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    दिनचर्या में स्वच्छता से चर्म रोगों से बचाव सम्भव-डॉ प्रियेश ठाकरान

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में ष्चर्म रोग कारण व निवारणष् विषय पर ऑनलाइन आर्य गोष्ठी का आयोजन गूगल मीट पर किया गया।यह कॅरोना काल मे परिषद का 88वा वेबिनार था।
    मुख्य वक्ता डॉ प्रियेश ठाकरान (एम्स, नई दिल्ली) ने कहा कि चर्म रोग के लक्षणों और गंभीरता में काफी भिन्नताएं हैं। यह दर्द रहित या दर्दयुक्त दोनों ही तरह के हो सकते हैं। कुछ मामलों में यह स्थितिजन्य हो सकते हैं, जबकि अन्य में यह आनुवांशिक भी होते हैं। कुछ त्वचा विकारों की स्थिति बेहद ही सुक्ष्म होती है, और कुछ जीवन के लिए खतरनाक हो सकते हैं।अधिकांश चर्म रोग सुक्ष्म होते हैं, जबकि अन्य एक अधिक गंभीर समस्या की ओर संकेत करते है। यदि आपको इनमें से कोई त्वचा संबंधी समस्या हो तो बिना देर किए अपने चिकित्सक से शीघ्र संपर्क करना चाहिए।साथ हीं दैनिक दिनचर्या में स्वच्छता अपना कर चर्म रोगों से बचाव सम्भव है।
    केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि शरीर की पूर्ण सफाई न करने, निर्धनता, निरंतर स्नान न करने तथा रोगी पशुओं की त्वचा के स्पर्श से अधिकतर चर्म रोग हो जाते हैं। लोग यह सोचते हैं कि इन रोगों के जीवाणुओं को मारने के लिये तीव्र से तीव्र औषधियों का प्रयोग करना चाहिए। ऐसा करने से त्वचा को बहुत हानि पहुँचती है। त्वचा हमारे शरीर के लिये दर्पण के समान है, जिसपर हँसी, प्रसन्नता, दुरूख तथा खिन्नता का प्रभाव तुरंत पड़ता है।साथ हीं जीवनशैली में बदलाव भी आवश्यक है।
    मुख्य अतिथि शिक्षाविद सीमा भाटिया, (प्रधानाचार्या,दयानन्द मॉडल स्कूल, विवेक विहार) ने कहा कि त्वचा पर अन्य अंगों के रोग का भी प्रभाव पड़ता है, जैसे मधुमेह और पीलिया रोगों में शरीर पर खुजली हो जाती है। इसलिए दवाइयों का प्रयोग बिना चिकित्सक की सलाह के नही करना चाहिए। कार्यक्रम के अध्यक्ष ईश कुमार आर्य (राज्य प्रभारी,पतंजलि योगपीठ हरियाणा) ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से समाज मे स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा होती है।केन्द्रीय आर्य युवक परिषद निरन्तर देश, समाज व स्वास्थ्य के प्रति अनेकों वेबिनार के माध्यम से लोगों को तनावमुक्त कर रही है इसके लिए पूरी टीम बधाई की पात्र हैं।
    प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि खानपान में आवश्यक पौष्टिक पदार्थों की कमी के कारण भी त्वचा पर विभिन्न रोगों का प्रभाव पड़ता हैं।हम सात्विक आहार अपना कर रोगों से लडने की क्षमता को बढ़ा सकते है। कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया व समाज सेवी आर्य नेता स्वामी अग्निवेश के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक व्यक्त किया गया। गायिका संगीता आर्या, संध्या पाण्डेय, दीप्ति सपरा, प्रतिभा सपरा, गीता गर्ग, रविन्द्र गुप्ता (फरीदाबाद), आदर्श सहगल, नरेश खन्ना, पुष्पा चुघ, उर्मिला आर्या(गुरुग्राम), देवेन्द्र गुप्ता आदि ने गीत संगीत से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से आचार्य महेन्द्र भाई, आनन्द प्रकाश आर्य, वीरेन्द्र आहूजा,प्रकाशवीर शास्त्री, अभिमन्यु चावला सोहन लाल मुखी,डॉ रचना चावला,डॉ करुणा चांदना आदि उपस्थित थे।

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