कोरोना में सरकार द्वारा भेजी गई सहायता राशि में हुई गड़बड़झाला

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

November 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
24252627282930
November 13, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

कोरोना में सरकार द्वारा भेजी गई सहायता राशि में हुई गड़बड़झाला

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/गुरूग्राम/नई दिल्ली/प्रदीप यादव/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कोरोना संक्रमण के चलते किए गए लॉकडाउन में अपने घर से दूर राहत शिविरों में रहने वाले लोगों की मदद करने में आमजन ने कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन कुछ अधिकारी तो केवल वाह-वाही लूटते रहे और सरकार ने जो सहायता राशि भेजी उसमें भी गड़बड़झाला किया गया। जरूरतमंदों को बांटने के वास्ते सामान दोगुने रेट पर बिना जीएसटी चुकाए कच्चे बिल पर खरीदा गया। यह बात सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में सामने आई है, जिसके बाद अधिकारियों की नींद उड़ी और अब जांच कराने की बात कह रहे हैं।
सहायता राशि एसडीएम कार्यालय व नगर परिषद के माध्यम से खर्च की जानी थी। सोहना निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता तरुण द्वारा लगाई गई आरटीआइ में जवाब मिला कि कोरोना संकट के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सोहना को 20 लाख रुपये की सहायता राशि दी गई, जिसमें से 10.06 लाख रुपये की रकम अभी बची है। शेष खर्च कर दी गई। शेष रकम भी अन्य मद में दी जानी है।
खर्च की राशि में शिविर में रह रहे महिलाओं व पुरुषों के लिए किट खरीदी गई, जिसमें नहाने का साबुन, टूथपेस्ट, शेविंग का सामान, तेल आदि सामानों वाली पुरुषों के लिए एक किट 816 रुपये में खरीदी गई। महिलाओं के लिए 780 रुपये में किट ली गई, जबकि केंद्र सरकार ने इसके लिए पांच सौ रुपये रेट तय किए थे। किट भी कच्चे बिल पर खरीद ली गई। तरुण का आरोप है कि गड़बड़झाला किया गया है। इसकी जांच मुख्यमंत्री के उड़नदस्ते से कराई जानी चाहिए। इस मामले का हमारे कार्यालय से कोई संबंध नहीं है। हमने तीन अधिकारियों की कमेटी बनाई थी। कमेटी द्वारा सामान खरीदा गया। खरीदे गए सामान का ऑडिट कराया जाएगा। गड़बड़ी मिलने पर दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा।

About Post Author

आपने शायद इसे नहीं पढ़ा

Subscribe to get news in your inbox