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    NTA पर पड़ा सवालों का भंडार, क्रेडिट कार्ड बेचने वालों को एग्जाम में बनाया ऑब्जर्वर

    नई दिल्ली/सिमरन मोरया/- नीट परीक्षा में पेपर लीक के बाद लगातार एनटीए पर सवाल उठ रहे है। वहीं एनटीए की तरफ से करवाई गई तमाम परीक्षाओं में गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। इस बीच एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है, जो परीक्षा में ऑब्जर्वर बनाने से जुड़ी है। जानकारी के मुताबिक, क्रेडिट कार्ड बेचने वालो से लेकर स्कूल शिक्षकों तक सभी को परीक्षा में ऑब्जर्वर के रूप में कार्य करने का अवसर दिया गया था। इसके अलावा कुछ ऐसे लोगों को भी ऑब्जर्वर की जिम्मेदारी दी गई है, जो कोई जॉब नहीं करते हैं। इस चीज को लेकर कई शिक्षा मंत्रालय से शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

    बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर का कहना है कि ऑब्जर्वर किसी भी सेंटर का सर्वेसर्वा होता है। वहीं स्ट्रांग रूम से क्वेश्चन पेपर लेकर आता है। कौन सा कक्ष निरीक्षक कौन से रूम में ड्यूटी करेगा, ये भी ऑब्जर्वर ही तय करता है। ऑब्जर्वर हो या इनविजिलेटर, उसे ड्यूटी देने से पहले पूरा वेरिफिकेशन होता है कि कही कोई उसका बेटा, बेटी या रिश्तेदार उस केंद्र पर परीक्षा तो नहीं दे रहा है।

    इन्हें बनाया जाता है ऑब्जर्वर

    इनविजीलेशन के लिए भी सरकारी या मान्यता मिली हुई स्कूल या कॉलेज के अध्यापक ही पात्र होते हैं। परीक्षा केंद्र पर किसी भी घटना के लिए ऑब्जर्वर जिम्मेदार होता है लेकिन एनटीए इतनी बड़ी-बड़ी प्रतियोगी परीक्षाएं कराता है। ये एजेंसी सिर्फ परीक्षा कराती है लेकिन मनमानी का आलम देखने लायक है। ये एजेंसी जो प्रतियोगी परीक्षाएं कराती हैं, उनमें शामिल होने वाले छात्र लाखों रुपये खर्च करके तैयारी करते हैं, जिससे छात्रों का भविष्य बनता है, उसके प्रति ही ये इतना लापरवाह हैं।

    ऐसे बना था NTA

    2017 में वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में NTA की घोषणा की थी। कैबिनेट ने भी इसे पास किया गया था। सरकार ने जनरल विनीत जोशी को NTA का पहला डायरेक्टर बनाया था। जोशी 1992 बैच के मणिपुर कैडर के आईएएस अधिकारी रहे थे। 7 जुलाई 2018 को तत्कालीन शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की थी कि NTA JEE मेन, NEET UG, NET कॉमन मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट और ग्रेजुएट फार्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट कराएगा।

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