चुनाव के पहले ही मुझसे हार मान चुकी है सरकार- अमित

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

March 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
24252627282930
31  
March 26, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/रायपुर/बिलासपुर/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- मुझे चुनाव लड़ने से रोकने के लिए सरकार ने सभी हदें पार कर दी हैं। पहले तो कानून की धज्जियाँ उड़ाईं और जब पकड़े गए तो अपनी गलतियों को सही करने के लिए कानून को ही मनमाने ढंग से बदल दिया। यह आरोप जनता कांग्रेस छतीसगढ़ के अध्यक्ष अमित जोगी ने लगाया छत्तीसगढ़ सरकार पर लगाया है। उन्होने आगे कहा कि इस से स्पष्ट हो गया है कि सरकार ने चुनाव से पहले अपनी हार मान ली है। और चुनावों में जीत के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकने और हजारों करोड़ों की घोषणा करने के बाद भी सरकार अपनी जीत सुनिश्चित नही कर पा रही है। यह उसी हताशा का नतीजा है।
श्री जोगी ने कहा कि मुझे मरवाही की जनता के बीच में जाने से रोकने की बदनीयत से 24 सितम्बर 2020 को सरकार ने एससी-एसटी व ओबीसी अधिनियम 2013 के नियमों में ये 4 अवैधानिक और मनमाने संशोधन करे हैं।

  1. जिला छानबीन समिति का गठन कलेक्टर कर सेकेंगे (इसे पहले राज्यपाल गठित करते थे)
  2. उस में 5 सदस्य रहेंगे (पहले 6 सदस्य थे)
  3. अधिकतम 15 दिन जवाब नहीं मिलने पर उसको एक-पक्षीय प्रमाण पत्र निलम्बित करने का अधिकार प्राप्त होगा (इसके पहले उसे प्रमाण पत्र रद्द करने का कोई अधिकार नहीं प्राप्त था)
  4. राज्य छानबीन समिति बिना सतर्कता समिति का गठन किए केवल कारण बताओ नोटिस के आधार पर प्रमाण पत्र निरस्त कर सकेगी
    पूर्व में बिना सतर्कता समिति की सम्पूर्ण जाँच के राज्य समिति प्रमाण पत्र निरस्त नहीं कर सकती थी। हालाँकि कानून में प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के विपरीत इन चारों संशोधनों का पूर्ववर्ती प्रक्रियाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए किंतु डूबती सरकार तिनके का सहारा लेने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। सरकार पर मरवाही की जनता का प्यार भारी पड़ रहा है और इसी लिए युद्ध का शंखनाद होने के पहले ही वो हार मान चुकी है!

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox