
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली सरकार ने गुरुवार को दूसरे सीरो सर्वे की रिपोर्ट जारी कर दी है। इसके अनुसार सर्वे में 29.1 फीसदी लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी मिले हैं। यह पिछले सर्वे के मुकाबले छह फीसदी ज्यादा है। यह सर्वे एक अगस्त से सात अगस्त के बीच में दिल्ली के विभिन्न जिलों के 15 हजार लोगों पर किया गया।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि, इसमें 15,000 लोगों के सैंपल लिए गए थे। 28.3ः पुरुषों और 32.2ः महिलाओं में एंटीबॉडी मिले हैं। सर्वे में सभी आयु वर्ग के लोगों को शामिल किया गया था। अच्छी बात ये है कि 29ः लोग ठीक हो चुके हैं लेकिन क्योंकि अभी भी हर्ड इम्यूनिटी के लेवल तक नहीं पहुंचे हैं, इसलिए जो लोग बचे हैं उनको संक्रमण का डर है।
उन्होंने कहा कि, इस बार के परिणाम में देखने को मिला है कि जिस इलाके में पिछली बार सबसे ज्यादा एंटीबॉडी मिले थे, वहां इस बार सबसे कम हैं। वहीं पिछली बार जहां सबसे ज्यादा एंटीबॉडी मिले थे, वहां सबसे ज्यादा हैं। उन्होंने बताया, उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सबसे कम बढ़ोतरी हुई है, जो पिछली बार सबसे ज्यादा थी। दूसरी तरफ सबसे ज्यादा बढ़ोतरी साउथ-ईस्ट में 22-50ः की हुई है।
सत्येंद्र जैन ने ये भी कहा कि, दिल्ली में एक समय संक्रमण दर 30ः पहुंच गया था। अभी यह छह प्रतिशत पर है। रिकवरी रेट भी बढ़कर 90 फीसदी से ज्यादा हो गया है। सरकार कोरोना के खिलाफ मजबूती से कदम उठा रही है और हालात लगातार बेहतर होते जा रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि 50 से 70 प्रतिशत लोग संक्रमित होकर ठीक हो जाते हैं तो सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बन जाती है( हर्ड इम्युनिटी) बन जाती है। सफदरजंग अस्पताल के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉक्टर जुगल किशोर बताते हैं कि अगर किसी क्षेत्र में 50 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी मिलते हैं तो यह खतरा कम कर देने वाला होगा। ऐसी स्थिति में कोरोना संक्रमण के मामले कम हो जाएंगे। अगर लगभग हर दूसरे व्यक्ति में एंटीबॉडी होंगे तो कोरोना का प्रसार बहुत कम हो जायेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक, 50 से 60 फीसदी लोगों को तो कोरोना संक्रमण होगा नहीं क्योंकि उनके अंदर वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी विकसित हो चुके होंगे, इससे बची हुई आबादी को कोरोना का खतरा तो होगा, लेकिन आधे लोगों के इम्यून होने की वजह से यह तेजी से नहीं फैलेगा।
एम्स के चिकित्सकों का कहना है कि अभी तक एंटीबॉडी बनने यानी शरीर में कोरोना के खिलाफ कब तक लड़ने की क्षमता विकसित हुई है इस पर कई शोध हुए हैं। इनके मुताबिक 70 से 90 दिनों तक शरीर में कोरोना से लड़ने वाले एंटीबॉडी बचे हो सकते हैं। उन्होंने एक अन्य शोध के हवाले से कहा कि एंटीबॉडीज 73 दिनों में आधे हो जाते हैं।
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