नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का पहला साल देशहित में सफलता भरा माना जा रहा है। हालांकि इस एक साल में कुछ फैसलों पर सरकार का विरोध भी हुआ लेकिन फिर भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई बड़े और ऐतिहासिक फैसलों के साथ राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर और अर्थव्यवस्था से लेकर सामाजिक सरोकार तक अहम फैसले लेकर साफ किया है कि वे दूसरे कार्यकाल में देश को आत्मनिर्भरता की तरफ ले जाने की तैयारी कर चुके हैं।
पहले कार्यकाल से भी ज्यादा सीटों को जीतकर आए मोदी ने पहले दिन से ही साफ कर दिया कि वे बड़े फैसलों की तैयारी कर चुके हैं। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले साल में महत्वपूर्ण उपलब्धियों में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा और तीन तलाक को खत्म करने जैसे कड़े कदम उठाने के अलावा नागरिकता संशोधन कानून और बैंकों के विलय से जुड़े फैसले भी शामिल हैं। इनके साथ उन्होंने कोरोना काल में तमाम कड़े निर्णय लेने और उन्हें प्रभावी तरीके से लागू करवाने में सफलता हासिल की।
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में सबसे अहम फैसला जम्मू-कश्मीर राज्य को लेकर लिया। संसद की मंजूरी से जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 को हटा दिया और इसके साथ राज्य को दो हिस्सों में बांट भी दिया। अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश हैं। मोदी सरकार के इस फैसले के बाद कश्मीर में भी एक देश, एक विधान और एक निशान की व्यवस्था लागू हो गई है।
नागरिकता संशोधन कानून
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में नागरिकता संशोधन कानून दूसरा बड़ा फैसला रहा। तमाम विरोधों को दरकिनार करते हुए इसे पूरे देश में लागू कर दिया गया। इसका देश में विरोध भी हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री तक ने यह बात स्पष्ट जरूर की कि इस कानून के जरिए किसी की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी, बल्कि इसे तो नागरिकता देने के लिए लाया गया है।
तीन तलाक की समाप्ति
मोदी सरकार ने दूसरी बार सत्ता में आते ही अपने वादे के मुताबिक सबसे पहले मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से निजात दिलाने का कदम उठाया था। मोदी सरकार ने तीन तलाक पर पाबंदी के लिए मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019 को लोकसभा और राज्यसभा से पारित कराया। इसके बाद एक अगस्त 2019 से तीन तलाक देना कानूनी तौर पर जुर्म बन गया।
कई बैंकों का विलय
मोदी सरकार ने देश में आर्थिक सुधार की दिशा में दस सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का अहम कदम भी उठाया। इसके तहत ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया गया। सिंडिकेट बैंक को केनरा बैंक और इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक में मिलाया गया। आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से जोड़ने का ऐलान किया गया। इस विलय से बैंकों को बढ़ते एनपीए से काफी राहत मिली। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने बैंकों के लिए 55,250 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा भी की थी।
कोरोना से निपटने में देश को एकजुट किया
कोरोना वायरस को देश में फैलने से रोकने के लिए मोदी सरकार ने कई फैसले लिए। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और लोगों की मदद के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा भी की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े दावा करते हैं कि कठिन परिस्थितियां होने के बावजूद मोदी सरकार देश में कोरोना के कहर को रोकने में काफी हद तक सफल रही। जनता कर्फ्यू से लेकर लंबा लॉकडाउन भी किया।
आत्मनिर्भर भारत का नारा
वैश्विक मंदी के दौर में कोरोना महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका दिया, जिससे उबरने के लिए प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया। दरअसल पीपीई किट की कमी ने और चीन से घटिया किट की आपूर्ति के बाद यह समझ आ गया कि अब कई मोर्चों पर लंबी लड़ाई लड़नी है और उसके लिए आत्मनिर्भर बनना होगा।
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