी क्षेत्रों में भी संक्रमण के मामले मिल रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं की महानिदेशक डॉ. नूतन मुंडेजा का कहना है कि ऐसे तकरीबन 24 से 25 फीसदी मरीज हैं जो कंटेनमेंट या बफर जोन से बाहर के निवासी हैं, जबकि कई इलाकों में यह संख्या काफी ज्यादा है।
स्वास्थ्य विभाग के ही एक अन्य अधिकारी ने बताया कि संक्रमित मरीजों से ज्यादा उनके संपर्क में आने वाले लोगों की पहचान कर पाना काफी मुश्किल हो रहा है। फील्ड का दौरा करने वाली टीमों को सबसे ज्यादा दिक्कत लोगों से सहयोग न मिल पाना भी है। कई बार लोग झूठी जानकारी देकर टीम को भ्रमित तक कर देते हैं। ऐसे में उम्मीद यही की जा सकती है कि लोग मेडिकल टीम का पूरा सहयोग करते हुए कोरोना वायरस की इस लड़ाई को मिलकर कामयाबी तक पहुंचाएं। हालांकि, उनका यह भी मानना है कि संक्रमण का स्रोत पता न होने का मतलब सीधे तौर पर सामुदायिक फैलाव की ओर इशारा है, लेकिन इस बारे में पुष्टि करने का अधिकार दिल्ली का नहीं बल्कि केंद्र सरकार का है, जो शुरुआत से अब तक देश में सामुदायिक फैलाव से इंकार करते आए हैं। दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, चेन्नई जैसे शहरों में इसकी झलक देखने को मिल चुकी है।
सफदरजंग अस्पताल के सामुदायिक चिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ. जुगल किशोर का मानना है कि दिल्ली में काफी समय पहले ही कोरोना वायरस का सामुदायिक फैलाव शुरू हो चुका है। सैंकड़ों-हजारों संक्रमित मरीजों में अब तक संक्रमण के स्रोत का पता नहीं चल पाया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी एक महीने पहले सामुदायिक फैलाव की पुष्टि करते हुए कह चुके हैं कि 30 फीसदी आबादी को कोरोना हुआ और वह ठीक भी हो गए। उन्होंने यहां तक कहा है कि दिल्ली में ऐसे बहुत से मामले हैं जिनमें हमें संक्रमण के स्रोत का पता नहीं है।
जिला स्तर पर बात करें तो 11 में से ज्यादातर जिलों में कोरोना संक्रमित मरीज अब नए-नए इलाकों में मिल रहे हैं। उत्तर-पूर्वी दिल्ली जिला प्रशासनिक कार्यालय में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनके यहां करीब तीन से चार हजार संक्रमित मरीज ऐसे हैं जो कंटेनमेंट जोन से बाहर रहते हैं। इनमें से ज्यादातर में संक्रमण के स्रोत का नहीं पता है। शाहदरा जिला में 8312 में से 7804, पूर्वी दिल्ली में 1400 में से 700, मध्य दिल्ली में 1499 में से 700 और उत्तरी दिल्ली जिला प्रशासन के अनुसार एक हजार में से 800 मरीज कंटेनमेंट जोन से बाहर मिल चुके हैं। ठीक इसी तरह दक्षिणी-पश्चिमी दिल्ली जिला प्रशासन के अनुसार उनके यहां ऐसे मरीजों की संख्या करीब 80 फीसदी तक है।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox