नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- राज्य सभा में किसान बिल को लेकर अभी भी विपक्ष के सांसद धरना व प्रदर्शन ही कर रहे है जबकि किसान बिल के साथ-साथ श्रम सुधार कानून भी बिना विपक्ष के पास हो गया और राज्यसभा सत्र स्थगित भी हो गया लेकिन फिर भी े सभी विपक्षी सांसदों ने संसद भवन में परिक्रमा कर अपना विरोध प्रकट किया और सरकार की मनमानी के खिलाफ नारे भी लगाए। उनके हाथों में सेव फार्मर्स, सेव डोमोक्रेसी, सेव वर्कर्स लिखे प्लेकार्ड्स थे।
किसान बिलों को लेकर विपक्ष का विरोध कम होता नहीं दिख रहा है. संसद के दोनों सदनों के भीतर हंगामा करने के बाद विपक्ष इसे संसद से बाहर ले जाने की भी तैयारी कर रहा है। आज संसद भवन परिसर में राज्य सभा के सभी विपक्षी सांसदों ने किसान बिल का एक बार फिर विरोध किया. विरोध करने के लिए उन्होंने आज संसद भवन में मार्च किया। सभी सांसदों ने संसद भवन परिसर की परिक्रमा की और विरोध में नारे लगाए. विपक्ष के सभी सांसदों ने कल ही राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया था। किसान बिल के प्रावधानों को लेकर तो विपक्षी सांसदों का विरोध है ही, साथ ही वह इस बात का भी विरोध कर रहे हैं जिस तरह से राज्यसभा में इन सभी बिलों को पारित करवाया गया। उनका आरोप है कि बिलों को पारित करवाने में नियमों का पालन नहीं किया गया और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया।
विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले सांसदों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी, आरजेडी, समाजवादी पार्टी, डीएमके और लेफ्ट सांसदों समेत कई अन्य दलों के सांसद मौजूद थे। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने विरोध मार्च की अगुवाई की। किसानों से जुड़े तीनों बिल संसद से पारित हो चुके हैं और अब उन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार है हालांकि विपक्ष के सांसदों ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को एक पत्र लिखकर इन बिलों को मंजूरी नहीं देने का अनुरोध किया है। बिल पारित होने का पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में किसान संगठन जबरदस्त विरोध कर रहे हैं।

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