जलजले की असली वजह आई सामने, वैज्ञानिकों ने किया खुलासा

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

October 2024
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
October 18, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

जलजले की असली वजह आई सामने, वैज्ञानिकों ने किया खुलासा

-ग्लेशियर टूटने से नहीं बल्कि इस वजह से आई आपदा, इसरो के वैज्ञानिकों ने बताई असली वजह

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/-उत्तराखंड में चमोली के रैणी गांव में आई आपदा को लेकर इसरो के वैज्ञानिकों ने अहम जानकारी दी है। अभी तक माना जा रहा था कि ग्लेशियर टूटने से आपदा आई है। लेकिन अब सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों से वैज्ञानिकों ने आपदा की असली वजह साफ की है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि क्षेत्र में ग्लेशियर नहीं टूटा बल्कि भारी मात्रा में बर्फ पिघलने से आपदा आई है। आज हुई बैठक में इसरो के वैज्ञानिकों ने सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों से साफ किया कि यह आपदा ग्लेशियर टूटने से नहीं आई। तापमान बढ़ने से बर्फ पिघली और यह हादसा हो गया। तस्वीरों के माध्यम से प्रारंभिक रूप से ये ही जानकारी सामने आई है। अभी अध्ययन किया जा रहा है जिससे ज्यादा जानकारी सामने आ सके।
डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि चमोली हादसे में अभी तक लगभग 202 लोगों के लापता होने की सूचना है। वहीं 19 लोगों के शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किए गए है। राहत-बचाव कार्य त्वरित रूप से जारी है।
चमोली जिला प्रशासन की पूरी टीम रविवार से ही क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों में लगी है। अन्य जिलों से भी अधिकारी मौके पर भेजे गए हैं, ताकि आपदा ग्रस्त इलाकों में जोशव मिलें, उनकी पहचान और पोस्टमार्टम जल्द हो सके। वहीं, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और आईटीबीपी की टीम भी लोगों की खोज में लगी हुई है। एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान ने बताया कि ढाई किलोमीटर लंबी सुरंग में से 27 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। 40 से 50 लोग अभी सुरंग में फंसे हुए हैं। शेष लोगों के मलबे में बह जाने की आशंका है। सभी मजदूरों की खोज की जा रही है।
आपदा के कारणों का पता लगाने के लिए वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों की दो टीमें भी रवाना कर दी गई हैं। संस्थान की ओर से भेजे गए वैज्ञानिकों की टीमों में संस्थान के हाइड्रोलॉजिस्ट और जियोमार्फोलाजिस्ट शामिल हैं जो आपदा से जुड़े तमाम वैज्ञानिक पहलुओं का अध्ययन करने के साथ ही इस बात का पता लगाएंगे कि ऋषिगंगा आपदा की वजह क्या रही।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox